विटिलिगो (Vitiligo)
विटिलिगो एक दुर्लभ स्किन सिचुएशन है जिसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 25 जून को दुनिया भर में विश्व विटिलिगो दिवस मनाया जाता है। यह उन लोगों के जीवन और समुदाय का जश्न मनाने का एक विशेष दिन है जो इस त्वचा की स्थिति से पीड़ित हैं। आइये जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी सभी जानकारियों के बारे में।
By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Sat, 24 Jun 2023 01:53 PM (IST)
विटिलिगो (Vitiligo) क्या होता है?
विटिलिगो एक दुर्लभ और लंबे समय तक चलने वाली ऑटोइम्यून स्थिती है, जिसके कारण स्किन पैचेस में अपना पिगमेंट या रंग खोने लगती है। ऐसा तब होता है जब मेलानोसाइट्स (स्किन सेल्स जो पिगमेंट बनाते हैं) वो खराब होने लगते हैं और इसकी वजह से त्वचा का रंग दूधिया-सफेद हो जाता है। विटिलिगो में, आमतौर पर सफेद धब्बे शरीर के दोनों तरफ दिखाई देते हैं, जैसे कि दोनों हाथों या दोनों घुटनों पर। इस स्थिती में कई बार त्वचा तेजी से अपना पिगमेंट या प्राकृतिक रंग खोने लगता है और कई बार यह काफी बड़े हिस्से में फैल सकता है।
विटिलिगो का सेगमेंटल सब-टाइप एक आम समयस्या नहीं है। यह तब होता है जब सफेद धब्बे शरीर के केवल एक तरफ के हिस्से पर होते हैं, जैसे कि पैर, चेहरे के एक तरफ या बांहों पर। विटिलिगो का सेगमेंटल सब-टाइप अक्सर कम उम्र में शुरू होता है और 6 से 12 महीने तक बढ़ता है और फिर आमतौर पर ठीक हो जाता है।
इम्यूनिटी सिस्टम पूरे शरीर को वायरस, बैक्टीरिया और संक्रमण से लड़ने और शरीर की रक्षा करने की क्षमता बढ़ाने के लिए काम करती है। वहीं, विटिलिगो एक ऑटोइम्यून समस्या है। ऐसे में ऑटोइम्यून समस्या से जूझ रहे लोगों के इम्यून सेल्स गलती से खुद के ही हेल्दी टिशूज को अटैक कर लेते हैं। इसके अलावा विटिलिगो की स्थिती से जूझ रहे लोगों में कई दूसरे तरह के ऑटोइम्यून डिसॉर्डर का खतरा विकसित होने की भी अधिक संभावना हो सकती है।
विटिलिगो से की स्थिती से जूझ रहे व्यक्ति के परिवार में कभी-कभी किसी सदस्य को यह समस्या हो सकती है। अभी तक विटिलिगो का कोई इलाज नहीं है। हालांकि, ट्रीटमेंट के जरिए इसे बढ़ने से रोकने और इसके प्रभावों को कम करने में मदद मिल सकती, जिससे त्वचा की रंगत और अधिक इवेन दिखने में मदद मिल सकती है।
विटिलिगो किसे होता है?
विटिलिगो कोई बीमारी नहीं है बल्कि एक स्थिती है, जो किसी भी उम्र में और किसी को भी हो सकता है। हालांकि, विटिलिगो से पीड़ित कई लोगों में, सफेद धब्बे 20 साल की उम्र से पहले दिखाई देने लगते हैं और कई बार यह बचपन में भी शुरू हो सकता है। हालांकि, विटिलिगो की संभावना उन लोगों में अधिक होती है, जिनका पहले से कोई पारिवारिक इतिहास रहा है या जिन्हें कुछ ऑटोइम्यून बीमारियां हैं। इसमें
- एडिसन डिजीज।
- हानिकारक एनीमिया।
- सोरायसिस।
- रूमेटाइड गठिया।
- ल्यूपस
- थायरॉइड
- टाइप 1 डायबिटीज
विटिलिगो के लक्षण क्या है?
विटिलिगो का मुख्य लक्षण है त्वचा से प्राकृतिक रंग का खोना, जिसे डीपिगमिंटेशन कहते हैं। विटिलिगो के धब्बे शरीर पर कहीं भी दिखाई दे सकते हैं।- स्किन: त्वचा पर दूध जैसे सफेद धब्बे विकसित होने लगते हैं। ऐसा अक्सर हाथों, पैरों, बांहों और चेहरे पर नजर आता है। हालांकि, इसके अलावा यह पैचेस शरीर पर कहीं भी दिखाई दे सकते हैं।
- बाल: डीपिगमिंटेशन त्वचा के अलावा बालों पर भी हो सकता है। इसमें स्कैल्प, भौंहें, बरौनी, दाढ़ी और शरीर के बाल भी शामिल हैं।
- म्यूकस मेंब्रेन: विटिलिगो की स्थिती में मुंह या नाक के अंदर की त्वचा भी सफेद हो जाती है।