White Lung Syndrome: चीन के बाद अमेरिका बना निमोनिया का शिकार, जानें क्या है व्हाइट लंग सिंड्रोम और इसके लक्षण
चीन से सामने आ रही रेसपिरेट्री बीमारी के बाद अब अमेरिका और डेनमार्क से भी बच्चों में निमोनिया के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि इसे किसी खतरे का संकेत न बताते हुए आम माइकोप्लाज्मा निमोनिया का इन्फेक्शन बताया जा रहा है। लेकिन कोविड महामारी से सीख लेते हुए सतर्क रहने की जरूरत है। जानें क्या है व्हाइट लंग सिंड्रोम और इसके लक्षण।
By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Sat, 02 Dec 2023 12:30 PM (IST)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। White Lung Syndrome: चीन के बाद अब अमेरिका के ओहियो राज्य में बच्चों में निमोनिया के मामले सामने आ रहे हैं। अमेरिका के अलावा, डेनमार्क और नीदरलैंड में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं। इस रहस्यमयी निमोनिया को व्हाइट लंग सिंड्रोम (White Lung Syndrome) का नाम दिया गया है। यह बीमारी ज्यादातर 3-8 साल तक के बच्चों को अपना शिकार बना रही है। यह बीमारी क्यों हो रही है, इसका कोई ठोस कारण अभी तक पता नहीं लग पाया है। लेकिन कुछ इस बीमारी की वजह, माइकोप्लाज्मा निमोनिया बैक्टिरीया से होने वाला इन्फेक्शन बता रहे हैं। इस इन्फेक्शन की वजह से फेफड़ें प्रभावित होते हैं। हालांकि, अभी तक इसमें और चीन में बच्चों को हो रही रेस्पिरेटरी बीमारी में कोई संबंध नहीं पाया गया है। लेकिन, बढ़ते मामलों को देखते हुए यह आने वाले खतरे की ओर इशारा हो सकता है। आइए जानते हैं क्या है व्हाइट लंग सिंड्रोम और इसके लक्षण क्या हो सकते हैं।
क्या है व्हाइट लंग सिंड्रोम (White Lung Syndrome)?
इस रहस्मयी बीमारी का नाम व्हाइट लंग सिंड्रोम इसलिए रखा गया है क्योंकि इससे प्रभावित होने के बाद फेफड़ों में सफेद रंग के पैच नजर आने लगते हैं। इस बीमारी की वजह से फेफड़ों में सूजन आ जाती है, जिस वजह से फेफड़ों और सांस की नली में समस्या हो सकती है। यह शुरुआत में कम होती है लेकिन आगे चलकर यह गंभीर रूप भी ले सकती है।
यह भी पढ़ें: सर्दियों के नाश्ते में खाएं ये 5 तरह की चीजें, नहीं होगी खांसी और जुकाम की समस्या
क्या हैं इसके लक्षण?
- खांसी- जुखाम
- नाक बहना या नाक बंद होना
- गले में खराश
- बुखार
- थकावट
- ठंड लगना
- सांस लेने में तकलीफ होना
कैसे फैलता है?
हालांकि, अभी तक इस बीमारी की वजह सामने नहीं आई है, लेकिन छींकते या खांसते वक्त निकलने वाले ड्रॉपलेट्स से यह दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। इसके अलावा, यह गंदे हाथों से भी फैल सकता है।कैसे करें इससे बचाव?
रेसपिरेट्री बीमारियां ज्यादातर बेहतर हाइजिन की मदद से फैलने से रोके जा सकते हैं। इसलिए इस बीमारी से बचाव के लिए-
Picture Coutesy: Freepik
- खाने से पहले या मुंह छूने से पहले साबुन से अच्छे से हाथ धोएं।
- छींकते समय मुंह और नाक ढकें।
- इस्तेमाल किए हुए टीशू को डस्टबीन में ही फेंके, इधर-उधर खुले में न डालें।
- बीमार होने पर घर पर ही रहें, बाहर निकलने से बचें।
- बाहर निकलते समय मास्क का इस्तेमाल करें।
- बाहर अगर पानी न हो, तो सैनिटाइजर के इस्तेमाल से हाथ साफ करें।
- बाहर खुले में रखा हुआ कुछ भी खाने-पीने से बचें।
Picture Coutesy: Freepik