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Wheat Free Diet: एक महीने के लिए अगर छोड़ दी गेहूं की रोटी, तो शरीर में नजर आएंगे चौंकाने वाले बदलाव

गेहूं की रोटी हमारे खानपान का एक अहम हिस्सा है जिसके बिना कई लोगों का खाना अधूरा रहता है। रोजाना गेहूं की रोटी खाने से सेहत को कई फायदे मिलते हैं लेकिन अगर आप एक महीने के लिए गेहूं या उससे बने प्रोडक्ट्स खाना छोड़ दें (Wheat-free diet) तो इससे भी सेहत में कई चौंकाने वाले बदलाव होते हैं। आइए जानते हैं इन्हीं बदलावों के बारे में।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Wed, 16 Oct 2024 04:52 PM (IST)
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एक महीने के लिए छोड़े दें गेहूं की रोटी, तो क्या होगा बदलाव (Picture Credit- Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हम जो भी खाते हैं, उसका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। हेल्दी रहने के लिए सही खानपान बेहद जरूरी है। चावल, दाल-रोटी सभी हमारे खानपान का अहम हिस्सा होते हैं। रोटी भारतीय थाली का एक अहम हिस्सा होती है, जिसके लिए बिना कई लोगों का खाना लगभग अधूरा माना जाता है। रोजाना गेहूं की रोटी खाने से सेहत को ढेरों फायदे मिलते हैं, लेकिन क्या होगा अगर आप एक महीने तक गेहूं की रोटी (No Wheat Diet) खाना ही छोड़ दें।

रोटी ही क्या अगर आप एक महीने के लिए गेहूं से बने सभी प्रोडक्ट्स खाना छोड़ देते हैं, तो इससे सेहत काफी प्रभावित होती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे एक महीने तक गेहूं की रोटी या गेहूं (Side Effects of Wheat) के किसी भी प्रोडक्ट को न खाने से सेहत पर क्या असर पड़ता है।

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ब्लड शुगर लेवल स्टेबल होगा

गेहूं शरीर में ग्लूकोज का एक बड़ा सोर्स होता है। ऐसे में अपनी डाइट से गेहूं को पूरी तरह हटाने से ब्लड शुगर लेवल स्टेबल हो सकता है, जो खासतौर पर डायबिटीज के मरीजों के लिए सहायक है। इसके अलावा इससे ग्लूटेन इनसेंसिटिविटी और यहां तक ​​कि मोटापे को रोकने में भी मदद मिल सकती है।

पाचन में सुधार

गेहूं में कार्बोहाइड्रेट की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है, जिसकी वजह से बहुत ज्यादा मात्रा में इसे खाने से आंतों में रुकावट या पाचन धीमा हो सकता है, जिससे गैस, ब्लोटिंग, मतली, पेट दर्द, उल्टी और ऐंठन हो सकती है। ऐसे में गेहूं न खाने से पाचन तंत्र को आराम मिल सकता है।

वजन कम करने में मददगार

सफेद ब्रेड, पिज्जा, क्रैकर्स, बर्गर, पास्ता जैसे प्रोसेस्ड कार्ब्स आपके वजन पर बुरा असर डाल सकते हैं। साथ ही इन्हें खाने से बार-बार भूख भी लग रहती है। ऐसे में वीट फ्री डाइट फॉलो करने से आपकी कैलोरी की मात्रा कम हो जाएगी, जो वेट मैनेजमेंट में मदद कर सकता है।

सीलिएक डिजीज का खतरा होगा कम

गेहूं खाने से सीलिएक डिजीज विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जो आनुवंशिक रूप से पूर्वनिर्धारित लोगों में होता है, जहां ग्लूटेन (गेहूं का एक प्रोटीन कम्पोनेंट) की वजह से छोटी आंत को नुकसान होता है। ऐसे में गेहूं न खाने से इस बीमारी का खतरा कम होता है।

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