Myopia Ayurvedic Treatment: मायोपिया की समस्या से निपटने में असरदार साबित हो सकते हैं ये आयुर्वेदिक उपाय
आजकल बच्चे बाहर खेलने के बजाय मोबाइल लैपटॉप टीवी के साथ ज्यादा वक्त बिता रहे हैं। जिस वजह से सेहत पर कई तरह के नकारात्मक प्रभाव देखने के मिल रहे हैं। इस आदत से बच्चे बचपन में ही मोटापे डायबिटीज जैसी और भी कई बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इनमें से एक मायोपिया भी है। जिसमें दूर की वस्तुएं धुंधली दिखाई देती हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय बच्चों में मायोपिया तेजी से बढ़ती हुई एक गंभीर समस्या है। अध्य्यनों से पता चला है कि शहरी क्षेत्रों में 5 से 15 साल के बच्चों में मायोपिया की प्रॉब्लम 1999 में 4.44% से बढ़कर 2019 में 21.15% हो गई है। एक अनुमान के अनुसार भारत में 2050 तक 48% तक मायोपिया के मामले बढ़ सकते हैं। इसे लेकर पेरेंट्स को सतर्क होने की जरूरत है।
क्या है मायोपिया?
मायोपिया, जिसे आमतौर पर निकट-दृष्टि दोष के रूप में जाना जाता है। इस बीमारी में आई बॉल यानी आंख की पुतली का आकार बढ़ जाता है। ऐसे में प्रतिबिंब रेटिना पर बनने के बजाय थोड़ा आगे बनता है। जिस वजह से दूर की चीजों के देखने में समस्या होती है।
मायोपिया के लक्षण
मायोपिया से जूझ रहे बच्चों में आंखों से पानी आना और सिरदर्द की समस्या सबसे आम है। इसके अलावा बार-बार पलकें झपकाना, दूर की चीजों को सही से न पढ़ पाना भी मायोपिया के लक्षण हैं।मायोपिया से निपटने के आयुर्वेदिक उपाय
कुछ आयुर्वेद उपाय निकट दृष्टि दोष सहित अन्य दूसरी आंखों से जुड़ी समस्याओं से भी निपटने में मददगार साबित हो सकते हैं। इसके लिए...
1. हेल्दी डाइट लें
हरी पत्तेदार सब्जियां के साथ गाजर, विटामिन सी से भरपूर फल, विटामिन ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड को अपनी डाइट में शामिल करें। जो शरीर के साथ आंखों को भी हेल्दी रखते हैं।2. त्रिफला और आंवला का सेवन
त्रिफला, एक पारंपरिक आयुर्वेदिक फार्मूला है जिसमें तीन फल - अमलाकी (आंवला), बिभीतकी और हरीतकी शामिल हैं, जो आंखों को मजबूत बनाने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। त्रिफला चूर्ण और आंवले का सेवन करने से दृष्टि में सुधार और आंखों से जुड़ी समस्याओं को रोकने में मदद मिलती है।