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Ulcerative colitis: अल्‍सरेटिव कोलाइटिस यानि आंतों में सूजन क्या है, जानिए इसके लक्षण और उपचार

अल्सरेटिव कोलाइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसके लक्षण अचानक सामने आते हैं। इस बीमारी की वजह से कोलन में छाले हो जाते हैं और उस हिस्से में सूजन रहती है। बॉडी में थकान और कमजोरी रहती है। अगर समय रहते उपचार करें तो इसपर काबू पाया जा सकता है।

By Shahina NoorEdited By: Updated: Tue, 17 Aug 2021 12:30 PM (IST)
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कमजोरी महसूस होना और दस्त के साथ अक्सर खून का आना इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Ulcerative colitis: अल्सरेटिव कोलाइटिस एक ऐसी आम समस्या है, जिसकी वजह से बड़ी आंत में सूजन और जलन की शिकायत होती है। इस बीमारी के लक्षण अचानक से सामने आते है जिसकी वजह से कोलन में छाले हो जाते हैं और उस हिस्से में सूजन रहती है। इस बीमारी की वजह से बॉडी में कमजोरी हो सकती है। अगर समय रहते इस बीमारी के लक्षणों को पहचान लिया जाए तो इससे काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है। आइए जानते हैं कि इस बीमारी का कारण क्या है, लक्षणों की बॉडी में कैसे पहचान करें और उससे कैसे बचाव करें।

अल्सरेटिव कोलाइटिस के कारण?

अल्सरेटिव कोलाइटिस की बीमारी के कई कारण हो सकते हैं लेकिन डॉक्टर और वैज्ञानिक इस परेशानी का कोई स्टीक कारण नहीं तलाश पाए हैं। इस बीमारी के लिए दूषित खान-पान, तनाव और कमजोर इम्यूनिटी को जिम्मेदार ठहराया जाता है। इम्यूनिटी कमजोर होने पर इस पेरशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस बीमारी में आनुवांशिकता को भी जिम्मेदार माना जाता है, परिवार में कोई पहले से इस परेशानी से पीड़ित होता है तो उनसे यह दूसरे सदस्यों को भी हो सकती है। हालांकि, अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित ज्यादातर लोगों की फैमिली हिस्ट्री में यह नहीं है।

अल्सरेटिव कोलाइटिस के इन लक्षणों को पहचानिए, 

  • दस्त, अक्सर खून या मवाद के साथ
  • पेट में दर्द और ऐंठन
  • रेक्टल का दर्द
  • मल के साथ छोटी मात्रा में खून का निकलना
  • शौच की तीव्र इच्छा
  • इच्छा के बावजूद शौच करने में असमर्थता
  • वजन कम होना
  • थकान
  • बुखार
अगर आप भी इस बीमारी के लक्षण खुद में महसूस कर रहे हैं तो सबसे पहले अपनी डाइट से उसे कंट्रोल करें। इस बीमारी का उपचार डाइट से भी किया जा सकता है। आप अपनी डाइट में फैट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम कर दें। दिन भर में जितना भी खाएं थोड़ा-थोड़ा खाएं। इस बीमारी में पानी का सेवन अधिक करें। पूरे दिन थोड़ा-थोड़ा लेकिन लगातार पानी का सेवन करेँ। फाइबर युक्त आहार का सीमित मात्रा में सेवन करें। दूध से भी परहेज़ करें।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।