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क्या है मैनिंजाइटिस, जानें-इसके लक्षण और बचाव

यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। मैनिंजाइटिस कई प्रकार के होते हैं। इनमें बदलते मौसम में होने वाले बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस अधिक खतरनाक है। लापरवाही बरतने पर दिमागी बुखार जानलेवा साबित हो सकता है।

By Umanath SinghEdited By: Updated: Fri, 09 Apr 2021 11:21 PM (IST)
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लापरवाही बरतने पर दिमागी बुखार जानलेवा साबित हो सकता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। मैनिंजाइटिस एक संक्रामक रोग है, जो मेनिन्जेस में सूजन के चलते होती है। मेनिन्जेस क्षिल्लियों को कहते हैं, जो मस्तिष्क की सुरक्षा कवच होती हैं। मेनिन्जेस मस्तिष्क और रीढ़ की ढ़ककर रखती है। इन झिल्लियों में सूजन आने के चलते दिमागी बुखार होता है। यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। मैनिंजाइटिस कई प्रकार के होते हैं। इनमें बदलते मौसम में होने वाले बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस अधिक खतरनाक है। लापरवाही बरतने पर दिमागी बुखार जानलेवा साबित हो सकता है। इसके लिए लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आप इस बुखार से वाकिफ नहीं है, तो आइए इसके बारे में सब कुछ जानते हैं-

मैनिंजाइटिस  के लक्षण

मैनिंजाइटिस में संक्रमित व्यक्ति को सिर दर्द, बुखार, उल्टी, त्वचा और होंठ का पीला होना, ठंड लगना आदि लक्षण पाए जाते हैं। बदलते मौसम में दिमागी बुखार का खतरा अधिक रहता है। इससे बच्चे अधिक संक्रमित होते हैं।

बचाव

यह एक संक्रामक रोग है। इसके लिए आवश्यक सावधानियां जरूर बरतें। नियमित अंतराल पर हाथों को धोएं। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क के समय मुंह को ढककर रखना चाहिए। अगर घर में कोई व्यक्ति मैनिंजाइटिस से पीड़ित रहे, तो साफ़-सफाई का विशेष ख्याल रखें।

साफ़-सफाई जरूरी है

बदलते मौसम में साफ़ सफाई जरूरी है। इससे संक्रमण का जोखिम कम हो जाता है। इसके लिए कोई भी चीज किसी से साझा न करें। खासकर टूथपेस्ट, टॉवल, साबुन आदि चीजों के सा्र्वजनिक इस्तेमाल से परहेज करें।

पानी अधिक पिएं

डॉक्टर हमेशा रोजाना 2-3 लीटर पानी पीने की सलाह देते हैं। इससे शरीर में मौजूद टॉक्सीन बाहर निकल जाता है। इसके लिए शारीरिक क्षमता अनुसार पानी जरूर पिएं।

डॉक्टर से संपर्क करें

मैनिंजाइटिस के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें। चूंकि यह दिमागी बुखार है। लापरवाही बरतना जानलेवा हो सकता है। इसके लिए तत्काल डॉक्टर से संपर्क कर उपचार करवाएं। इसके अलावा, सही दिनचर्या का पालन, उचित खानपान और रोजाना वर्कआउट जरूर करें। इससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।