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World Cancer Day 2024: महिलाओं को 5 तरीकों से प्रभावित करता है कैंसर, एक्सपर्ट से जानें इसके दुष्परिणाम

World Cancer Day 2024 कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो कई बार जानलेवा तक साबित हो सकती है। यह दुनियाभर में चिंता का एक गंभीर विषय बना हुआ है। यही वजह है कि इस घातक बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है। इस मौके पर जानते हैं महिलाओं पर कैंसर के कुछ दुष्परिणाम

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Fri, 02 Feb 2024 04:42 PM (IST)
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कैंसर से महिलाओं पर होने वाले 5 प्रभाव
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Cancer Day 2024: इन दिनों कई लोग कैंसर की समस्या से जूझ रहे हैं। यह एक गंभीर बीमारी है, जो किसी को भी अपना शिकार बना सकती है। कैंसर के कई प्रकार होते हैं, जो शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करता है। शरीर के जिस हिस्से को कैंसर प्रभावित करता है, कैंसर के उस प्रकार को उसी के नाम से जाना जाता है। यह गंभीर बीमारी दुनियाभर में कई लोगों की मौत का कारण बनती है।

यही वजह है कि इसे लेकर लोगों को जागरूक करने के मकसद से हर साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना, इसकी रोकथाम, पहचान और इलाज को प्रोत्साहित करना है।

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महिलाओं को प्रभावित करते हैं ये कैंसर

दुनियाभर कई तरह के कैंसर लोगों को प्रभावित करते हैं। कुछ कैंसर ऐसे भी हैं, जो सिर्फ महिलाओं प्रभावित करते हैं। इसमें सर्वाइकल, ओवेरियन, गर्भाशय, वेजाइनल और वल्वा कैंसर आम है। कैंसर के यह सभी प्रकार महिलाओं के प्रजनन अंग यानी रिप्रोडक्टिव ऑर्गन को प्रभावित करते हैं। ऐसे में महिलाओं पर कैंसर के बुरे प्रभावों के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने गुड़गांव स्थित मैक्स हॉस्पिटल के मेडिकल ऑन्कोलॉजी में वरिष्ठ सलाहकार डॉ, भुवन चुघ से बातचीत की।

इनफर्टिलिटी

कैंसर सीधे महिलाओं के प्रजनन अंगों जैसे ओवरीज, फैलोपियन ट्यूब, गर्भाशय, सर्विक्स, वेजाइना और वल्वा को प्रभावित कर सकता है। इन अंगों में ट्यूमर होने की वजह से उनके सामान्य कार्य में बाधा आ सकती हैं, जिससे प्रजनन क्षमता खराब हो सकती है, जो इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है।

मेनोपॉज

कैंसर की वजह से महिलाओं में मेनोपॉज संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। कुछ कैंसर के इलाज, विशेष रूप से प्रजनन अंगों को हटाने या पेल्विक एरिया में रेडिएशम थैरेपी से जुड़े उपचार की वजह से समय से पहले मेनोपॉज हो सकते हैं।

वेजाइनल स्टेनोसिस

पेल्विक कैंसर (जैसे र्वाइकल, ओवेरियन, गर्भाशय, वेजाइनल और वल्वा कैंसर) के उपचार में उपयोग की जाने वाली रेडिएशन थेरेपी वेजाइनल टिश्यूज में घाव या उनमें सिकुड़न की वजह बन सकती है, जिसे वेजाइनल स्टेनोसिस के रूप में जाना जाता है। इसके परिणामस्वरूप वेजाइना की इलास्टिसिटी की कमी आ जाती है और ड्राईनेस बढ़ जाती है, जिससे शारीरिक संबंध बनाना दर्दनाक या कठिन हो सकता है।

शारीरिक संबंध बनाने में कठिनाई

कैंसर और उसके इलाज के कारण प्रजनन अंगों और उनके आसपास के टिश्यूज में शारीरिक परिवर्तन हो सकते हैं, जिससे यौन क्रिया प्रभावित हो सकती है। कैंसर से निपटना और उसका इलाज कराना महिलाओं के लिए भावनात्मक रूप से कठिन हो सकता है, जिससे उनकी यौन इच्छा और उत्तेजना पर असर पड़ सकता है। भय, चिंता, अवसाद और शरीर की छवि और आत्मसम्मान के बारे में चिंताओं की वजह से उन्हें शारीरिक संबंध बनाने में कठिनाई हो सकती है।

शारीरिक संबंध बनाने में रुचि न होना

कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी जैसे कैंसर ट्रीटमेंट शरीर में हार्मोन के स्तर को बाधित कर सकते हैं, जिससे कामेच्छा यानी शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा में बदलाव आ सकता है। कैंसर के इलाज में उपयोग की जाने वाली हार्मोनल थेरेपी यौन इच्छा और उत्तेजना को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे शारीरिक संबंध बनाने की रुचि खत्म हो सकती है।

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Picture Courtesy: Freepik