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आपको भी महसूस हो रही है 40 के बाद उलझन और असंतुष्टि, कहीं यह मिडलाइफ क्राइसिस का संकेत तो नहीं?

40 साल के बाद हमारे जीवन में कई तरह के बदलाव होते हैं। शारीरिक और हार्मोनल बदलाव के साथ ही इस दौरान कई सारे मानसिक बदलाव भी होते हैं जिसकी वजह से व्यक्ति अचानक से एकदम थका हारा और हताश महसूस करने लगते हैं। अगर आप भी इस तरह का महसूस कर रहे हैं तो आप मिडलाईफ क्राइसिस का शिकार हो सकते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Mon, 06 Nov 2023 07:06 AM (IST)
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जानें क्या मिडलाइफ क्राइसिस के कारण

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Midlife Crisis: क्या आपकी उम्र 40 साल के ऊपर है और आप अचानक से एकदम थका, हारा और हताश महसूस कर रहे हैं? आपको अपनी पहचान पर शक होने लगा है? घबराए नहीं, हो सकता है कि आप मिडलाईफ क्राइसिस जैसी स्थिति से गुजर रहे हों। आइए विस्तार में जानते हैं कि आखिर क्या है ये मिडलाईफ क्राइसिस!

क्या है मिडलाईफ क्राइसिस?

जब 40 साल से ऊपर एक परिपक्व व्यक्ति को यह एहसास हो कि उनका आधा जीवन अब खत्म हो चुका है, उन्हें अपनी काबिलियत पर शक होने लगे, अपनी जिंदगी में उन्हें निराशा महसूस होने लगे और साथ ही घबराहट और चिंता से हर समय उलझन सी होने लगे, तो यह मिडलाईफ क्राइसिस हो सकती है। जरूरी नहीं है कि 40 साल के बाद यह सभी को महसूस हो। कुछ लोगों का ये भी मानना है कि मिडलाईफ क्राइसिस मात्र एक प्रकार की सामाजिक संरचना है और इसका कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है। आइए जानते हैं इसका कारण, लक्षण और बचाव के तरीके-

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मिडलाईफ क्राइसिस के कारण-

  • बढ़ती उम्र
  • मेनोपॉज
  • अपने मां बाप को बूढ़े होते देखना
  • अपने बच्चों को बड़े होते देखना
  • अपनी पुरानी गलतियां पर पछतावा करना
  • अपने उठाए किसी एक कदम की निंदा करना
  • यह सोचना कि वह ऐसा न करते तो शायद जिंदगी कुछ और होती।

मिडलाईफ क्राइसिस के लक्षण इस प्रकार हैं-

  • मृत्यु का भय
  • फिर से जवान होने की इच्छा
  • अपनी निजी हाइजीन का ख्याल न रखना
  • सोने में परेशानी
  • वजन घटना
  • मूड स्विंग्स होना
  • आपसी रिश्तों में कड़वाहट
  • पारिवारिक और सामाजिक जीवन से कटना
  • आत्मविश्वास में कमी होना
  • डिप्रेशन

मिडलाईफ क्राइसिस से कैसे निपटें-

  • बदलाव को स्वीकार करें
  • अच्छे दोस्तों से बातें करें
  • खुद से बात करें और अपनी उपलब्धियों की गिनती करें
  • अपनी ऐसी गलतियों के बारे में सोच कर वक्त बर्बाद न करें, जिसे आप किसी भी तरीके ठीक नहीं कर सकते हैं। उनसे सबक लें और जीवन में आगे बढ़ें
  • नए लक्ष्य बनाएं और उस दिशा में काम करें
  • इस शारीरिक और मानसिक बदलाव वाली उम्र को एक नई चुनौती की तरह स्वीकार करें और हर उम्र में कुछ नया करने का जज्बा बनाए रखें
  • जर्नलिंग करें
  • अकेला महसूस होने पर काउंसलर से मिलें।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik