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Narcissistic Personality: अपनी तारीफ सुने बिना, आपका भी खाना नहीं होता हजम? ये इस बीमारी का हो सकता है संकेत!

Narcissistic Personality Disorder क्या आप जानते हैं कि जरूरत से ज्यादा अपनी तारीफ सुनना भी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। ये आदत आपको एक ऐसी दहलीज पर ला खड़ा कर सकती है जहां आप एक डिसऑर्डर की चपेट में आ जाते हैं। आइए जानते हैं क्या है ये मेडिकल कंडीशन और इससे कैसे बचा जा सकता है।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Mon, 29 Jan 2024 01:35 PM (IST)
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नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से कैसे करें डील?
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Narcissistic Personality Disorder: अपनी तारीफों के कसीदे सुनना भला किसे नहीं पसंद होता है। आपके मन में भी सवाल आ रहा होगा कि क्या हर वक्त तारीफ सुनने की चाह रखना कोई बुरी चीज है? मालूम होगा, अकसर बड़े-बुजुर्ग कहते आए हैं कि समाज में रहना है तो मीठा और कड़वा, हर तरह का स्वाद चखने की आदत डाल लेनी चाहिए। कई लोग तारीफ के इस कदर भूखे होते हैं कि इसे न मिलने पर वह बेचैन हो उठते हैं। क्या आप जानते हैं ये एक प्रकार की मेंटल कंडीशन है, जिसे 'नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर' (NPD) कहा जाता है। आइए जानते हैं इस मानसिक स्थिति, इसके लक्षणों और इससे निपटने के तरीकों के बारे में।

क्या है नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर?

नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से ग्रसित लोगों को अपनी अहमियत का बड़ा घमंड होता है। इन्हें हर वक्त अपनी तारीफ सुनना पसंद होता है। इसके अलावा, ऐसे लोगों में दूसरों के प्रति सहानुभूति की कमी भी देखने को मिलती है। बस खुद में आत्ममुग्ध रहना ही उनकी प्रायोरिटी होती है। ओवर कॉन्फिडेंस के चलते अक्सर इनके रिश्ते बगड़ते रहते हैं, लेकिन इन्हें अपनी गलती नजर नहीं आती है। बता दें, इस डिसऑर्डर का पूरी तरह इलाज तो संभव नहीं हैं, लेकिन कुछ तरीके अपनाकर इसपर काबू पाया जा सकता है।

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इसके लक्षणों को कैसे पहचानें?

- अपने मन में यह गलतफहमी पाल लेना कि दूसरे लोग आपसे ईर्ष्या करते हैं।

- खुद को सबसे खास और दूसरों को छोटा समझना।

- मन में दूसरों को लिए सहानुभूति न आना।

- ऐसे लोग स्वभाव से जिद्दी और घमंडी भी होते हैं।

- अपनी पोजिशन, ब्यूटी या गुणों को लेकर अलग ही दुनिया में खो जाना।

- अपनी बुराई सुनने पर बिखर जाना।

- खुद की तारीफ न सुनने पर डिप्रेशन और एंग्जाइटी में चले जाना।

इस डिसऑर्डर से निपटने के तरीके

- दूसरों की फीलिंग्स को समझें और उनकी कद्र करें।

- योगाभ्यास और एक्सरसाइज को रूटीन का हिस्सा बना लें।

- अल्कोहल या अन्य नशीली चीजों से दूर रहें।

- सिर्फ कहने की बजाय, सुनने की भी आदत डालें।

- अपनी गलतियों पर गौर करें और उन्हें स्वीकार करने की आदत डालें।

- अपनी ज्यादा तारीफ सुनने से बचें।

- खुद से दूसरों का कम्पेरिजन बंद करें।

- लोगों में मिलें-जुलें और उनकी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाएं।

- टॉक थेरेपी भी इस डिसऑर्डर से लड़ने में एक कारगर तरीका होती है।

- डॉक्टर की सलाह लेने में बिल्कुल न झिझकें।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik

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