World Asthma Day 2024: 7 मई को मनाया जा रहा है विश्व अस्थमा दिवस, जानिए इसका मकसद, इतिहास और इस साल की थीम
हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को दुनिया भर में विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day 2024) मनाया जाता है जो कि इस बार 7 मई को है। सांस से जुड़ी यह बीमारी बच्चों और बड़ों दोनों को ही प्रभावित करती है। आइए जानते हैं इस दिन को मनाने के पीछे के इतिहास और महत्व और अन्य जानकारियों के बारे में।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Asthma Day 2024: दुनिया भर में हर साल मई के महीने में पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है, जो कि इस बार 7 मई को है। (विश्व स्वास्थ्य संगठन) WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 में दुनियाभर में करीब 4.5 लाख लोगों की अस्थमा से मौत हो गई। सेहत के लिहाज से काफी अहम यह दिन हर साल ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) द्वारा आयोजित किया जाता है, जिसे 1993 में विश्व स्वास्थ्य संगठन का समर्थन भी मिला था। इस दिन को मनाने की पीछे का मकसद है, सांस से जुड़ी इस बीमारी को लेकर दुनिया भर में जागरूकता के साथ और इसकी रोकथाम और देखभाल को बढ़ावा देना। आइए इस मौके पर आपको बताते हैं इसे मनाने की उद्देश्य, इस साल की थीम और इसकी इतिहास।
क्या है इस दिन को मनाने का उद्देश्य?
दिनों दिन बढ़ रहे प्रदूषण और खराब लाइफस्टाइल के चलते आज कम उम्र में ही लोग अस्थमा के शिकार हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें, तो सांस से जुड़ी इस बीमारी को लोग अक्सर नजरअंदाज करते हैं और समय पर इलाज का सहारा नहीं लेते हैं। ऐसे में इस दिन को मनाने का मकसद लोगों में इस अस्थमा को लेकर जागरूकता बढ़ाने का है, जिससे अस्थमा से पीड़ित लोगों को दुनियाभर में सही इलाज और देखभाल मिल सके।यह भी पढ़ें- गर्मियों में बढ़ सकती है अस्थमा की परेशानी, एक्सपर्ट के बताए इन तरीकों से करें बचाव
क्या है इस साल की थीम?
विश्व अस्थमा दिवस 2024 की थीम ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) की ओर से अस्थमा शिक्षा सशक्तिकरण (Asthma Education Empowers) रखी गई है। इस दिन अस्थमा प्रबंधन कार्यक्रमों के विकास और कार्यान्वयन को प्रोत्साहित करने और इंप्लीमेंटेशन के लिए दुनियाभर के देशों के साथ बातचीत की जाती है और इस दिशा में काम को आगे बढ़ाया जाता है। जानकारी की कमी के चलते कई लोग मानते हैं कि अस्थमा छूने से फैलता है, जो कि बिल्कुल भी सच नहीं है। ऐसे में अस्थमा के रोगियों की सही देखभाल के लिए जरूरी है सभी को इस बीमारी को लेकर जागरूक करना।क्या है विश्व अस्थमा दिवस का इतिहास?
इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 1998 में हुई थी और पहली बार विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से इसे ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा ने मनाया था। 1998 में ही 35 से ज्यादा देशों ने इस दिन को मनाया था। इसी के बाद से दुनियाभर में सांस से जुड़ी बीमारियों को लेकर जागरूकता बढ़ाने और अस्थमा के बारे में शिक्षा फैलाने के मकसद से हम इसे हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को मनाते आ रहे हैं।
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