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चार लोगों के बीच बैठते ही आपके भी छूटने लगते हैं पसीने, तो Social Anxiety को दूर करने के लिए अपनाएं ये तरीके

इन दिनों लोग कई तरह की मानसिक समस्याओं का शिकार होते जा रहे हैं। स्ट्रेस डिप्रेशन इन्हीं समस्याओं में से एक है जिससे इन दिनों कई लोग प्रभावित है। Social Anxiety भी एक मेंटल डिसऑर्डर है जो पीड़ित व्यक्ति के रोजमर्रा के जीवन में बाधा डाल सकता है। आइए जानते हैं क्या है ये समस्या इसके लक्षण और कैसे करें इसे मैनेज।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Published: Mon, 01 Apr 2024 03:33 PM (IST)Updated: Mon, 01 Apr 2024 03:33 PM (IST)
कहीं आप भी तो नहीं सोशल एंग्जायटी का शिकार?

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बदलती जीवनशैली का सीधा असर हमारी शारीरिक और मानसिक सेहत पर दिखाई पड़ता है। इन दिनों लोग कई तरह की फिजिकल और मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। सोशल एंग्जायटी (Social Anxiety) इन्हीं समस्याओं में से एक है, जो एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर है। इसकी वजह से लोगों के रोजमर्रा के जीवन में कई परेशानियां आ सकती हैं और यह दूसरों से मिलने और बातचीत करने की उनकी क्षमता में बाधा डाल सकता है।

यह शर्मीले स्वाभाव वाले व्यक्तियों से अलग होता है, क्योंकि इसमें व्यक्ति खरीदारी या बाहर टहलने जैसे सामाजिक कार्य करने में असमर्थ होता है। आइए जानते हैं क्या है सोशल एंग्जायटी, इसके लक्षण और कैसे करें इसे मैनेज-

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क्या है सोशल एंग्जायटी?

सोशल एंग्जायटी या सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर (Social Anxiety) एक मेडीकल कंडीशन है, जो सोशल सिचुएशन में लोगों के आसपास होने पर भय और चिंता का कारण बनती है। इस विकार से पीड़ित लोगों को दूसरों द्वारा जज किए जाने या देखे जाने का डर रहता है। इसका इलाज टॉक थेरेपी और एंटीडिप्रेसेंट जैसी दवाओं से किया जा सकता है।

सोशल एंग्जायटी के लिए जिम्मेदार कारक

किसी भी व्यक्ति के इस विकार से पीड़ित होने के पीछे कई कारक अहम भूमिका निभाते हैं। इनमें कुछ प्रमुख निम्न हैं-

  • आनुवंशिकी- एंग्जायटी डिसऑर्डर का पारिवारिक इतिहास होने पर सोशल एंग्जायटी विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • पर्यावरणीय कारक- पालन-पोषण, बचपन के अनुभव जैसे बुलिंग या सोशल रिजेक्शन और कुछ खास तरह का व्यवहार इस विकार में योगदान दे सकता है।
  • पालन-पोषण शैली- बच्चों की गलत परवरिश भी इस विकार का कारण बन सकती है। बच्चों की राय की आलोचना करना या उन्हें नदरअंदाज करना कम आत्मसम्मान और एंग्जायटी डिसऑर्डर का कारण बन सकता है।
  • सोशल मीडिया- सोशल मीडिया भी इस डिसऑर्डर का कारण बन सकता है। अपनी अच्छी इमेज पेश करने, दिखावे और दूसरों की मान्यता प्राप्त करने का दबाव वयस्कों में सोशल एंग्जायटी में योगदान कर सकता है।
  • बचपन के बुरे अनुभव- बचपन के दौरान सोशल कॉन्टैक्ट में नकारात्मक अनुभव बाद में आगे जाकर सोशल एंग्जायटी के विकास में योगदान कर सकते हैं।

सोशल एंग्जायटी के लक्षण

  • सामाजिक स्थितियों में शर्माना, पसीना आना, कांपना या दिल की धड़कन तेज होना।
  • सामाजिक स्थितियों में अत्यधिक घबराहट महसूस होना।
  • दूसरों के साथ बातचीत करते समय ज्यादा नजरें न मिलाना।
  • दूसरों के आसपास होने पर आपके शरीर की मुद्रा कठोर होना।
  • दूसरों के सामने बहुत संकोची होना।
  • अन्य लोगों के सामने शर्मिंदा या अजीब महसूस करना।
  • लोगों के सामने ब्लैंक महसूस होना।
  • अजनबियों के आसपास होने पर डर महसूस करना।

सोशल एंग्जायटी से कैसे बचे?

  • कॉग्नेटिव-बिहेवरियल थेरेपी (सीबीटी): सीबीटी लोगों को सोशल सिचुएशन से संबंधित नकारात्मक विचार पैटर्न और मान्यताओं को पहचानने में मदद करता है। साथ ही यह एंग्जायटी से निपटने के तरीके भी सिखाता है।
  • माइंडफुलनेस और रिलैक्सेशन टेक्नीक: डीप ब्रीथ एक्सरसाइज, मेडिटेशन और प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन जैसी एक्सरसाइड एंग्जायटी के लक्षणों को कम करने और अपने आसपास के लोगों में ढलने में मदद कर सकते हैं।
  • सोशल सपोर्ट: अगर आप सोशल एंग्जायटी का शिकार है, जो इसके बारे में अपने विश्वसनीय दोस्तों, परिवार के सदस्यों या सहायता समूहों से बात करने से इमोशनल सपोर्ट और समझ मिल सकती है। अपना अनुभव साझा करना और सलाह लेना मददगार हो सकता है।
  • स्वस्थ जीवनशैली: नियमित व्यायाम, संतुलित पोषण युक्त आहार, पर्याप्त नींद और शराब या कैफीन जैसे पदार्थों से परहेज आपके पूरे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में योगदान दे सकता है।
  • नकारात्मक विचारों को चुनौती दें: नकारात्मक विचार अक्सर सोशल एंग्जायटी की वजह बनते हैं। ऐसे में अपने अंदर आ रहे नकारात्मक विचार को सकारात्मक विचारों से बदलने का अभ्यास करें। साथ ही अपनी कमजोरियों पर ध्यान देने की बजाय अपनी ताकत और उपलब्धियों पर फोकस करें।
  • एक्सपर्ट की मदद लें: अगर आप सोशल एंग्जायटी का शिकार हैं, तो इससे निपटने के लिए किसी एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं। इसके अलावा आप एक्सपर्ट द्वारा दी गई दवा जैसे एंटीडिप्रेसेंट या एंटी-एंग्जायटी की मदद से भी इससे राहत पा सकते हैं।

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Picture Courtesy: Freepik


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