World Cancer Day 2024: सिर्फ महिलाओं को शिकार बनाते हैं ये 5 कैंसर, एक्सपर्ट से जानें इनसे बचाव के तरीके
कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो दुनियाभर में कई लोगों को प्रभावित करती है। इसकी वजह से पूरी दुनिया में कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं। इस बीमारी के बढ़ते मामलों की मुख्य वजह इसके प्रति जागरूकता की कमी है। ऐसे में कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से हर साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे (World Cancer Day 2024) मनाया जाता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Cancer Day 2024: कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो किसी को भी अपना शिकार बना सकती है। दुनियाभर में हर साल कई लोग इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। इतना ही नहीं कई लोग इसकी वजह से अपनी जान तक गंवा देते हैं। हालांकि, इतनी घातक होने के बाद भी लोग इसे लेकर जागरूक नहीं हैं। ऐसे में इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है।
कैंसर दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है और शरीर के विभिन्न हिस्सों से शुरू हो सकता है। शरीर के जिस हिस्से से कैंसर शुरू होता है, कैंसर के उस प्रकार को उसी हिस्से के नाम से जाना जाता है। यूं तो यह बीमारी किसी को भी अपना शिकार बना सकती हैं, लेकिन महिलाएं कुछ विशेष प्रकार के कैंसर के प्रति ज्यादा संवेदनशील होती हैं। ऐसे में कैंसर डे के मौके पर जानते हैं महिलाओं में होने वाले इन प्रमुख कैंसर के बारे में-
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महिलाओं में होने वाले प्रमुख कैंसर
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के मुताबिक कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर में सेल्स नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं। जब कैंसर किसी महिला के प्रजनन अंगों यानी रिप्रोडक्टिव ऑर्गन में शुरू होता है, तो इसे स्त्री रोग संबंधी कैंसर यानी गाइनेकोलॉजिक कैंसर कहा जाता है। गाइनेकोलॉजिक कैंसर के पांच मुख्य प्रकार हैं:- सर्वाइकल, ओवेरियन, गर्भाशय, वेजाइनल और वल्वा कैंसर शामिल है। महिलाओं में होने वाला कैंसर का छठा प्रकार बहुत ही दुर्लभ फैलोपियन ट्यूब कैंसर है। इसके अलावा ब्रेस्ट कैंसर भी इस गंभीर बीमारी का एक ऐसा प्रकार हैं, जो ज्यादातर महिलाओं को प्रभावित करता है।
सर्वाइकल कैंसर- सर्वाइकल कैंसर एक प्रकार का कैंसर है, जो गर्भाशय ग्रीवा यानी सर्विक्स की कोशिकाओं (सेल्स) में विकसित होता है)। यह गर्भाशय का निचला हिस्सा होता हैं, जो योनि यानी वेजाइना से जुड़ता है। यह ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण के कारण होता है। इसके लक्षणों में निम्न शामिल हैं-
- बहुत अधिक थकान
- मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग
- पेट के निचले हिस्से में दर्द या सूजन
- संभोग के दौरान पेल्विक दर्द या दर्द
- शारीरिक संबंध के बाद खून निकलना
- पीरियड्स में सामान्य से ब्लीडिंग होना
- पानी जैसा और दुर्गंधयुक्त सफेद पदार्थ निकलना
ओवेरियन कैंसर- ओवेरियन कैंसर आपके अंडाशय यानी ओवरीज में शुरू होता है। यह फीमेल रिप्रोडक्टिव सिस्टम में मौजूद छोटे अंग हैं, जहां अंडे बनते हैं। ओवेरियन कैंसर का पता लगाना कभी-कभी मुश्किल होता है, क्योंकि लक्षण अक्सर लास्ट के स्टेज तक विकसित नहीं होते हैं। इसके कुछ लक्षण निम्न हैं-
- दस्त या कब्ज
- बार-बार यूरिन आना
- पेट के आकार में वृद्धि
- खाने की आदतों में बदलाव
- असामान्य वेजाइनल ब्लीडिंग
- पेल्विक या पेट में दर्द या सूजन
गर्भाशय कैंसर- गर्भाशय कैंसर में दो प्रकार के कैंसर शामिल हैं:- एंडोमेट्रियल कैंसर (अधिक सामान्य) और गर्भाशय सार्कोमा कैंसर (दुर्लभ)। गर्भाशय कैंसर के लक्षणों में असामान्य वेजाइनल ब्लीडिंग शामिल हैं। इसके इलाज में अक्सर आपके गर्भाशय को हटाने के लिए हिस्टेरेक्टॉमी की जाती है। इन लक्षणों से इसकी पहचान की जा सकती है-
- मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग
- मेन्सट्रूअल साइकिल के बीच ब्लीडिंग
- पेट के निचले हिस्से में दर्द
- पेट के ठीक नीचे पेल्विस में ऐंठन।
- मेनोपॉज पतला सफेद वेजाइनल डिस्चार्ज
- 40 साल के बाद बार-बार वेजाइनल ब्लीडिंग
वेजाइनल कैंसर- योनि कैंसर यानी वेजाइनल कैंसर एक दुर्लभ कैंसर है, जो आमतौर पर आपकी वेजाइनल लाइनिंग में बनता है। अगर आपकी उम्र 60 से अधिक है या आपको एचपीवी संक्रमण है, तो आपको इसके विकसित होने का ज्यादा खतरा है। इस कैंसर का शीघ्र पता लगाना मुश्किल है, क्योंकि यह भी कोई खास लक्षण नहीं दिखाता है। ऐसे में इसके लिए नियमित पैल्विक टेस्ट और पैप स्मीयर करवाना एक अच्छा विकल्प है। इसके कुछ लक्षण इस प्रकार है-
- पेल्विक में दर्द
- पेशाब करने में दर्द होना
- मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग
- कब्ज या काले रंग का मल आना
- संभोग के बाद वजाइनल ब्लीडिंग
- शारीरिक संबंध बनाने के दौरान दर्द
- बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना
- वेजाइनल डिस्चार्ज: खून या पानी आना
वल्वा कैंसर- वल्वा या वल्वर कैंसर आपकी वल्वा का एक दुर्लभ कैंसर है। इसके ज्यादातर मामले या तो ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण या लाइकेन स्क्लेरोसस से संबंधित होते हैं। इसके इलाज में सर्जरी, रेडिएशन या कीमोथेरेपी शामिल हैं। वल्वर कैंसर के लक्षण निम्न हैं-
- बिना पीरियड्स ब्लीडिंग होना
- संभोग या यूरिन के दौरान दर्द
- त्वचा का मोटा या खुरदुरा पैच होना
- खुजली या जलन जिसमें सुधार न हो
- गांठें, मस्से जैसे उभार या ठीक न होने वाले अल्सर शामिल
- रंग में परिवर्तन, जिसमें त्वचा सामान्य से ज्यादा डार्क या हल्का दिखाई देती है
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
महिलाओं में होने वाले इन कैंसर पर एक्सपर्ट की राय जानने के लिए हमने दिल्ली के रिजॉइस हॉस्पिटल में सीनियर गाइनेकोलॉजिक लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. बिस्वा दाश से बातचीत की। इस बारे में डॉक्टर कहते हैं कि महिलाओं में होने वाले इन कैंसर के मुख्य कारणों में ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण, सिगरेट पीना और कमजोर इम्यून सिस्टम शामिल हैं। ऐसे में इनसे बचे रहने के लिए नियमित जांच और आत्म-परीक्षण जरूरी है।
ऐसे करें कैंसर से बचाव
इन कैंसर से अपना बचाव करने के तरीकों के बारे में बताते हुए डॉक्टर कहते हैं कि संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और समय पर होने वाली जांच इससे बचाने में अहम भूमिका निभाती हैं। नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना इन कैंसर के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। ऐसे में खुद को और अपने करीबियों को सुरक्षित रखने के लिए इन बातों का खास ख्याल रखें और इस गंभीर बीमारी को रोकने में योगदान करें।
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