Move to Jagran APP

Siddha Medicine: सिद्ध चिकित्सा में होता है बीमारियों का जड़ से इलाज

क्या आपने कभी सिद्ध चिकित्सा के बारे में सुना है। अगर नहीं तो आज हम इस विधा के बारे में बता रहे हैं। सिद्ध चिकित्सा विधा से हर्बल और हर्बल खनिज आदि की मदद से सोरायसिस एक्जिमा एलोपेसिया डायबिटीज अल्सर मस्से विटिलिगो पेम्फिगस पोम्फालीक्स कुष्ठ रोग और ऐसी ही कई अन्य दुर्लभ बीमारियों का सुरक्षित व कारगर उपचार किया जाता है।

By Jagran News Edited By: Ruhee Parvez Updated: Tue, 06 Feb 2024 06:12 PM (IST)
Hero Image
स्वस्थ जीवनशैली को सिद्ध से करें साकार
नई दिल्ली। सिद्ध चिकित्सा दक्षिण भारत की एक प्रचलित प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जो अभी बहुत कम भौगोलिक क्षेत्र तक ही सीमित रही है। लेकिन प्रभावी और सहज विधा होने के चलते अब इसकी उपयोगिता और आकर्षण भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में बढ़ रहा है। दरअसल, सिद्ध चिकित्सा का साहित्य तमिल में होने के कारण भारत के अन्य हिस्सों और विदेश में इलाज कराने में परेशानी होती थी। लेकिन इस चिकित्सा पद्धति की किताबों का हिंदी व अंग्रेजी समेत कई भाषाओं में अनुवाद होने से अब इसकी व्यापकता बढ़ रही है।

सुरक्षित और प्रभावशाली प्रणाली

सिद्ध चिकित्सा में अठारह सिद्धों को महत्वपूर्ण माना जाता है। अगस्त्य को सिद्ध चिकित्सा का संस्थापक माना जाता है। सिद्ध औषधि बीमारी के कारण निष्क्रिय अंगों को पुनर्जीवित करती है और त्रिदोष के अनुपात को भी संतुलित बनाए रखने में मदद करती है। कायकार्पम (चिकित्सा और जीवनशैली का विशेष संयोजन) और मुप्पु (सार्वभौमिक नमक) सिद्ध चिकित्सा प्रणाली की विशेषता है। कोरोना के इलाज में भी सिद्ध चिकित्सा सुरक्षित और प्रभावशाली थी। इस चिकित्सा के उपचार से कोरोना के लक्षणों में सुधार हुआ।

यह भी पढ़ें: हमेशा रहना है फिट तो मौसम के हिसाब से बदलें अपनी लाइफस्टाइल

हर्बल औषधियों से अनेक बीमारियों का उपचार

सिद्ध चिकित्सा विधा से हर्बल और हर्बल खनिज आदि के जरिए सोरायसिस, एक्जिमा, एलोपेसिया, डायबिटीज, अल्सर, मस्से, विटिलिगो, पेम्फिगस, पोम्फालीक्स, कुष्ठ रोग और कई अन्य दुर्लभ बीमारियों का सुरक्षित व कारगर उपचार होता है। खास बात है कि सिद्ध चिकित्सा विधा से आज के समय की कई गंभीर बीमारियों का भी इलाज संभव है। यह विधा इलाज के साथ-साथ अच्छी जीवनशैली के महत्व पर भी जोर देती है यानी इलाज के साथ ही यदि जीवनशैली में अपेक्षित सुधार किया जाए, तो इसके सकारात्मक और अपेक्षित परिणाम मिलते हैं। सिद्ध चिकित्सा में जो दवाएं इस्तेमाल की जाती हैं, वे व्यक्तिगत स्वास्थ्य की स्थिति की प्रकृति पर निर्भर होती हैं यानी व्यक्ति विशेष की शारीरिक और मानसिक दशा के आधार पर औषधियों का परामर्श और निर्धारण होता है। दूसरी विशेषता यह है कि ये दवाएं सस्ती दरों पर उपलब्ध हो जाती हैं।

बढ़ रहा है आकर्षण

राष्ट्रीय सिद्ध संस्थान (एनआइसी), चेन्नई में स्थित सिद्ध चिकित्सा का एक प्रमुख संस्थान है। इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य सिद्ध चिकित्सा प्रणाली के लिए अनुसंधान और उच्च अध्ययन की सुविधा उपलब्ध करवाना है। इस प्रणाली को वैश्विक मान्यता दिलाने और लोकप्रिय बनाने में ऐसे संस्थानों की विशेष भूमिका है।

यह भी पढ़ें: होम्योपैथी दवाओं के भी हो सकते हैं साइड-इफेक्ट्स, डॉक्टर की सलाह के बिना कभी न लें

वैद्य जयंत पुजारी

चेयरमैन, नेशनल कमिशन फार इंडियन सिस्टम आफ मेडिसन (एनसीआइएसएम)

प्रस्तुति : रोहित कुमार

Quiz

Correct Rate: 0/2
Correct Streak: 0
Response Time: 0s

fd"a"sds

  • K2-India
  • Mount Everest
  • Karakoram