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महाराष्ट्र में वैक्सीन लगवाने के बाद Rabies से गई महिला की जान, जानें इस खतरनाक बीमारी के बारे में सबकुछ

महाराष्ट्र में बीते दिनों रेबीज से एक महिला की मौत हो गई। हैरानी की बात यह है कि वैक्सीनेशन पूरा करने के बाद भी महिला इस बीमारी का शिकार हो गई और उसकी जान चली गई। Rabies एक गंभीर बीमारी है जो आमतौर पर कुत्ते के काटने से फैलती हैं। आइए जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में-

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Fri, 15 Mar 2024 04:33 PM (IST)
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जानें क्या है रेबीज जिससे महाराष्ट्र में गई महिला की जान
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बीते दिनों महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक 21 वर्षीय युवती की इलाज के दौरान रेबीज (Rabies) इन्फेक्शन से मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक महिला को पिछले महीने एक आवारा कुत्ते ने काट लिया था, जिसके बाद उनसे रेबीज वैक्सीनेशन का कोर्स पूरा किया था। इस कोर्स को पूरा करने तीन दिन बाद ही महिला की मौत हो गई। रेबीज एक खतरनाक बीमारी है, जो आमतौर पर कुत्तों के काटने से फैलती हैं। आइए जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी कुछ जरूरी बातें-

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क्या है रेबीज?

रेबीज आरएबीवी वायरस के संक्रमण से फैलता है, जिससे दौरे, हेल्युसिनेशन और पैरालिसिस जैसे लक्षण नजर आते हैं। वह वायरस आपकी आंखों, नाक या मुंह, कटी-फटी त्वचा के किसी संक्रमित जानवर की लार या नर्वस सिस्टम टिश्यू के सीधे संपर्क में आने से फैलता है।

विशेषज्ञों के मुताबिक भले ही रेबीज घातक है, लेकिन इसे रोका जा सकता है। यह वायरस संक्रमित कुत्ते, चमगादड़ या बंदर द्वारा लोगों और पालतू जानवरों को काटने या नाखुन मारने से फैल सकता है।

शरीर में कैसे फैलता है रेबीज?

रेबीज वायरस आपके शरीर में तब प्रवेश करता है, जब किसी संक्रमित जानवर की लार खुले घाव में चली जाती है। फिर यह वायरस नर्व के जरिए आपके सेंट्रल नर्वस सिस्टम में चला जाता है, जिससे डैमेड और न्यूरोलॉजिकल लक्षण नजर आने लगते हैं। इसके बाद रेबीज कोमा और मौत की वजह बन जाता है।

नर्वस सिस्टम में जाने से पहले वायरस कई दिनों से लेकर हफ्तों तक आपके शरीर में रह सकता है। इस दौरान आपमें कोई लक्षण भी नजर नहीं आते हैं। अगर इस दौरान तुरंत इलाज किया जाए, तो आपको रेबीज नहीं होगा। हालांकि, इस दौरान अगर आप इलाज से चूक जाते हैं, तो यह इन्फेक्शन फैल सकता है।

रेबीज के लक्षण

  • दस्त
  • खांसी
  • बुखार
  • बेचैनी
  • लकवा
  • थकावट
  • गर्दन में अकड़न
  • गला खराब होना
  • मतली और उल्टी
  • मांसपेशियों में दर्द
  • अत्यधिक लार आना
  • काटने के घाव में जलन, खुजली, झुनझुनी, दर्द या सुन्नता

रेबीज से बचाव के उपाय

रेबीज एक खतरनाक बीमारी है, लेकिन अगर समय रहते इसका इलाज किया जाए, तो इसे गंभीर रूप लेने से रोका जा सकता है। ऐसे में इससे बचाव के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें।

  • सुनिश्चित करें कि आपके पालतू जानवरों को वैक्सीन जरूर लगी हो।
  • ध्यान रखें कि आपके पालतू जानवर बिना निगरानी के खुले में न घूमें।
  • घायल जानवरों को न छुएं या उन्हें पकड़ने की कोशिश न करें।
  • अगर आप रेबीज के संपर्क में आ गए हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • अगर आप रेबीज के संपर्क में आने के हाई जोखिम में हैं, तो नियमित रूप से टीका लगवाएं।
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Picture Courtesy: Freepik

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