Yellow Fever: येलो फीवर क्या है, जानें-इसके लक्षण और उपचार
येलो फीवर से करीब 50 प्रतिशत लोग इसके संक्रमण से मर जाते हैं। लेकिन इसके वेक्सीनेशन की मदद से पूरी तरह बचा जा सकता है।
By Ruhee ParvezEdited By: Updated: Sun, 21 Jun 2020 07:13 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। What Is Yellow Fever: एक खास प्रजाति से मच्छर से येलो फीवर यानि पित्त ज्वर फैलता है। अगर आप भारत से विदेश जा रहे हैं तो अफ्रीका और साउथ अमेरिका जैसे कुछ ऐसे देश हैं, जहां जाने से पहले आपको इसका वैक्सीनेशन ज़रूर लगवाना चाहिए। यह इसलिए ज़रूरी है क्योंकि ऐसे देशों में येलो फीवर का काफी प्रकोप है। इन देशों की यात्रा करते वक्त आपको इंफेक्शन लग सकता है।
क्या है येलो फीवरयेलो फीवर वायरस द्वारा उत्पन्न होने वाला एक तीव्र हैमरैजिक रोग है, जो मनुष्यों में संक्रमित मच्छर के काटने से होता है। रोग के नाम में येलो शब्द पीलिया की ओर संकेत करता है जो कुछ रोगियों को प्रभावित करता है। यह ऐसा रोग है जो पूरे शरीर को प्रभावित करता है।
येलो फीवर के लक्षण- बुखार
- सर दर्द- मुंह, नाक, कान, और पेट में रक्त स्राव (खून का बहना)
- उलटी, मितली, जी मचलाना- लिवर और किडनी से सम्बंधित कार्य प्रणाली का ठप पड़ना- पेट में दर्द- पीलिया (jaundice)येलो फीवर का इलाजयेलो फीवर से करीब 50 प्रतिशत लोग इसके संक्रमण से मर जाते हैं। लेकिन इसके वेक्सीनेशन की मदद से पूरी तरह बचा जा सकता है। येलो फीवर के संक्रमण से बुखार, सर दर्द और उलटी (मितली) जैसे लक्षण पैदा होते हैं। गंभीर स्थितियों में यह ह्रदय, लिवर और किडनी से सम्बंधित जानलेवा लक्षण पैदा कर सकते हैं।