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Winter Diseases: सर्दियों में बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा, जानें कैसे करें इनसे बचाव

सर्दियों के मौसम में बीमार पड़ने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। कई बीमारियां ऐसी हैं जिनका संक्रमण सर्दियों में काफी बढ़ जाता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। इन बीमारियों में सबसे आम कॉमन कोल्ड है लेकिन यह अकेला नहीं है। इसके अलावा भी कई बीमारियां हैं जो आपको अपना शिकार बना सकती हैं। जानें किन बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है सर्दियों में।

By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Sat, 16 Dec 2023 04:32 PM (IST)
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सर्दियों में बढ़ जाता है कुछ बीमारियों का संक्रमण
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Winter Diseases: सर्दी का मौसम अपने साथ न केवल गरम-गरम हॉट चॉकलेट लाता है, बल्कि साथ में कई बीमारियां भी लेकर आता है, जो आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती हैं। तापमान कम होने और लाइफस्टाइल में बदलाव की वजह से, इन बीमारियों का खतरा अधिक बढ़ जाता है। ये बीमारियां आपके लिए घातक भी साबित हो सकती हैं। इसलिए इनसे बचाव करना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं, सर्दियों में किन बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और इनसे किन तरीकों से बचाया जा सकता है।

कॉमन कोल्ड (Common Cold)

सर्दियों में सबसे ज्यादा होने वाली बीमारी कॉमन कोल्ड यानी साधारण सर्दी-जुखाम है। इसमें नाक बंद होने, गले में खराश, खांसी, बदन दर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं। कई बार इसकी वजह से, हल्का बुखार भी हो सकता है। यह खतरनाक नहीं होता, लेकिन आपको परेशान जरूर कर सकता है। इससे राहत पाने के लिए-

  • गरम पानी या सूप पीएं, जिससे गले की खराश और म्यूकस को कम किया जा सकता है।
  • कंजेशन दूर करने के लिए ह्यूमिडिफायर या इन्हेलर का इस्तेमाल करें।
  • खाना खाने और मुंह पर हाथ लगाने से पहले हाथ धोएं या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
  • यह आपके घर में औरों को न हो, इसलिए छींकते या खांसते वक्त मुंह को ढकें।
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निमोनिया ( Pneumonia)

निमोनिया के मामले, अक्सर सर्दियों में बढ़ जाते हैं। यह बैक्टिरीया, वायरस और फंगस के संक्रमण की वजह से हो सकता है। इसकी बीमारी से बुजुर्गों और बच्चों को अधिक खतरा रहता है क्योंकि उनमें कॉम्पलिकेशन का जोखिम अधिक होता है। इसमें बुखार, गले में खराश, छाती में दर्द आदि जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। इससे बचाव करने के लिए-

  • हांथों को अच्छे से साफ करें।
  • शरीर में पानी की कमी न होने दें।
  • हेल्दी डाइट खाएं।
  • बच्चों और बुजुर्गों को निमोनिया से बचाने के लिए वैक्सीन लगवाएं।

फ्लू ( Flu)

फ्लू जिसे इंफ्लुएंजा भी कहा जाता है, स्वांस प्रणाली में होने वाली एक संक्रामक बीमारी है। यह वायरस के संक्रमण की वजह से होता है, जिसमें नाक, गले और कई बार फेफड़ों में भी इन्फेक्शन हो सकता है। सिर दर्द, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। इससे बचाव करने के लिए-

  • हाथों को साफ साबुन या सैनिटाइजर से साफ करें।
  • छींकते या खांसते समय मुंह को ढकें।
  • आंख, नाक और मुंह को बार-बार न छुएं।

ब्रॉन्काइटिस (Bronchitis)

इस में फेंफड़ों में मौजूद नलियों में बलगम भर जाता है और सूजन आ जाती है। इस कारण से खांसी, कफ, सांस लेने में तकलीफ जैसी परेशानियां हो सकती हैं। इससे बचाव करने के लिए-

  • किसी चीज से एलर्जी हो, तो उनसे दूर रहें।
  • अधिक भीड़ वाली जगहों पर न जाएं।
  • हाथ साफ रखें।
  • पानी भरपूर मात्रा में पीएं।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik

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