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सरकोमा (Sarcoma)

Sarcoma सारकोमा कैंसर का एक प्रकार है जो काफी खतरनाक होता है और किसी भी हो सकता है। वयस्कों से लेकर बच्चों तक कोई भी इसकी चपेट में आ सकता है। ऐसे में अगर समय रहते इसकी पहचान कर इलाज न किया जाए तो समस्या काफी गंभीर रूप ले सकती है जो आगे चलकर जानलेवा भी साबित हो सकती है। आइये जानते हैं इस बीमारी के बारे में सबकुछ।

By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Sat, 01 Jul 2023 04:44 PM (IST)
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सारकोमा के बारे में जानें सबकुछ ।

सारकोमा  (Sarcoma) एक तरह का कैंसर है, जो हड्डी या फिर फैट, मसल्स, ब्लड वैसेल्स या फाइब्रस टिशू जैसे सॉफ्ट टिशूज में होता है। अलग-अलग तरह के सार्कोमा इस बात पर आधारित होते हैं कि कैंसर कहां बनता है। उदाहरण के लिए, ओस्टियोसारकोमा हड्डी में बनता है, लिपोसारकोमा फैट में बनता है और रबडोमायोसारकोमा मांसपेशियों में बनता है। इस बीमारी का इलाज और निदान कैंसर के प्रकार और ग्रेड पर निर्भर करता है। सारकोमा एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जो वयस्कों और बच्चों दोनों में हो सकता है।

कितने तरह के सारकोमा होते हैं?

सारकोमा के 70 से अधिक प्रकार हैं, जिसका उपचार इस बीमारी के प्रकार, स्थान और अन्य कारकों के आधार पर निर्भर करता है।

  • एंजिओसारकोमा
  • कोंड्रोसारकोमा
  • डर्माटोफाइब्रोसारकोमा प्रोट्यूबेरन्स
  • डेस्मोप्लास्टिक स्मॉल राउंड सेल ट्यूमर
  • एपिथीलिओइड सारकोमा
  • इविंग सारकोमा
  • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्ट्रोमल ट्यूमर (जीआईएसटी)
  • कपोसी सारकोमा
  • लेयोमायोसारकोमा
  • लिपोसारकोमा
  • मैलिगनेंट पेरिफेरल नर्व शीट ट्यूमर
  • मायक्सोफाइब्रोसारकोमा
  • ऑस्टियो सारकोमा
  • रबडोमायोसारकोमा
  • सॉफ्ट टिशू सारकोमा
  • सोलीटरी फाइबरस ट्यूमर
  • साइनोवियल सारकोमा
  • अनडिफरेंशिएटेड प्लियोमोर्फिक सारकोमा

सारकोमा के लक्षण क्या हैं?

  • त्वचा पर एक गांठ का महसूस होना, जो दर्दनाक हो भी सकती है और नहीं भी
  • हड्डी में दर्द
  • किसी मामूला चोट या फिर बिना चोट के हड्डी का अचानक टूट जाना
  • पेट में दर्द
  • वजन घटना

सारकोमा के कारण क्या हैं?

रेडिएशन की हाई डोज: अगर कोई व्यक्ति पहले कभी कैंसर के इलाज के लिए रेडिएशन थेरेपी से गुजरा हो, तो उसमें सॉफ्ट टिशू सार्कोमा के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।

जेनेटिक स्थिति: सारकोमा में पारिवारिक इतिहास बहुत बड़ी भूमिका निभाती है। जिन लोगों में न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस और ट्यूबरस स्क्लेरोसिस जैसे सिंड्रोम पाए जाते हैं, उनमें सारकोमा का खतरा अधिक होता है।

केमिकल के अधिक संपर्क में आने से: विनाइल क्लोराइड, डाइऑक्सिन और फेनोक्सीएसेटिक हर्बिसाइड्स जैसे खतरनाक केमिकल के संपर्क में आने से भी सारकोमा का जोखिम बढ़ सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि के लिए अभी अधिक सबूत की आवश्यकता है।

सारकोमा का पता कैसे लगाएं?

अगर किसी व्यक्ति को 2 इंच से अधिक चौड़ी गांठ दिखाई देती है या गांठ बड़ी हो रही है और उसमें दर्द का अनुभव हो रहा है, तो उसे अपने डॉक्टर को तुरंत दिखाना चाहिए। सारकोमा का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ जांच करेंगे। जैसे कि

  • व्यक्ति से उनके लक्षणों के बारे में पूछेंगे
  • उनके व्यक्तिगत और पारिवारिक चिकित्सा इतिहास के बारे में पूछेंगे
  • मेडिकल टेस्ट करवाएंगे
  • इमेजिंग स्कैन जैसे एक्स-रे, एमआरआई, सीटी या पीईटी स्कैन करवाने का सुझाव दे सकते हैं
  • कुछ लैब टेस्ट करवा सकते हैं

वहीं, अगर व्यक्ति पहले ट्यूमर का इलाज करवा चुका है, तो एक नई उपस्थिति ट्यूमर के बनने का संकेत दे सकती है।

सारकोमा का इलाज क्या है?

सर्जरी: यह सार्कोमा का सबसे आम उपचार है। इसका उद्देश्य ट्यूमर और आसपास के कुछ सामान्य टिशूज को हटाना है। सर्जन आमतौर पर उसी समय बायोप्सी करने के लिए टिशू का सैंपल लेगा। इससे ट्यूमर के सटीक प्रकार की पुष्टि हो सकती है।

रेडिएशन थेरेपी: कैंसर सेल्स को नष्ट करने के लिए व्यक्ति सर्जरी से पहले या बाद में इस थेरेपी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

कीमोथेरेपी: सॉफ्ट टिशू सार्कोमा की तुलना में बोन सार्कोमा के इलाज के लिए कीमोथेरेपी अधिक प्रभावी हो सकती है। कीमोथेरेपी सर्जरी के बाद बची हुई कैंसर कोशिकाओं को मार सकती है।

सारकोमा से बचाव क्या है?

कैंसर के अन्य प्रकार के विपरीत, सारोकमा में जीवनशैली कोई भूमिका नहीं निभाते हैं। हालांकि, कई स्थितियों के जोखिम को कम करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना एक अच्छा विचार है, लेकिन सारकोमा के साथ इसका कोई विशेष संबंध नहीं दिखता है। सार्कोमा को रोकना आमतौर पर संभव नहीं है, क्योंकि डॉक्टर अभी तक नहीं जानते हैं कि इसका कारण क्या है।