समझें ब्रेन स्ट्रोक और ब्रेन हेमरेज में अंतर और जानें सर्दियों में क्यों बढ़ जाते हैं ब्रेन स्ट्रोक केे मामले
Brain Stroke सर्दियों के मौसम में सीनियर सिटीजन्स को खासतौर से अपना ख्याल रखने की जरूरत होती है क्योंकि इस मौसम में ब्रेन स्ट्रोक के मामले बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं। समय रहते उपचार न मिलने पर व्यक्ति की जान भी जा सकती है। सबसे पहले तो ब्रेन स्ट्रोक और ब्रेन हैमरेज के बीच का अंतर समझना जरूरी है। आइए जानते हैं ब्रेन स्ट्रोक से जुड़ी जरूरी बातें।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Brain Stroke: सर्दियों में हॉस्पिटल्स में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ने लगती है और ये समस्या खासतौर से बुजुर्गों में देखने को मिलती है। ठंड में मौसम में ही इसके सबसे ज्यादा मामले क्यों देखने को मिलते हैं, ये जानना है जरूरी। एक्सपर्ट बताते हैं कि सर्दियों में हमारी धमनियों में ब्लड का फ्लो काफी धीमा हो जाता है। ब्लड का सर्कुलेशन सही तरह से न होने की वजह से ब्लड क्लाटिंग होने की संभावना ज्यादा होती है और इस वजह से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं ब्रेन स्ट्रोक से जुड़ी कुछ जरूरी बातें।
समझें ब्रेन स्ट्रोक और ब्रेन हैमरेज में अंतर
ज्यादातर लोगों को ब्रेन स्ट्रोक और ब्रेन हेमरेज में अंतर की जानकारी नहीं होती है। दोनों को लोग एक ही समझते हं, लेकिन दोनों अलग-अलग हैं। जब दिमाग की एक नस में अचानक खून पहुंचना बंद हो जाए, तो उसे ब्रेन स्ट्रोक कहते हैं। इससे ब्रेन के प्रभावित हिस्से की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं जबकि ब्रेन हेमरेज होने पर चेहरे, हाथ या पैर में लकवा की समस्या होने लगती है। ऐसे में समय पर ट्रीटमेंट बहुत जरूरी है। इस लक्षणों को नजरअंदाज करना पेशेंट के लिए हो सकता है खतरनाक।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
- चेहरे, बाजू व टांग में अचानक कमजोरी- बोलने व समझने में अचानक कठिनाई होना- अचानक एक या दोनों आंखों से दिखाई न देना
- शरीर का संतुलन बनाए रखने में कठिनाई- बिना किसी कारण अचानक सिर में तेज दर्द