आखिर क्या है MERS-CoV, जिसका एक मामला यूएई में पाया गया?
MERS-CoV कोरोना अभी पूरी तरह से गया भी नहीं है कि एक और एक और बीमारी के खतरे के संकेत मिलने लगे हैं। हाल ही में WHO ने अबु धाबी में मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस पॉजिटिव एक केस की पुष्टि की है। हालांकि यह इसके कुछ केस कोरोनावायरस के आने से बहुत पहले ही मिल चुके थे। आइये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Thu, 27 Jul 2023 11:55 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। MERS-CoV: कोरोना वायरस का कहर अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ कि इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने अबु धाबी में मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस (MERS-CoV) के एक मामले की पुष्टि की है। WHO के मुताबिक, अबु धाबी के अल ऐन सिटी में रहने वाले एक 28 वर्ष के युवक में इस बीमारी के लक्षण देखे गए, जिसके बाद टेस्ट से इस बीमारी की पुष्टि की गई। यूएई सरकार ने बीते 10 जुलाई को जानकारी दी।
मरीज जुलाई 3 और 7 के बीच कई बार प्राइवेट मेडिकल सेंटर पहुंचा था। जहां उसने उल्टी, पेट के ऊपरी हिस्से में दाहिनी ओर दर्द और डायसूरिया यानी पेशाब करने में दर्द की शिकायत की थी।13 जुलाई तक उसकी हालत गंभीर हो गई और उसे आईसीयू में भर्ती किया गया, जहां उसे मैकेनिकल वेंटिलेशन में रखा गया। नौजवां मरीज का न तो इस बीमारी के साथ कोई इतिहास है या न ही बकरी, ऊंट या फिर भेड़ के साथ किसी तरह का संपर्क हुआ, लेकिन फिर भी नेजल स्वैब में MERS-CoV पॉजिटिव पाया गया।
जैसे ही टेस्ट का रिजल्ट पॉजिटिव आया, यूएई के अधिकारियों ने मरीज के संपर्क में आए 108 कॉन्टेक्ट्स को ढूंढा और 14 दिनों तक मॉनिटर किया। अच्छी बात यह रही कि दूसरा केस सामने नहीं आया।यूएई में इससे पहले MERS-CoV का मामला आखिरी बार नवंबर 2021 में रिपोर्ट किया गया था। वहीं, गल्फ देशों में पहला मामला जुलाई 2013 में आया था। जिसके बाद 94 मामले आए जिनमें से 12 की मौत हुई।
MERS आखिर किस तरह की बीमारी है?
आसान भाषा में कहें, तो मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम यानी MERS एक श्वसन संक्रमण है, जो मनुष्यों के अलावा ऊंट में देखा जाता है। जिसका कारण नोवेल कोरोना वायरस होता है। पहली बार यह रोग सऊदी अरब में साल 2012 में देखा गया था। कोरोना वायरस, वैसे वायरस का एक परिवार है, जिसकी वजह से आम सर्दी-जुकाम से लेकर गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोंम (SARS) तक की बीमारियों का खतरा रहता है।
कोविड-19 की तरह जो लोग डायबिटीज, रीनल फेलियर, फेफड़ों की बीमारी और कमजोर इम्यून सिस्टम से पीड़ित होते हैं, उनमें इस वायरस के गंभीर लक्षण नजर आ सकते हैं। जो जानलेवा भी हो सकते हैं।