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World Aids Day 2023: क्या आपको भी लगता है एक हैं HIV और AIDS, तो जानें क्या है इनमें अंतर

World Aids Day 2023 एड्स एक गंभीर बीमारी है जो किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। हालांकि आज भी लोगों में इसे लेकर जागरूकता की कमी है जो इसके खतरे को काफी बढ़ा देता है। ऐसे में इस जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी सभी बातें-

By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Thu, 30 Nov 2023 05:13 PM (IST)
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जानें एक-दूसरे से कैसे अलग है एचआईवी और एड्स
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Aids Day 2023: एड्स एक गंभीर बीमारी है, जो कई जानलेवा भी साबित हो सकती है। इस बीमारी के प्रति जागरूकता की कमी की वजह से ही अक्सर लोगों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। ऐसे में हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है, ताकि एचआईवी संक्रमण के प्रसार के कारण होने वाली एड्स महामारी के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। हालांकि, आज भी कई लोग एचआईवी (HIV) और एड्स के बीच के अंतर को ठीक से नहीं जानते, जिसकी वजह से वह अक्सर सही इलाज पाने में देरी कर देते हैं।

ऐसे में विश्व एड्स दिवस के मौके पर आज इस आर्टिकल हम आपको बताएंगे एचआईवी (HIV) और एड्स में क्या अंतर है और इस बीमारी के बारे में वह सबकुछ जो आपको जानना जरूरी है।

क्या है एचआईवी?

एचआईवी एक वायरस है, जिसे ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस के नाम से भी जाना जाता है। एचआईवी आपके इम्युन सिस्टम की सेल्स को संक्रमित और नष्ट कर देता है, जिससे अन्य बीमारियों से लड़ना मुश्किल हो जाता है। इस तरह जब एचआईवी आपकी इम्युनिटी को पूरी तरह से कमजोर कर देता है, तो यह एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशियेंसी सिंड्रोम या एड्स (AIDS) का कारण बन सकता है।

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क्या है एड्स?

एड्स एचआईवी से होने वाली बीमारी है, जो इस संक्रमण का अंतिम और सबसे गंभीर स्टेज होता है। एड्स से पीड़ित लोगों में व्हाइट ब्लड सेल्स की संख्या बहुत कम होती है और उनका इम्युन सिस्टम भी गंभीर रूप से डैमेज हो जाता है।

एचआईवी और एड्स में क्या अंतर है?

क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक एचआईवी और एड्स में सबसे अहम अंतर यह है कि एचआईवी एक वायरस है, जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है। वहीं, एड्स एक ऐसी स्थिति या बीमारी है, जो एचआईवी संक्रमण की वजह बन सकती है, जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली गंभीर रूप से कमजोर हो जाती है।

कोई व्यक्ति तब तक एड्स से पीड़ित नहीं हो सकता, जब तक वह एचआईवी से संक्रमित नहीं हैं। हालांकि, यह भी सच है कि एचआईवी से पीड़ित हर व्यक्ति को एड्स नहीं होता है, लेकिन बिना इलाज एचआईवी से एड्स की वजह बन सकता है।

किसे प्रभावित करता है एचआईवी?

कई लोगों का यह मानना है कि एचआईवी सिर्फ कुछ खास लोगों को भी संक्रमित करता है। हालांकि, यह एक मिथक है। वायरस के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति एचआईवी संक्रमित हो सकता है। हालांकि, निम्न लोगों को इस वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होता है-

  • यौनकर्मी
  • समलैंगिक या द्विलैंगिक (Bis*xual)
  • अफ्रीकन या हिस्पैनिक लोग

एचआईवी के लक्षण क्या हैं?

यह जरूरी नहीं कि एचआईवी होने पर व्यक्ति के लक्षण दिखाई दें। कुछ लोगों को बिना किसी लक्षण के भी एचआईवी हो सकता है। यही कारण है कि अगर आप बीमार महसूस नहीं कर रहे हैं, तो भी परीक्षण करवाना जरूरी है। वहीं, बात करें इसके कुछ आम लक्षणों की, तो पहली बार एचआईवी से संक्रमित होने पर कभी-कभी आपको फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं-

  • रैश
  • बुखार
  • थकान
  • ठंड लगना
  • मुंह के छाले
  • गला खराब होना
  • मांसपेशियों में दर्द
  • रात में पसीना आना
  • लिंफ नोड्स में सूजन

एचआईवी के चरण क्या हैं?

एचआईवी से संक्रमित होने का मतलब यह नहीं है कि व्यक्ति को एड्स होगा। इस वायरस की चपेट में आने के बाद इसके तीन स्टेज को पार करने एड्स होता है। एचआईवी के तीन चरण निम्न हैं-

  • स्टेज 1: अक्यूट एचआईवी
कुछ लोगों में एचआईवी से संक्रमित होने के एक या दो महीने बाद फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। ये लक्षण अक्सर एक हफ्ते से एक महीने के अंदर दूर हो जाते हैं।

  • स्टेज 2: क्रोनिक स्टेज
पहले स्टेज पर इस वायरस का पता न चलने पर व्यक्ति दूसरे चरण में प्रवेश कर जाता है। इसमें आपको बीमार महसूस किए बिना कई वर्षों तक एचआईवी हो सकता है। यह ध्यान रखें कि भले ही आप अच्छा महसूस कर रहे हैं, लेकिन फिर भी आप दूसरों में एचआईवी फैला सकते हैं।

  • स्टेज 3: एड्स
एड्स एचआईवी संक्रमण का सबसे गंभीर और आखिरी चरण है। इस चरण में, एचआईवी ने आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को गंभीर रूप से कमजोर कर चुका होता है और आपके बीमार होने की संभावना बहुत अधिक हो जाती है।

एड्स के लक्षण क्या हैं?

एड्स के लक्षणों के पीछे एचआईवी संक्रमण हो सकता है, लेकिन इनमें से ज्यादातर लक्षण उन बीमारियों के हो सकते हैं, जो कमजोर इम्युनिटी के कारण आपको शिकार बनाती हैं। यानी एड्स के अपने कोई खास लक्षण नहीं होते।

एचआईवी/एड्स कैसे होता है?

एचआईवी ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस के कारण होता है। यह वायरस आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली की सहायक टी-सेल्स पर हमला करता है, जिससे यह कमजोर हो जाती है। कमजोर इम्युन सिस्टम होने की वजह से आपका शरीर अन्य बीमारियों से लड़ने में अक्षम होता है, जिसकी वजह से आपको एड्स होता है।

कैसे फैलता है एचआईवी?

यह वायरस किसी भी संक्रमित व्यक्ति के खून, वीर्य, ​​योनि के तरल पदार्थ, स्तन के दूध और मलाशय के तरल पदार्थ के माध्यम से फैल सकता है। यह वायरस आपके मुंह, एनस, पेनिस, योनि या चोट लगी त्वचा के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है। ध्यान रखें कि एचआईवी आपकी त्वचा में तब तक प्रवेश नहीं कर सकता जब तक कि आपको कोई कट या घाव न हो। इसके अलावा एचआईवी से पीड़ित गर्भवती महिलाएं भी इसे अपने बच्चों को दे सकती हैं। असुरक्षित यौन संबंध और नशीली दवाएं लेने के लिए सूइयां साझा करना एचआईवी फैलने के सबसे आम तरीके हैं।

क्या किस करने से हो सकता है एचआईवी?

चूंकि एचआईवी थूक से नहीं फैलता है, इसलिए संक्रमित व्यक्ति को किस करने से यह वायरस नहीं फैलता है। हालांकि, अगर संक्रमित व्यक्ति के मुंह में घाव है या उसके मसूड़ों से खून बह रहा है, तो संभावना है कि उनके संपर्क में आने से एचआईवी हो सकता है। इसके अलावा आपको निम्न कारणों से भी एचआईवी नहीं होता है:-

  • एचआईवी/एड्स से पीड़ित किसी व्यक्ति को छूना या गले लगाना।
  • सार्वजनिक स्नानघर या स्विमिंग पूल
  • एचआईवी/एड्स से पीड़ित व्यक्ति कप, बर्तन या टेलीफोन को साझा करना।
  • किसी कीड़े के काटने से
  • रक्तदान करने से

क्या एचआईवी का कोई इलाज है?

वर्तमान में एचआईवी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके इलाज के लिए ऐसे कई विकल्प हैं, जो एचआईवी को तेजी के बढ़ने में काफी हद तक रोक सकते हैं।

एचआईवी का इलाज कैसे किया जाता है?

एचआईवी का इलाज नियमित रूप से मुंह से ली जाने वाली दवाओं (गोलियों) के कॉम्बिनेशन से किया जाता है। गोलियों के इस कॉम्बिनेशन को एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) कहा जाता है।

कैसे कम करें एचआईवी का खतरा

एचआईवी के खतरे को कम करने के लिए जरूरी है कि कुछ खास बातों का ध्यान रखा जाए। आप निम्न तरीकों से इस बीमारी के खतरे को कम कर सकते हैं-

  • असुरक्षित यौन संबंध से बचें।
  • एनिमल प्रोडक्ट से बने कंडोम का इस्तेमाल न करें।
  • नशीली दवाएं लेने के लिए कभी भी सुइयां शेयर न करें।
  • टैटू करवाते समय ध्यान रखें कि टैटू पार्लर सर्टिफाइड हो।
  • टैटू कराते समय ध्यान रखें कि सुई नई हो और टैटू डिवाइज सही से सैनिटाइज हो।
  • अन्य एसटीआई के लिए परीक्षण और इलाज करवाएं। अन्य एसटीआई एचआईवी संक्रमण के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
  • अगर आपको एचआईवी का ज्यादा खतरा है, तो डॉक्टर से प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (पीआरईपी) के बारे में सलाह जरूर लें।
  • अगर आपको लगता है कि आप एचआईवी के संपर्क में आ गए हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik

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