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Diabetes की समस्या को बदतर बना सकता है मोटापा, एक्सपर्ट से जानें इस बीमारी में क्यों जरूरी है वेट लॉस

Diabetes दुनियाभर में चिंता का विषय बनी हुई है। भारत में भी बीते कुछ दिनों से इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं जिसकी वजह से अब भारत दुनिया में डायबिटीज कैपिटल बन चुका है। यह एक लाइलाज बीमारी है जिसे दवाओं और हेल्दी आदतों से कंट्रोल किया जाता है। ऐसे में एक्सपर्ट बता रहे हैं कैसे इस बीमारी में Weight Loss फायदेमंद हो सकता है।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Sat, 06 Apr 2024 04:32 PM (IST)
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एक्सपर्ट से जानें क्या है वेट लॉस और डायबिटीज का कनेक्शन
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। डायबिटीज (Diabetes) इन दिनों एक गंभीर समस्या बन चुकी है। दुनियाभर में इसके मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। खुद भारत में पिछले कुछ समय से डायबिटीज एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिसकी वजह से भारत को अब डायबिटीज कैपिटल कहा जाने लगा है। तेजी से बदलती जीवनशैली और खानपान की गलत आदतें लोगों को इस लाइलाज बीमारी का शिकार बना रही है।

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं। ऐसे में इसका शिकार होने पर व्यक्ति को जिंदगीभर दवाओं का सहारा लेना पड़ता है। दवाओं के अलावा लोग अपनी लाइफस्टाइल में कुछ हेल्दी बदलाव कर इस बीमारी को कंट्रोल करते हैं। वेट मैनेजमेंट इन्हीं बदलावों में से एक है, जो डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए बेहद जरूरी है। ऐसे में वेट लॉस और डायबिटीज के बीच कनेक्शन को विस्तार से जानने के लिए फरीदाबाद के मेट्रो हॉस्पिटल में एंडोक्रिनोलॉजी और डायबेटोलॉजी के निदेशक डॉ. अरुण कुमार सी. सिंह से बातचीत की-

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क्या जरूरी है वजन घटाना?

वहीं, डायबिटीज और वेट लॉस के कनेक्शन के बारे में डॉक्टर अजय कहते हैं कि डायबिटीज और वेट लॉस के बीच एक जटिल संबंध है। डायबिटीज एक डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर Insufficient Insulin Production (टाइप 1) or Inefficient Insulin Usage (टाइप 2) के कारण ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष करता है। ऐसे में डायबिटीज, विशेषकर टाइप 2 को कंट्रोल करने के लिए वजन कम करना बहुत जरूरी हो सकता है।

क्यों हानिकारक है मोटापा?

डॉक्टर आगे बताते हैं कि जब कोई व्यक्ति ज्यादा वजन वाला या मोटा होता है, तो यह उनके शरीर पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे इंसुलिन के लिए अपना काम प्रभावी ढंग से करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में वजन कम करने से इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करने में मदद मिल सकती है, जिसका मतलब है कि आपका शरीर ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन का बेहतर उपयोग कर सकता है। इससे डायबिटीज पर बेहतर नियंत्रण हो सकता है और दवा की आवश्यकता भी कम हो सकती है।

इसलिए भी जरूरी वेट लॉस

इसके अलावा, शरीर का वजन कम करने से टाइप 2 डायबिटीज के विकास का प्रारंभिक जोखिम कम भी हो सकता है। आप संतुलित आहार खाकर और स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम करके इंसुलिन रेजिस्टेंस और डायबिटीज के विकास के जोखिम को कम कर सकते हैं।

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Picture Courtesy: Freepik