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Spondylitis के इलाज के लिए बेहद जरूरी है सूरज की रोशनी, एक्सपर्ट से जानें दोनों में कनेक्शन

स्पॉन्डिलाइटिस (Spondylitis) को एक्सियल स्पॉन्डिलोआर्थराइटिस के रूप में भी जाना जाता है एक सूजन वाली बीमारी है। यह समय के साथ रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करती है। हालांकि कई ऐसे तरीके हैं जिसकी मदद से इससे राहत पाई जा सकती है। सूरज की किरणें (Sunlight) इन्हीं में से एक है जो स्पॉन्डिलाइटिस के इलाज में अहम भूमिका निभाती हैं।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Sat, 01 Jun 2024 05:43 PM (IST)
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जानें क्या है धूप और स्पॉन्डिलाइटिस का कनेक्शन (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। इन दिनों कई तरह की बीमारियां लोगों को अपना शिकार बना रही है। डायबिटीज, बीपी जैसी बीमारी के बारे में तो लगभग हर कोई जानता है, लेकिन कुछ ऐसी बीमारियां भी हैं, जिनके बारे में कम लोगों को ही पता होता है। स्पॉन्डिलाइटिस (Spondylitis) इन्हीं में से एक है, जिसके बारे में काफी लोग जानते हैं। यह दुनियाभर में एक गंभीर स्वास्थ्य मुद्दा, जो आमतौर पर रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करती है।

इस लिए जरूरी है कि इस बीमारी से बचने से सही जानकारी और पूरी जागरूकता रहे। इसी क्रम में इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने डॉक्टर से बातचीत की। आज इस आर्टिकल में बेंगलुरु स्थित मणिपाल हॉस्पिटल में रोबोटिक स्पाइन सर्जरी के सलाहकार और स्पाइन सर्जरी के अध्यक्ष और एचओडी डॉ. एस विद्याधर बता रहे हैं स्पॉन्डिलाइटिस और सनलाइट के कनेक्शन के बारे में-

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क्या है स्पॉन्डिलाइटिस?

डॉक्टर कहते हैं कि स्पॉन्डिलाइटिस एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चिंता, जो रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करने वाली एक पुरानी सूजन वाली बीमारी है। हालांकि, इसके विभिन्न उपचार उपलब्ध हैं, लेकिन इस स्थिति के मैनेजमेंट में सूरज की रोशनी के महत्व को अकसर अनदेखा कर दिया जाता है। विटामिन डी, जिसे आमतौर पर "सनशाइन विटामिन" के रूप में जाना जाता है, हमारे पूरे स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

क्यों जरूरी है सूरज की रोशनी

यह हमारी हड्डियों के स्वास्थ्य, इम्युनिटी और शरीर में कैल्शियम के स्तर के रेगुलेशन के लिए जरूरी है। स्पॉन्डिलाइटिस में विटामिन डी की कमी डिजीज एक्टिविटी, दर्द और सूजन की वजह बन सकती है। अध्ययनों से लगातार पता चला है कि स्पॉन्डिलाइटिस के मरीजों में स्वस्थ व्यक्तियों की तुलना में विटामिन डी का स्तर कम होता है। ऐसे में विटामिन डी की पूर्ति के लिए सूरज की रोशनी एक अहम सोर्स साबित हो सकती है।

स्पॉन्डिलाइटिस में कैसे असरदार है धूप

डॉक्टर आगे बताते हैं कि मानव शरीर के लिए सूरज की रोशनी विटामिन डी का एक प्राथमिक स्रोत है। जब सूर्य से यूवी किरणें त्वचा के साथ संपर्क करती हैं, तो ये विटामिन डी 3 के उत्पादन को ट्रिगर करती हैं, जो बाद में अपने सक्रिय रूप, कैल्सीट्रियोल में परिवर्तित हो जाती है। यह प्रक्रिया विटामिन डी के अच्छे स्तर को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, जो स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षणों की रोकथाम के लिए आवश्यक है।

धूप और स्पॉन्डिलाइटिस का कनेक्शन

धूप और स्पॉन्डिलाइटिस के बीच कई तरह से संबंध है। सबसे पहले स्पॉन्डिलाइटिस के मरीजों में विटामिन डी की कमी एक आम समस्या है और सूरज की रोशनी इस कमी को दूर करने का प्राथमिक साधन है। दूसरा विटामिन डी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। अंत में, सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से मूड में सुधार और तनाव के स्तर में कमी होती है, जो स्पॉन्डिलाइटिस से जुड़े पुराने दर्द और परेशानी को मैनेज करने के लिए जरूरी हैं।

स्पॉन्डिलाइटिस में इसलिए जरूरी धूप

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सूरज की रोशनी विटामिन डी के अच्छे स्तर को बनाए रखकर स्पॉन्डिलाइटिस के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। स्पॉन्डिलाइटिस के मरीजों में विटामिन डी की कमी एक आम समस्या है और सूरज की रोशनी इस कमी को दूर करने का सबसे आसान और प्रमुख है।

इसके अलावा, विटामिन डी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं और मूड में सुधार और तनाव के स्तर में कम करने में मददगार है। इस तरह स्पॉन्डिलाइटिस के मरीजों को विटामिन डी के सही स्तर को बनाए रखने और इसके लक्षणों से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में धूप लेनी चाहिए।

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