कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकता है Sleep Disorder, जानें इसके लक्षण और प्रकार
सेहतमंद रहने के लिए अच्छे खानपान के साथ ही भरपूर नींद भी जरूरी है। नींद की कमी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं जिसमें डायबिटीज थायरॉइड ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां शामिल हैं। ऐसे में जरूरी है क्या Sleep Disorder की समय रहते पहचान की जाए और इससे जल्द से जल्द छुटकारा पाया जाए। आइए जानते हैं Sleep Disorder के लक्षण और प्रकार-
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। स्लीप डिसऑर्डर (Sleep Disorder) ऐसी स्थिति होती है, जिसमें इंसान के सोने की आदतें किन्हीं कारणों से प्रभावित होती हैं और नींद (Lack of Sleep) पूरी नहीं हो पाती है। इसका शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूप से स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। ये क्वालिटी ऑफ लाइफ को खराब बनाता है। साथ ही हमारी डेली रूटीन को भी प्रभावित करता है।
नींद से जुड़ी समस्या बढ़ने पर ये अनेक प्रकार की अन्य बीमारियां भी लेकर आता है। एक शोध के अनुसार 55% युवा 6 घंटे से भी कम नींद लेते हैं, जिससे दिल और किडनी की बीमारी, डायबिटीज, थायरॉइड, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का खतरा उनमें बढ़ जाता है। आइए जानते हैं स्लीप डिसऑर्डर लक्षण और इसके प्रकार-
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स्लीप डिसऑर्डर के लक्षण
- दिन में नींद आना
- सांस लेने में दिक्कत
- अनियमित सोने के पैटर्न
- लेटने के घंटों बाद भी नींद न आना
- सोते समय बेचैनी महसूस होना और ओवरथिंकिंग करना
स्लीप डिसऑर्डर के प्रकार
नार्कोलेप्सी
इस स्थिति में दिन में बहुत नींद आती है, मांसपेशियों में अकड़न और कमजोरी महसूस होती है, स्लीप पैरालिसिस और हैल्यूसिनेशन का अनुभव होता है। ये एक तरह का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है।
क्रॉनिक इनसोम्निया
नींद आने में दिक्कत, नींद लगने के बाद भी बीच-बीच में कई बार नींद का टूटना, तीन महीने से अधिक समय से ऐसे लक्षणों का अनुभव होने पर इसे क्रॉनिक इनसोम्निया कहते हैं। इससे मूड खराब बना रहता है और हर समय थकान सी महसूस होती है।ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया
सोते समय सांस लेने की नली प्रभावित होती है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है और खर्राटे आने लगते हैं। बीच-बीच में ऐसा लगता है जैसे सांस रुक सी गई हो।