Breastfeeding: ब्रेस्टफीडिंग के दौरान चोक हो सकता है बेबी, रखें इन जरूरी बातों का ख्याल
Breastfeeding स्तनपान बच्चे के लिए बेहद जरूरी होता है। इससे न सिर्फ सेहत को फायदे मिलते हैं बल्कि यह कई गंभीर बीमारियों से भी बच्चों को दूर रखता है। पोषक तत्वों से भरपूर मां का दूध बच्चे ही नहीं बल्कि मां की सेहत के लिए भी गुणकारी होता है। हालांकि कई बार दूध पीते समय बच्चे चोकिंग की समस्या होने लगती है। आप इन तरीकों से इससे निपट सकते हैं।
By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Thu, 03 Aug 2023 01:09 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Breastfeeding: बेबी के लिए ब्रेस्टफीडिंग बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उन्हें आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं। ब्रेस्टफीडिंग की इसी अहमयित को समझाने के लिए हर साल 1 से 7 अगस्त तक ब्रेस्टफीडिंग वीक मनाया जाता है। स्तनपान मां को बच्चे के साथ जुड़ने और मजबूत रिश्ता बनाने का भी मौका देता है। लेकिन, कुछ बच्चों का स्तनपान के दौरान चोकिंग होने लगती है, जो उनके लिए हानिकारक हो सकता है।
ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि अपने बच्चे को स्तनपान कराते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए। अगर आप भी हाल ही में मां बनी हैं और अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं, तो इन टिप्स की मदद से अपने बच्चों में क्लॉगिंग को रोक सकते हैं।
स्तनपान के दौरान क्यों होती चोकिंग
स्तनपान यूं तो बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद होता है, लेकिन कभी-कभी शिशुओं का ब्रेस्ट मिल्क से दम भी घुट सकता है, क्योंकि दूध बच्चे के निगलने की क्षमता से अधिक तेजी से निकलता है। ऐसे में ज्यादा मात्रा में दूध की आपूर्ति के कारण बच्चे का दम घुटने लगता है। दूध की अधिक आपूर्ति से बच्चे को खांसी, चोकिंग या दूध तेजी से निगलने की समस्या हो जाती है। ऐसे में कई बार कई बार असहज महसूस होने पर बच्चे काट भी सकते हैं।चोकिंग होने पर अपनाएं ये तरीके
अगर बच्चा स्तनपान के दौरान मुंह बंद कर देता है, तो घबराएं नहीं। यह बच्चों में यह एक सामान्य घटना है। दरअसल, नवजात शिशु में एक सुरक्षात्मक "हाइपर-गैग रिफ्लेक्स" होगा, जो दूध पिलाते समय गैगिंग का कारण बन सकता है। अगर ऐसा होता है, तो बच्चे को तुरंत दूध पिलाना बंद करें और सिर और गर्दन के सहारे सीधा पकड़े और समस्या कुछ ही मिनटों में कंट्रोल में आ जाएगी। वहीं, अगर बच्चे को चोकिंग हो रही है, तो थोड़ी देर के लिए उन्हें दूध पिलाना बंद कर दें और पीठ थपथपाएं।