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World Blood Donor Day: ब्लड डोनेट करने के नियम, जानें कौन कर सकता है और कौन नहीं

World Blood Donor Day कल यानी 14 जून को ब्लड डोनर डे मनाया जाता है जिसका मकसद लोगों को ब्लड डोनेशन के फायदों के बारे में बताना और उन्हें डोनेशन के प्रति जागरूक बनाना है। लेकिन क्या आप जानते हैं कौन कर सकता है ब्लड डोनेट और कौन नहीं?

By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Wed, 14 Jun 2023 10:27 AM (IST)
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World Blood Donor Day: ब्लड डोनेशन के नियम
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Blood Donor Day: रक्तदान बहुत ही बड़ा दान होता है। जिससे आप एक साथ कई लोगों की जान बचा सकते हैं। हर साल जून की 14 तारीख को रक्‍तदान दिवस मनाया जाता है जिसका मकसद लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करना है। क्या आप जानते हैं रक्तदान सिर्फ खून प्राप्त करने वालों के लिए ही फायदेमंद नहीं होता, बल्कि इससे रक्‍तदाता को भी कई सारे फायदे मिलते हैं। वैसे तो कोई भी स्वस्थ वयस्क पुरुष और महिला (18-65 साल) रक्तदान कर सकते हैं। पुरुष जहां हर 3 महीने में वहीं महिलाएं हर 4 महीने में रक्तदान कर सकती हैं। लेकिन कुछ सिचुएशन में दोनों को ही रक्तदान करने की मनाही होती है। आइए जान लेते हैं कौन कर सकता है रक्तदान और कौन नहीं।

रक्तदान कौन कर सकता है और कौन नहीं

- ब्लड देने वाले का वजन 45 किलोग्राम से कम नहीं होना चाहिए।

- हीमोग्लोबिन का लेवल 12.5 ग्राम से कम नहीं होना चाहिए।

- कैंसर के मरीज नहीं कर सकते ब्लड डोनेट।

- अगर आप मिर्गी, अस्थमा, ब्लीडिंग डिसऑर्डर्स, थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया, पॉलीसिथीमिया वेरा आदि से जूझ रहे हैं, तो आप रक्तदान नहीं कर सकते। 

- पिछले एक साल में टैटू या एक्यूपंक्चर थेरेपी ली है, तो ब्लड डोनेट नहीं कर सकते।

- महिलाओं को डिलीवरी और ब्रेस्ट फीडिंग के करीब 1 साल बाद ही ब्लड डोनेट करना चाहिए।

- डायबिटीज में इंसुलिन का इंजेक्शन ले रहे हैं, तो आप ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं। लेकिन अगर ये कंट्रोल में है, तो आप ब्लड डोनेट कर सकते हैं।

- नसों के द्वारा अगर एक भी बार आपने इंजेक्शन लिया है, तो ब्लड डोनेट नहीं कर सकते।

- किसी बीमारी की दवा लेते हैं, तो ब्लड डोनेशन से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

- हेपेटाइटिस बी, सी, ट्यूबरकुलोसिस, लेप्रोसी और एचआईवी का इन्फेक्शन है, तो इस कंडीशन में भी ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं।

- ब्लड डोनेशन से 15 दिन पहले अगर आपने कालरा, टाइफाइड, डिप्थीरिया, टिटनेस, प्लेग और Gammaglobulin का टीका लिया है, तो ब्लड डोनेट नहीं कर सकते। 

रक्तदान करने से पहले और रक्तदान करने के बाद इन बातों का रखें खास ख्याल

डॉ. सुनीता कपूर, पैथोलॉजिस्ट और डॉयरेक्टर, सिटी एक्सरे & स्कैन क्लीनिक ने रक्तदान से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बताई हैं, जैसे-   

1. रक्तदान करने के लिए व्यक्ति की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। रक्त दान करने की आपकी क्षमता कई कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें आपकी आयु, वजन, सामान्य स्वास्थ्य और अंतर्निहित बीमारी शामिल होती हैं।

2. अपने रक्दातन के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए रक्तदान से पहले अपने शरीर की देखभाल करें। रक्तदान से पहले आपको रात को स्वस्थ भोजन करना चाहिए और अच्छी तरह से विश्राम करना चाहिए। रक्दातन से 24 घंटे पहले पानी पीना सबसे बेहतरीन तरल पदार्थ होता है।

3. रक्तदान से सम्बंधित किसी भी चिंता या डर को दूर करने के लिए रक्तदान की प्रक्रिया के बारे में जानें। आमतौर पर रक्तदान की प्रक्रिया में पहले रजिस्ट्रेशन किया जाता है, इसके बाद मेडिकल हिस्ट्री का एक फॉर्म भरा जाता है और फिर शरीर की जांच की जाती है, इन सबके बाद फिर रक्तदान होता है।

4. रक्तदान करने के बाद अपने शरीर को पोषण देना जरूरी होता है। इसके लिए रक्तदान के बाद बहुत सारे तरल पदार्थ पिएं, विशेष रूप से पानी खूब पिएं। रक्तदान के कुछ देर बाद कुछ समय के लिए मेहनत वाली एक्सरसाइज या वेटलिफ्टिंग न करें। अपने अन्दर उर्जा को बनाए रखने के लिए हेल्दी स्नैक्स खाएं।

5. रक्तदान के बाद कुछ लोगों को हल्कापन, चक्कर आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं, तो इन्हें लेकर डरने की जरूरत नहीं। आमतौर पर ये साइड इफेक्ट अपने आप खत्म हो जाते हैं।

कमल नारायण, सीईओ, आईएचडब्ल्यू काउंसिल का कहना है कि, 'रक्तदान स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण पहलू है, यह न केवल दुनिया भर में लाखों लोगों की जान बचाने में मदद करता है बल्कि दाता के लिए स्वास्थ्य लाभ भी हो सकता है। रक्तदान में एचआईवी, हेपेटाइटिस और सिफलिस जैसे विभिन्न संक्रामक रोगों के परीक्षण सहित एक संपूर्ण स्वास्थ्य जांच प्रक्रिया शामिल है। यह स्क्रीनिंग दाताओं को उनके स्वयं के स्वास्थ्य में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकती है, जिससे वे किसी भी संभावित स्वास्थ्य समस्याओं का जल्द पता लगा सकते हैं। रक्तदाताओं को भी खुशी और संतुष्टि की अनुभूति होती है जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य बढ़ता है। याद रखें जब हर बूंद मायने रखती है, तो हर दाता मायने रखता है!'

Pic credit- freepik