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क्या है Type 3 Diabetes जो बन सकता है डिमेंशिया का कारण, जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके

क्या आप टाइप 3 डायबिटीज के बारे में जानते हैं जो टाइप 1 और टाइप 2 से कहीं ज्यादा खतरनाक है? जी हां इसमें आपकी याददाश्त जाने का जोखिम भी रहता है। ये सीधे ब्रेन पर अटैक करती है और बचने का मौका भी नहीं देती है। ऐसे में आपको इसके बारे में जरूर जान लेना चाहिए। इतना ही नहीं इस आर्टिकल में आपको इससे बचाव के तरीके भी बताएंगे।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Sat, 24 Feb 2024 08:00 PM (IST)
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क्या है टाइप 3 डायबिटीज जिसमें रहता है डिमेंशिया का रिस्क
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Type 3 Diabetes: डायबिटीज दुनिया में तेजी से पैर पसार रही बीमारियों में से एक है। इसके टाइप 1 और टाइप 2 के बारे में तो आपने कई बार सुना होगा, लेकिन क्या आप इसके टाइप 3 के बारे में जानते हैं? बता दें, कि इसमें आपके दिमाग पर सीधा असर देखने को मिलता है, जिससे याददाश्त से जुड़ी बीमारी डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है। आइए जान लीजिए कैसा है डायबिटीज का यह प्रकार और क्या दिखते हैं इसके लक्षण। साथ ही, आपको बताएंगे इससे बचाव के लिए अपनाए जाने वाले तरीके।

क्या है 'टाइप 3 डायबिटीज'

शोधकर्ता मानते हैं कि इंसुलिन रजिस्टेंस दिमाग में अमाइलॉइड प्लेक्स, ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन का कारण बनता है। हालांकि इस बीमारी को अभी अल्जाइमर की श्रेणी में ही रखा जाता है। इसमें पेशेंट की याददाश्त पर गहरा असर देखने को मिलता है। इलाज ना कराने पर यह काफी घातक भी बन सकती है।

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डायबिटीज के टाइप 1 और 2 से कैसे अलग है टाइप 3?

टाइप 1 डायबिटीज में इम्यून सिस्टम ही इंसुलिन बनाने वाली बीटा सेल्स को नष्ट कर देता है, जिससे इंसुलिन का प्रोडक्शन प्रभावित होता है। वहीं, दूसरी तरफ टाइप 2 में बॉडी इंसुलिन का सही इस्तेमाल नहीं कर पाती है और धीरे-धीरे पैंक्रियाज में इंसुलिन बनना कम हो जाता है।

टाइप 3 डायबिटीज के लक्षण

इसमें आपको वही लक्षण दिखते हैं, जो अल्जाइमर्स की शुरुआत में नजर आते हैं। जैसे- व्यक्ति का नाम, चेहरा और तमाम घटनाओं को याद रखने, सोचने समझने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। जाहिर है कि इसका सोशल लाइफ पर भी असर पड़ता है और व्यक्ति लोगों से मिलना जुलना कम कर देता है। साथ ही, किसी भी विषय पर अपनी राय बना पाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में अचानक दिखने वाले ये सभी लक्षण किसी बड़े खतरे की घंटी से कम नहीं हैं।

टाइप 3 डायबिटीज से कैसे करें बचाव?

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन एजिंग के मुताबिक, फिजिकली एक्टिव रहकर, लगातार ब्लड प्रेशर की मॉनिटरिंग करके और कॉग्निटिव ट्रेनिंग का सहारा लेकर इससे काफी हद तक बचा जा सकता है। शरीर को शारीरिक रूप से एक्टिव रखकर इंसुलिन रजिस्टेंस और प्री-डायबिटीज को रोका जा सकता है। इसके अलावा आपको ऐसे ही फूड्स का सेवन करना चाहिए जिनसे ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिल सके।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik