Women's Day 2024: पुरुषों की तुलना में महिलाएं क्यों होती हैं क्रोनिक पेन का ज्यादा शिकार, जानें इसके कारण
पेट दर्द पीठ दर्द गर्दन और कंधे का दर्द किसी को भी परेशान कर सकता है लेकिन एक्सपर्ट और रिसर्च बताती है कि ये समस्याएं पुरुषों की मुकाबले महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलते हैं। आखिर क्या है इसकी वजहें सबसे पहले जानेंगे इसके बारे में। साथ ही इसके इलाज के बारे में और सबसे जरूरी बचाव के जरूरी उपाय।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। महिलाओं में क्रोनिक पेन एक ऐसी स्थिति है जो दीर्घकालिक दर्द और असुविधा का कारण बन सकती है। क्राेनिक पेन मतलब शरीर के किसी भी अंग में उठने वाला ऐसा दर्द, जो कभी बहुत तेज हो जाता है, तो कभी हल्का रहता है। ये दर्द चोट, सर्जरी, शरीर में सूजन या फिर किसी एक्सीडेंट की वजह से भी हो सकता है, लेकिन इस दर्द के बढ़ने की जो सबसे बड़ी वजह है वो है लंबे समय तक छोटी-मोटी चोट को इग्नोर करते रहना। जो आगे चलकर गंभीर बीमारी में तब्दील सकती है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को क्रोनिक पेन होने की संभावना ज्यादा रहती है। महिलाएं पुरुषों की तुलना में 18% माइग्रेन से, घुटने के दर्द में 24% और पीठ के दर्द में 30% ज्यादा परेशान रहती हैं।
क्या है इसकी वजहें?
महिलाओं में क्रोनिक पेन के कई संभावित कारण हो सकते हैं, जिसमें शामिल हैं-1. हार्मोनल बदलाव: पीरियड्स, गर्भावस्था और मेनोपॉज़ के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव क्रोनिक पेन की वजह बन सकते हैं।
2. आनुवंशिक कारक: महिलाओं में क्रोनिक पेन के लिए आनुवंशिक कारक भी जिम्मेदार माने गए हैं। कुछ आनुवांशिक बदलाव दर्द को समझने और महसूस करने के तरीके को प्रभावित करते हैं। जिसका एहसास पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग होता है।
महिलाओं में क्रोनिक दर्द के प्रकार
पेट दर्द
कई सारी रिसर्च में ये पता चला है कि पेट दर्द की समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है।माइग्रेन और अन्य सिरदर्द
माइग्रेन के मामले भी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा पाए जाते हैं।