दो हफ्ते में ही जान ले सकता है Nipah Virus, डॉक्टर ने बताए केरल में तांडव मचा रहे इस इन्फेक्शन के रिस्क फैक्टर्स
केरल में Nipah Virus से हुई एक व्यक्ति की मौत के बाद हड़कंप मच गया है। यहां इस संक्रमण के कई अन्य मामले में भी सामने आए हैं। यह एक खतरनाक वायरस है जो कई मामलों में जानलेवा तक साबित हो सकता है। ऐसे में इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने डॉक्टर से बातचीत की। जानते हैं इस इन्फेक्शन के बारे में सबकुछ।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। केरल में एक बार फिर निपाह वायरस (NiV) का कहर देखने को मिला है। यहां एक खतरनाक वायरस से एक व्यक्ति की जान चली गई है। वहीं, कई सारे लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है। साथ ही इस मामले के सामने आने के बाद से भी राज्य अर्लट मोड पर है। यह एक जानलेवा वायरस है, जो पहले भी यहां तांडव मचा चुका है। ऐसे में इससे बचने के लिए जरूरी है कि सही जानकारी हो और बचाव के सही तरीके भी पता हो।
इसी क्रम में इस जानलेवा वायरस के बारे में विस्तार से जानने के लिए मैक्स हॉस्पिटल, गुरुग्राम में कंसल्टेंट के न्यूरोलॉजी, न्यूरोसाइंस के प्रिंसिपल डॉ. साहिल कोहली से बातचीत की।यह भी पढ़ें- कैंसर का संकेत देता है शरीर में इन हिस्सों का दर्द, आम समझने की गलती ले सकती है आपकी जान
क्या है निपाह वायरस?
डॉक्टर कहते हैं कि निपाह वायरस (NiV) एक जूनोटिक वायरस है, जिसका अर्थ है कि लोग जानवरों से इसके संपर्क में आ सकते हैं। इसके अलावा यह सीधे इंसानों से इंसानों के संपर्क से फैल सकता है। फ्रूट बेट्स, जिन्हें कभी-कभी उड़ने वाली लोमड़ी के रूप में जाना जाता है, इस वायरस के मुख्य होस्ट हैं, जो संक्रमित फलों या सूअर जैसे जानवरों के संपर्क में आने पर मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं। बांग्लादेश और भारत सहित दक्षिण पूर्व एशिया में NiV का प्रकोप देखने को मिलता है।
निपाह वायरस का कारण
संक्रमित व्यक्तियों के बॉडी फ्लूइड के साथ सीधा संपर्क, दूषित फल खाना या संक्रमित जानवरों के साथ संपर्क, ये तीन मुख्य तरीके हैं, जिनसे निपाह वायरस फैलता है। वायरस ले जाने वाले चमगादड़ों के आधे खाए गए या जूठे फल गिरने से जो लोग या अन्य जानवर इन फलों को खाते हैं, वे इस संक्रमण (Nipah Virus Causes) की चपेट में आ सकते हैं।निपाह वायरस के लक्षण
निपाह वायरस के लक्षणों (Nipah Virus Symptoms) में बुखार, सिरदर्द, चक्कर आना, गले में खराश, उल्टी और सांस लेने में परेशानी शामिल हैं। गंभीर परिस्थितियों में, संक्रमण से एन्सेफलाइटिस या ब्रेन में सूजन हो सकती है, जिसकी वजह से कुछ ही दिनों में इल्यूजन, नींद आना और यहां तक कि कोमा भी हो सकता है। इसकी डेथ रेट हाई होने के कारण यह वायरस अक्सर संक्रमण के दो हफ्ते के अंदर मौत का कारण बनता है।
निपाह वायरस (Nipah Virus Prevention Tips) से बचने के उपाय
- पेड़ से गिरा हुआ या आधा खाया और जूठे फलों न खाएं और न ही छूएं।
- बीमार जानवरों, विशेषकर सूअरों के संपर्क में आने से बचें।
- अपने आप को साफ रखें, खासकर अपने हाथ बार-बार धोते रहें।
- संक्रमित जानवरों या लोगों के आसपास रहते समय सुरक्षित कपड़े पहनें।
- संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पीड़ित व्यक्तियों को अलग रखें।