Winter Heart Care Tips: हार्ट, बीपी और शुगर पेशेंट्स सर्दियों में ऐसे रखें अपना ख्याल, वरना हो जाएगी प्रॉब्लम
Winter Heart Care Tips सर्दियों में दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। जिसके लिए डॉक्टर्स हमारी लाइफस्टाइल बहुत ज्यादा स्ट्रेस अनहेल्दी डाइट फिजिकल एक्टिविटी की कमी को जिम्मेदार मानते हैं तो कैसे रखें सर्दियों में दिल का ख्याल जानें यहां।
By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Tue, 24 Jan 2023 08:42 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Winter Heart Care Tips: कार्डियक अरेस्ट सहित दिल से जुड़ी बीमारियां काफी बढ़ गई हैं। विशेषज्ञ संकेत देते हैं कि कार्डियक अरेस्ट से संबंधित मौतों की पहले से कहीं अधिक रिपोर्टें आई हैं और चिंताजनक रूप से यह संख्या युवाओं में बढ़ रही है। इसके साथ ही सर्दियों के मौसम में कार्डियक अरेस्ट की प्रॉब्लम कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रही है। सर्दियों के दौरान नियमित रूप से फ्लू और सांस संबंधी बीमारियों के अलावा, ठंड का तापमान भी दिल को प्रभावित कर सकता है।
रिपोर्टों के अनुसार, सर्दियों में दिल से संबंधित स्थितियों के लिए अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में लगभग 20-30% की वृद्धि होती है। हालांकि इसका कोई निर्णायक सबूत नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि ठंड का मौसम दिल को कई तरह से प्रभावित करता है। एक यह है कि हृदय को गर्म परिस्थितियों में सामान्य रूप से ज्यादा ब्लड पंप करना चाहिए, जो कि हमारे शरीर के लिए उपयोग किया जाता है। इसलिए, बहुत ज्यादा गर्मी और सर्दी में हृदय तनावग्रस्त हो जाता है। दूसरा, ठंड में हार्ट की ब्लड वेसेल्स के सिकुड़ जाती हैं जिससे वहां ब्लड का फ्लो कम हो जाता है।
डॉक्टर हमारी जीवनशैली में बदलाव, उच्च तनाव के स्तर, खराब खाने के पैटर्न और शारीरिक गतिविधि की कमी सहित कई कारकों के लिए देखी गई प्रवृत्ति का श्रेय देते हैं। वायु प्रदूषण भी एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में उभर रहा है। बिना कोमोरबिडिटी वाले लोगों के लिए, एक स्वस्थ व्यक्ति होने के बावजूद पारिवारिक इतिहास एक संभावित जोखिम कारक हो सकता है। कोई भी बेहिसाब व्यायाम या परिश्रम हृदय पर दबाव डाल सकता है, जिससे कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।
हृदय रोगियों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
यह समझना महत्वपूर्ण है कि जैसे-जैसे तापमान घटता है, शरीर को गर्मी को नियंत्रित करने के लिए एक्स्ट्रा एफर्ट करना चाहिए, जिसका हृदय के कार्य करने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जिन लोगों को हार्ट से जुड़ी कोई प्रॉब्लम है या दिल के दौरे का इतिहास है, उनके लिए खतरा ज्यादा है। इसके साथ ये भी पता होना चाहिए कि कार्डियक अरेस्ट, हार्ट अटैक से अलग होता है, जो तब होता है जब मरीज की एक या एक से ज्यादा कोरोनरी आर्टरी ब्लॉक हो जाती है। कार्डियक अरेस्ट आमतौर तब होता है जब हमारे दिल की इलेक्ट्रिकल सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रही होती है।
सर्दियों में हार्ट को ऐसे रखें हेल्दी
• हाइड्रेटेड रहने के लिए पर्याप्त गर्म तरल पदार्थों का सेवन करें।• धूम्रपान छोड़ें और अधिक खाने के साथ-साथ अत्यधिक शराब पीने से भी परहेज करें।• बॉडी को एक्टिव रखने के लिए रोजाना व्यायाम करें। स्ट्रेस कंट्रोल करने के लिए काम का बोझ कम करें, पर्याप्त नींद लें।• अगर डायबिटीज का मामला है, हाई ब्लड प्रेशर वगैरह...तो उसे कंट्रोल में रखें वरना हार्ट प्रॉब्लम्स बढ़ सकती है।
• समय-समय पर चेकअप कराते रहें जिससे अगर कोई समस्या हो, तो समय रहते उपचार किया जा सके।सर्दियों की सुबह के दौरान ज़ोरदार व्यायाम को रोकने की सलाह दी जाती है। शीत लहर के कई खतरों से खुद को बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनने चाहिए। ठंड में, कपड़ों की अधिक परतें पहनने से हवा फंस जाती है और एक परिरक्षण इन्सुलेटर बन जाता है। जिन लोगों में हृदय रोग के कई जोखिम कारक हैं, उन्हें उपचार के अनुकूलन के लिए पहले अपने कार्डियोलॉजिस्ट से परामर्श करना चाहिए।
(डॉ. आशीष गोविल, सीनियर कंसल्टेंट, डिपार्टमेंट ऑफ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, जेपी हॉस्पिटल, नोएडा से बातचीत पर आधारित)Pic credit- freepik