Schizophrenia: गंभीर हालात उत्पन्न कर सकती है सिजोफ्रेनिया की बीमारी, जानें इस मानसिक विकार के लक्षण और कारण
बदलती लाइफस्टाइल की वजह से इन दिनों मानसिक समस्याएं काफी आम हो चुकी हैं। कई लोग इस गंभीर समस्या का शिकार होते जा रहे हैं। इन्हीं गंभीर मानसिक विकारों में से एक सिजोफ्रेनिया के मामले में लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Mon, 09 Jan 2023 12:50 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Schizophrenia: कुछ दिनों पहले ही जानी-मानी अभिनेत्री तुनिशा शर्मा ने अचानक मौत को गले लगाकर सभी को हैरान कर दिया। एक्ट्रेस की मौत के बाद इससे जुड़े चौंका देने वाले खुलासे सामने आए। इस दौरान यह भी पता चला कि अभिनेत्री डिप्रेशन की समस्या से जूझ रही थीं। अवसाद की वजह से जान देने वाली तुनिशा इकलौती अभिनेत्री नहीं हैं, बल्कि ऐसे कई कलाकार और आम लोग हैं, जो इस समस्या के चलते जिंदगी से हार चुके हैं। बीते कुछ समय से डिप्रेशन समेत कई मानसिक समस्याएं गंभीर रूप लेती जा रही है। आपके आसपास कई लोग विभिन्न मानसिक समस्याओं से पीड़ित होंगे। इन्हीं मानसिक विकारों में से एक सिजोफ्रेनिया बेहद गंभीर बीमारी है।
बीते कई समय ये हिंदी सिनेमा में मेंटल हेल्थ पर कई फिल्में बन चुकी हैं। इस गंभीर मुद्दे को भी बड़े पर्दे पर दिखाया गया है। अभिनेत्री बिपाशा बसु की फिल्म मदहोश और एक्ट्रेस कोंकणा सेन की फिल्म 15 पार्क एवेन्यू सिजोफ्रेनिया जैसी गंभीर मानसिक बीमारी पर भी आधारित है। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह गंभीर समस्या क्या है, इसके कारण क्या है और कैसे इसकी पहचान कर सही समय पर इसका इलाज किया जा सकता है। चलिए जानते हैं इस गंभीर मानसिक बीमारी से जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में-
सिजोफ्रेनिया क्या है
हर एक व्यक्ति की अपनी अलग कल्पना होती है। हर कोई कल्पना की इस दुनिया में रहता है। लेकिन कई बार लोग अपनी इस दुनिया में इस कदर खो जाते हैं कि वह असल जिंदगी और कल्पना में अंतर भूल जाते हैं। आसान भाषा मे समझें तो सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति अपनी कल्पना को ही सच समझने लगता है। वह अपने मन में कल्पनाओं की दुनिया को ही असलियत मान लेता है। वहीं, साइंस की भाषा में इस बीमारी को समझें तो हमारे दिमाग में डोपामाइन नामक एक न्यूरोट्रांसमीटर होता है। न्यूरोट्रांसमीटर काम दिमाग और शरीर के बीच तालमेल बिठाना होता है। लेकिन कई बार जब शरीर में किसी वजह से डोपामाइन केमिकल की मात्रा बढ़ जाती है, तो इस स्थिति को सिजोफ्रेनिया कहा जाता है।सिजोफ्रेनिया के कारण
कई रिसर्च में यह पाया गया है कि सिजोफ्रेनिया की बीमारी पर्यावरणीय कारक और कुछ न्यूरोलाजिकल स्थिति के अलावा आनुवंशिकता की वजह से भी हो सकती है। अगर माता- पिता को सिजोफ्रेनिया के शिकार हैं, तो बच्चे में यह बीमारी होने का खतरा 40% तक बढ़ जाता है। इसके अलावा अगर माता या पिता में से किसी एक को यह समस्या है, तो बच्चे में इसका खतरा 12% हो जाता है। सिजोफ्रेनिया के अन्य कारणों में निम्न प्रमुख हैं-
- करियर
- बदलती लाइफस्टाइल
- टूटते संयुक्त परिवार
- पैसा कमाने की होड़
- घरेलू ज़िम्मेदारियों
सिजोफ्रेनिया के लक्षण
- भ्रम की स्थिति में रहना
- अजीब चीजें महसूस करना
- अकेले में रहना पसंद करना
- कई तरह की आवाजें सुनाई देना
- जीवन के प्रति निराशा का भाव रखना
- कई चीजें, व्यक्ति या कोई आकृतियां दिखना
- भीड़ या सार्वजनिक जगहों में कार्यक्षमता खो देना
- शरीरिक सक्रियता प्रभावित होना और सुस्त रहना
- लगातार मूड बदलना और अवसाद के लक्षण दिखना
- ऐसी बातें करना जिनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं
सिजोफ्रेनिया का इलाज
सिजोफ्रेनिया एक ऐसी मानसिक बीमारी है, जिसका पूरी तरह से इलाज नहीं किया जा सकता है। लेकिन लगातार दवाईओं और काउंसलिंग आदि की मदद से इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा योग, मेडीटेशन और परिवार का सहयोग भी इस बीमारी के इलाज में काफी फायदेमंद है।Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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