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सावधान! अमेरिका में ‘Teflon flu' की वजह बन रहे नॉनस्टिक बर्तन, अगर आप भी करते हैं इस्तेमाल तो हो जाएं अलर्ट

अमेरिका में बीते साल कई लोग Teflon flu की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे। यह एक ऐसी बीमारी है जो नॉनस्टिक पैन के ज्यादा गर्म होने के कारण निकलने वाले धुएं से होती है। इसे पॉलिमर फ्यूम फीवर भी कहा जाता है। इसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति को फ्लू जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है। जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Thu, 25 Jul 2024 05:24 PM (IST)
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नॉनस्टिक बर्तनों से हो सकता है टेफ्लॉन फ्लू (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका (US Flu) में बीते साल टेफ्लॉन फ्लू (Teflon flu) के कई मामले सामने आए। 16 जुलाई को पब्लिश हुई वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार यहां टेफ्लॉन फ्लू, जिसे पॉलिमर फ्यूम फीवर भी कहा जाता है, के कारण पिछले साल 250 से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यह एक दुर्लभ बीमारी है, जो बहुत ज्यादा गर्म नॉनस्टिक पैन (Non Stick Pan) से निकलने वाले धुएं के कारण होती है। इस बीमारी का नाम नॉनस्टिक कोटिंग, टेफ्लॉन के नाम पर रखा गया है, जिसका इस्तेमाल कई कुकवेयर चीजों पर किया जाता है।

अगर आप भी आमतौर पर नॉनस्टिक बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं, तो आज इस आर्टिकल में आपको बताएंगे टेफ्लॉन फ्लू और इससे जुड़ी सभी जानकारी के बारे में-

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क्या है टेफ्लॉन फ्लू?

पॉलिमर फ्यूम बुखार (polymer fume fever) यानी टेफ्लॉन फ्लू, एक ऐसी स्थिति है, जो बहुत ज्यादा गर्म पॉलीटेट्राफ्लुओरोएथिलीन (पीटीएफई), जिसे आमतौर पर टेफ्लॉन के नाम से जाना जाता है, से निकलने वाले जहरीले धुएं के कारण होता है। यह बीमारी आम तौर पर नॉनस्टिक कुकवेयर में पाए जाने वाले फ्लोरोकार्बन के थर्मल डिग्रेडेशन के कारण होती है। हालांकि, खराब वेंटिलेशन या साफ-सफाई की कमी के कारण भी इसका खतरा बढ़ सकता है। बर्तन को ओवरहीट करने के कारण टेफ्लॉन से निकलने वाले टॉक्सिक फ्यूम्स टेफ्लॉन फ्लू के लिए जिम्मेदार हैं, इसलिए इसे पॉलिमर फ्यूम फीवर भी कहते हैं।

टेफ्लॉन फ्लू के लक्षण (Teflon Flu symptoms)

आमतौर पर इसके लक्षण अक्सर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं, क्योंकि ये सर्दी जुकाम के लक्षण से मेल खाते हैं। इसके मुख्य लक्षण में-

  • बुखार
  • सिरदर्द
  • कंपकंपी
  • सूखी खांसी
  • सीने में जकड़न
  • सांस लेने में तकलीफ
  • गले और मांसपेशियों में दर्द
ज्यादातर मरीज कुछ ही दिनों में इससे पूरी तरह ठीक हो जाते हैं, लेकिन इसमें मौत और स्थायी विकलांगता अत्यंत दुर्लभ होती है।

कैसे हानिकारक होता है टेफ्लॉन?

ज्यादा टेफ्लॉन कोटेड बर्तन आजकल PFOA फ्री होने का दावा करते हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि इनमें अभी भी ptfe की कोटिंग लगी है, जो कि एक कार्सिनोजन है। इसके अलावा इन बर्तनों को गर्म करने पर इसमें लगे केमिकल टूट कर हवा में उड़ने लगते हैं, जिसमें से टॉक्सिक फ्यूम निकलते हैं। साथ ही PFOA और PTFE जैसे केमिकल बायोडिग्रेडेबल भी नहीं होते हैं। इसका मतलब ये हुआ कि ये केमिकल शरीर में जमा होते रहते हैं और डैमेज का खतरा बढ़ाते हैं। इसलिए इन्हें फॉरेवर केमिकल भी कहते हैं।

क्या होता है टेफ्लॉन

टेफ्लॉन एक तरह कोटिंग होती है, जो बरतनों को नॉन स्टिक बनाने के लिए इनके ऊपर लगाई जाती है। इसमें खाना पकाना बहुत ही सुविधाजनक होता है, क्योंकि बर्तन पर टेफ्लॉन की कोटिंग लगने से खाना बर्तन से चिपकता नहीं है। साथ ही इसे आसानी से साफ भी किया जा सकता है। लगभग 80 साल पहले जब नॉन स्टिक बर्तन की शुरुआत की गई, तब ये कुकिंग की दुनिया में एक क्रांति जैसा था। हालांकि, धीरे-धीरे इससे होने वाले नुकसान सामने आने लगे। आइए जानते हैं कि क्या हैं नॉन स्टिक बर्तन के नुकसान-

नॉन स्टिक बर्तन के नुकसान

टेफलॉन की कोटिंग में PFOA (पॉली फ्लोरो एल्किल) और PTFE (पॉली टेट्रा फ्लोरो इथाइलीन) जैसे टॉक्सिक केमिकल पाए जाते हैं। ये केमिकल कैंसर, हार्मोनल असंतुलन, ऑर्गन फेलियर, रिप्रोडक्टिव डैमेज जैसे हेल्थ संबंधी समस्याओं के लिए जिम्मेदार होते हैं। साथ ही लगातार धुलने की वजह से समय के साथ टेफ्लॉन कोटिंग के बर्तन की कोटिंग निकलने लगती है और ये टॉक्सिक केमिकल को हवा में छोड़ने लगती है।

नॉनस्टिक बर्तन पर ICMR की राय

बीते दिनों इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भारतीयों के लिए नई डाइटरी गाइडलाइन्स जारी की थी। अपनी इस गाइडलाइन्स में ICMR ने बताया था कि नॉन-स्टिक बर्तनों में इस्तेमाल होने वाला पॉलीटेट्राफ्लुओरोएथिलीन (PTFE), जिसे आमतौर पर टेफ्लॉन कहा जाता है, एक सिंथेटिक केमिकल होता है, जिसमें कार्बन और फ्लोरीन परमाणु होते हैं। यह केमिकल रेस्पिरेटरी समस्याएं, थायरॉयड डिसऑर्डर और कुछ तरह के कैंसर का कारण बन सकते हैं।

ऐसे में ICMR नॉन-स्टिक बर्तनों के इन हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए नेचर-फ्रेंडली कुकवेयर, जैसे मिट्टी के बर्तन और कोटिंग-मुक्त ग्रेनाइट पत्थर के बर्तन का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।

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