बच्चों में लगातार होने वाले पैर व पीठ दर्द को न करें इग्नोर, जो हो सकते हैं Juvenile Arthritis के संकेत
जुवेनाइल आइडियोपैथिक अर्थराइटिस यानी JIA बचपन में होने वाला जोड़ों का रोग है। ये बच्चों में 16 साल की उम्र से शुरु होने वाली बीमारियों में से एक है जिसमें जोड़ों में लगातार या कभी-कभी सूजन रहती है। जिसे कम करने के लिए बच्चों को दवाइयां दी जाती हैं। इसमें बच्चों को चलने-फिरने में परेशानी हो सकती है। अगर इलाज न किया जाए तो ये कई सालों तक रहता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। एक वक्त था, जब अर्थराइटिस की समस्या 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में ही देखने को मिलती थी, लेकिन अब ये बीमारी कम उम्र के लोगों को भी अपना शिकार बना रही है। बच्चों में भी ये प्रॉब्लम देखने को मिल रही है। बचपन में होने वाले अर्थराइटिस को जुवेनाइल अर्थराइटिस कहा जाता है, तो क्या है इस बीमारी की वजह, इसके लक्षण और कैसे बचा सकते हैं इससे बच्चों को, जानेंगे इस बारे में।
क्या है जुवेनाइल अर्थराइटिस?
जुवेनाइल अर्थराइटिस बच्चों में गठिया का एक रूप है। गठिया के कारण जोड़ों में सूजन और अकड़न आ जाती है। यह बीमारी 16 साल या उससे कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है। जुवेनाइल अर्थराइटिस एक ऑटो इम्यून बीमारी है। बच्चों में यह बीमारी ठीक तो हो जाती है, लेकिन बढ़ते बच्चों में यह हड्डियों की ग्रोथ को प्रभावित कर सकती है। दुनियाभर में जुवेनाइल अर्थराइटिस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
जुवेनाइल अर्थराइटिस के कारण?
आपको बता दें कि अगर आपके परिवार में किसी को अर्थराइटिस की समस्या है तो बच्चों में भी इसके होने का खतरा बढ़ जाता है। अर्थराइटिस जेनेटिक बीमारी होती है, इसलिए यूथ में यह बीमारी तेजी से कम उम्र में ही बढ़ रही है। इसके अलावा अनहेल्दी लाइफस्टाइल भी इसकी वजह बन रही है। बच्चे फोन, टीवी, मोबाइल में इस कदर व्यस्त हैं कि उनकी फिजिकल एक्टिविटी जीरो हो चुकी है, जिससे हड्डियों पर असर पड़ रहा है। हड्डियों को हेल्दी रखने के लिए खानपान के साथ एक्सरसाइज भी बहुत जरूरी है। इसके अलावा डाइट में न्यूट्रिशन की कमी से भी ये प्रॉब्लम हो सकती है।जुवेनाइल अर्थराइटिस के लक्षण
- जोड़ों में दर्द रहना
- रूक-रूककर दर्द होना
- चलने-फिरने में परेशानी
- जोड़ों में अकड़न
- बैठने पर तेज दर्द हो जाना
- उंगली पर गांठ या हाथ-पैर की उंगलियों की हड्डी का बढ़ना
बरतें ये सावधानियां
- सबसे पहले बच्चों की लाइफस्टाइल सुधारें। उन्हें फिजिकल एक्टिविटीज के लिए प्रोत्साहित करें।
- सर्दी हो या गर्मी गुनगुने पानी से नहाएं।
- डाइट में एंटी-इन्फ्लेमेटरी फूड्स को शामिल करें।
- डॉक्टर से सलाह मशविरा के बाद ही किसी तरह की फिजिकल एक्टिविटी रूटीन में शामिल करें।
- गठिया के लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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