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Women Health: बढ़ती उम्र में महिलाओं को सेहत से जुड़ी इन चीज़ों के प्रति रहना चाहिए खासतौर से जागरूक

Women Health बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं को अपनी सेहत के प्रति खासतौर से सचेत हो जाना चाहिए। इसकी अनदेखी किसी बड़ी परेशानी की वजह बन सकती है तो क्या है वो जरूरी बातें आइए जान लेते हैं इस बारे में विस्तार से।

By Priyanka SinghEdited By: Updated: Tue, 29 Mar 2022 07:25 AM (IST)
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Women Health: महिलाएं स्वास्थ्य के प्रति रहें सचेत
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क, Women Health: महिलाओं की जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है सेहत से जुड़ी कई तरह की दिक्कतें भी शुरू हो जाती हैं जैसे- पीरियड्स, प्रेग्नेंसी आदि। इसलिए बहुत जरूरी है बचपन से ही बच्चियों के खानपान और लाइफस्टाइल को हेल्दी रखना। इसके साथ ही ये भी जानना जरूरी है कि सभी महिलाओं की बॉडी अलग होती है तो किसी भी तरह की दिक्कत होने पर डॉक्टर से दिखाएं न कि आंखें मूंद कर टीवी या यूट्यब के नुस्खों को फॉलो करने लग जाएं। वैसे तो कई ऐसी बातें हैं जिनपर आपको नजर रखनी चाहिए लेकिन इन बातों पर खासतौर से गौर फरमाएं।

1. मासिक धर्म चक्र के बारे में जानकारी रखना

सही समय पर और आरामदायक पीरियड्स सेहत संबंधी कई परेशानियों को दूर रखने का काम करते हैं। तो इसे ट्रैक करना जरूरी है, जैसे आपका मासिक चक्र कितना लंबा है, क्या यह नियमित है, क्या आपकी मासिक अवधि या चक्र हाल ही में बदली है। इन बातों का ध्यान रखें और सतर्क रहें। किसी भी तरह का बदलाव दिखे तो बिना देर किए डॉक्टर से कंसल्ट करें।2. फैमिली प्लानिंग का सही समय 

महिलाओं की प्रजनन क्षमता उनके 30 के दशक में कम होने लगती है और 40 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते तक यह काफी कम हो जाती है। 40 के दशक में कई मशहूर हस्तियों के सक्सेसफुल डिलीवरी होने के बावजूद यह सही समय नहीं है गर्भावस्था के लिए। तो अपनी बॉडी की कंडीशन को देखते, समझते हुए सही समय पर इस चीज़ की प्लानिंग कर लें।

3यौन संचारित संक्रमण के प्रति जागरूक रहना

क्या आप जानते हैं कि कई यौन संचारित संक्रमणों के लक्षण बहुत कम होते हैं। क्लैमाइडिया या गोनोरिया जैसे अन्य संक्रमणों में अस्पष्ट लक्षण हो सकते हैं जैसे- पेशाब के साथ दर्द, वैजिनल डिस्चार्ज या मासिक धर्म में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग। अगर आप विवाहित नहीं तो गर्भनिरोधक का उपयोग करना और नियमित रूप से जांच कराना बहुत जरूरी है। इसके अलावा कुछ एचपीवी संक्रमण गर्भाशय सर्वाइकल के रोगों से जुड़े होते हैं जिससे यह आवश्यक हो जाता है कि आप अपना वार्षिक पैप स्मीयर टेस्ट को न छोड़ें और उसे जारी रखें।

(Dr. Aruna Kalra, Senior Gynaecologist & Obstetrician at CK Birla Hospital से बातचीत पर आधारित)

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