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महिलाओं को क्यों ज्यादा होती है Alzheimer's disease? डॉक्टर ने बताई इसकी वजह और बचाव के तरीके

बढ़ती उम्र के साथ ही Alzheimers disease का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। खासकर महिलाओं में इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 21 सितंबर को World Alzheimers Day मनाया जाता है। इस मौके पर डॉक्टर बता रहे हैं क्यों महिलाओं को अल्जाइमर का ज्यादा खतरा होता है।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Sat, 21 Sep 2024 02:55 PM (IST)
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इन वजहों महिलाओं को ज्यादा होती है अल्जाइमर (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। इन दिनों लोग कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और अन्य आदतों की वजह से अक्सर बढ़ती उम्र के साथ ही यह बीमारी लोगों को अपनी चपेट में ले लेती है। Alzheimer's disease इन्हीं में से एक है, जो अक्सर बड़े-बुजुर्गों में ज्यादा देखने को मिलती है। इस बीमारी की वजह से लोगों की याददाश्त कमजोर हो जाती है, जिसकी वजह से उन्हें रोजमर्रा के जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

साथ ही इसकी वजह से सोचने-सीखने को क्षमता भी काफी प्रभावित होती है। ऐसे में इसके बारे में जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 21 सितंबर को World Alzheimer's Day मनाया जाता है। यूं तो ये बीमारी किसी को भी अपना शिकार बना सकती हैं, लेकिन महिलाओं को इसका खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में फोर्टिस अस्पताल, फरीदाबाद के निदेशक न्यूरोलॉजी डॉ.विनित बंगा ने बताई इसका वजह और कैसे करें इससे बचाव-

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महिलाओं को ज्यादा खतरा क्यों?

डॉक्टर बताते हैं कि पुरुषों की तुलना में अल्जाइमर डिजीज का खतरा महिलाओं को ज्यादा होता है। अल्जाइमर की लगभग दो-तिहाई मरीज महिलाएं हैं। इस बीमारी के बढ़े हुए खतरे के लिए बायोलॉजिकल, हार्मोनल और लाइफस्टाइल फैक्टर्स जिम्मेदार हैं। वहीं, बात करें इसके प्राथमिक कारणों की, तो महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा समय तक जीवित रहती हैं और उम्र अल्जाइमर के लिए सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है।

हालांकि, अंतर सिर्फ लाइफस्पैन का भी नहीं है। एस्ट्रोजन, एक हार्मोन जो मेनोपॉज के दौरान तेजी से घटता है, ब्रेन हेल्थ में एक सुरक्षात्मक भूमिका निभाता है। जब एस्ट्रोजन का लेवल गिरता है, तो ब्रेन अल्जाइमर से जुड़े बदलावों के प्रति ज्यादा सेंसिटिव हो जाता है।

ये भी होती हैं वजह

इसके अलावा कुछ जेनेटिक फैक्टर, जैसे कि APOE4 जीन, महिलाओं में अल्जाइमर में योगदान करने की ज्यादा संभावना रखते हैं। महिलाएं क्रोनिक स्ट्रेस, डिप्रेशन और दिल से जुड़ी समस्याओं के प्रति भी ज्यादा संवेदनशील होती हैं, जो कॉग्नेटिव डेकलाइन और अल्जाइमर डिजीज से जुड़ी होती हैं।

कैसे करें बचाव

  • इस खतरे से बचने के लिए रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी के साथ एक हेल्दी लाइफस्टाइल बनाए रखना जरूरी है।
  • साथ ही एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर बैलेंस्ड डाइट और मेंटल हेल्थ बूस्ट करने के लिए माइंड एक्टिविटी भी रूटीन में शामिल कर सकते हैं।
  • स्ट्रेस मैनेज करना, हार्ट हेल्थ बनाए रखना और मजबूत सामाजिक संबंधों को बढ़ावा देना भी जरूरी है।
  • रेगुलर हेल्थ चेकअप के जरिए भी इस बीमारी का समय रहते पता लगा सकते हैं, जिससे सही समय पर इसके इलाज में मदद मिल सकती है।
  • इन सभी बातों को ध्यान में रख महिलाओं में अल्जाइमर के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
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