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युवाओं में तेजी से बढ़ रहा Diabetes का खतरा, डॉक्टर ने बताए इसके कारण और बचाव के तरीके

दुनियाभर में Diabetes के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह एक लाइलाज बीमारी है जिसे आमतौर पर दवाओं और खानपान की मदद से कंट्रोल किया जाता है। इसे लेकर जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल World Diabetes Day मनाया जाता है। आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे युवाओं में इसके बढ़ते मामलों के कारण और इससे बचने का तरीका।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Thu, 14 Nov 2024 11:45 AM (IST)
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युवाओं में डायबिटीज के कारण (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज दुनियाभर में World Diabetes Day मनाया जा रहा है। डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं है। इसे कंट्रोल करने के लिए आमतौर पर दवाओं और सही खानपान की मदद ली जाती है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो किसी को भी अपना शिकार बना सकती है। हाल के कुछ में युवाओं में डायबिटीज के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है।

पारंपरिक रूप से बुजुर्गों या वयस्कों को प्रभावित करने वाली टाइप 2 डायबिटीज अब किशोरों, युवाओं और यहां तक ​​​​कि बच्चों को भी तेजी से अपना शिकार बना रही है। इस खतरनाक बीमारी में कई कारण हो सकते हैं, जिनमें जीवनशैली में बदलाव, डाइट से जुड़ी आदतें और पर्यावरणीय प्रभाव आदि शामिल हैं। ऐसे में कम उम्र में इस बीमारी के बढ़ते मामलों के कारणों के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने सीके बिड़ला हॉस्पिटल (आर), दिल्ली के इंटरनल मेडिसीन की डायरेक्टर डॉ. मनीषा अरोड़ा से बातचीत की।

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इनएक्टिव लाइफस्टाइल

युवाओं में डायबिटीज के मामलों में बढ़ोतरी का एक मुख्य कारण इनएक्टिव लाइफस्टाइल है। टेक्नोलॉजी-स्मार्टफोन, वीडियो गेम और स्ट्रीमिंग सर्विस के ज्यादा इस्तेमाल के कारण फिजिकल एक्टिविटी में कमी आई है। कई युवा सीमित व्यायाम या आउटडोर एक्टिविटी के बावजूद घंटों बैठे रहते हैं। ऐसे में इनएक्टिव रहने की वजह से वजन बढ़ सकता है, जिसके परिणामस्वरूप इंसुलिन रेजिस्टेंस का खतरा बढ़ जाता है, जो टाइप 2 डायबिटीज के विकास का एक प्रमुख कारक है।

खाने की गलत आदतें

डायबिटीज का एक प्रमुख कारण खानपान से जुड़ी आदतें भी हैं। प्रोसेस्ड फूड्स, शुगरी ड्रिंक्स और फास्ट फूड जैसी खानपान की मौजूदा आदतें युवाओं में इस बीमारी का खतरा बढ़ाती हैं। ये फूड आइटम्स रिफाइंड शुगर और अनहेल्दी फैट से भरपूर होते हैं, जिससे ब्लड शुगर लेवल में तेजी से बढ़ोतरी होती है। समय के साथ, ज्यादा चीनी और कम पोषण वाले आहार के परिणामस्वरूप मोटापा और मेटाबॉलिज्म संबंधी विकार हो सकते हैं, जो डायबिटीज की शुरुआत का कारण बन सकते हैं।

मोटापा

इन दिनों युवाओं में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है, जिसकी वजह से डायबिटीज का खतरा भी बढ़ सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक मोटापा टाइप 2 डायबिटीज के विकास के लिए सबसे बड़े जोखिम कारकों में से एक है। शरीर की अतिरिक्त चर्बी, विशेषकर पेट के आसपास, इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ा सकती है। खराब डाइट और एक्सरसाइट की कमी के कारण ज्यादातर युवा लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं और इस वजह से युवाओं में डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ रही हैं।

जेनेटिक कारण और पारिवारिक इतिहास

भले ही डायबिटीज में लाइफस्टाइल फैक्टर्स महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन जेनेटिक कारण और पारिवारिक इतिहास भी इसके विकास में योगदान कर सकते हैं। जिन युवाओं के परिवार में डायबिटीज का इतिहास रहा है, उनमें इसका खतरा अधिक होता है, खासकर अगर उनकी जीवनशैली भी अनहेल्दी हो।

तनाव और नींद की कमी

बदलती लाइफस्टाइल का प्रेशर, अकेडमिक स्ट्रेस और नींद की कमी युवाओं में डायबिटीज की वजह बन सकती हैं। लगातार तनाव और नींद की कमी हार्मोन के लेवल को बाधित कर सकती है, जिससे वजन बढ़ सकता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि अपर्याप्त नींद और हाई स्ट्रेस लेवल ब्लड शुगर कंट्रोल पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

ऐसे करें बचाव

डायबिटीज से बचने के लिए स्वस्थ खान-पान की आदतों को अपनाना बेहद जरूरी है। इसके अलावा रेगुलर एक्सरसाइज भी अहम भूमिका निभा सकती है। साथ ही माता-पिता और टीचर्स को ऐसा वातावरण बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए, जहां बच्चे खाने से लेकर फिजिकल एक्सरसाइज हर एक हेल्दी आदतों को फॉलो कर सकें।

इसके अलावा बीमारी का जल्द निदान भी जरूरी है। रेगुलर हेल्थ चेकअप और टेस्ट की मदद से इंसुलिन रेजिस्टेंस के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने में मदद मिल सकती है, जिससे डायबिटीज के विकास को रोकने के लिए समय रहते सही उपाय अपना सकते हैं।

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