World Digestive Health Day 2024: किसी को भी शिकार बना सकते हैं ये 5 डाइजेस्टिव कैंसर, एक्सपर्ट से जानें कैसे करें बचाव
स्वस्थ जीवन के लिए स्वस्थ पाचन तंत्र बेहद जरूरी है। पाचन हमारी अच्छी सेहत में अहम भूमिका निभाता है। हालांकि बदलती लाइफस्टाइल की वजह से लोगों की खानपान की आदतें भी तेजी से बदलती जा रही है। ऐसे में पाचन तंत्र के प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से हर साल 29 मई को World Digestive Health Day मनाया जाता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हेल्दी लाइफ का रास्ता हमारे हेल्दी गट से होकर गुजरता है। हालांकि, इन दिनों बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की गलत आदतों ने लोगों का पूरा पाचन तंत्र गड़बड़ा के रख दिया है।
हमारा पाचन अगर दुरुस्त है, तो सेहत से जुड़ी कई समस्याएं हम से कोसों दूर रहती हैं, लेकिन अगर पाचन तंत्र ही गड़बड़ हो, तो सेहत भी बिगड़ सकती है। लोगों को पाचन तंत्र की इस अहमियत के बारे में बताने के मकसद से हर साल 29 मई को विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस यानी वर्ल्ड डाइजेस्टिव हेल्थ (World Digestive Health Day 2024) डे मनाया जाता है।
यह दिन खासतौर पर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (GI) डिजीज के बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों को उनके स्वास्थ्य के बारे में बेहतर निर्णय लेने में मदद करने के लिए समर्पित है। इन दिनों बदलती लाइफस्टाइल की वजह से कई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं लोगों को अपना शिकार बना रही हैं। कैंसर इन्हीं में से एक है, जो एक जानलेवा स्थिति भी हो सकती है। ऐसे में डाइजेस्टिव हेल्थ डे के मौके पर हमने 5 आम डाइजेस्टिव कैंसर के बारे में जानने के लिए एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल, सोनीपत में मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रमन नारंग से बातचीत की। जानते हैं घातक डाइजेस्टिव कैंसर के बारे में-
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कोलोरेक्टल कैंसर
कोलोरेक्टल कैंसर दुनियाभर में होने वाला तीसरा सबसे आम कैंसर है, जो कोलन या मलाशय यानी रेक्टम को प्रभावित करता है। हालांकि, स्क्रीनिंग के जरिए इसका जल्द पता लगाने से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं, लेकिन कोलोरेक्टल कैंसर के बढ़ जाने के बाद इसका इलाज करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।पेट का कैंसर
इस प्रकार का कैंसर बुजुर्गों में ज्यादा आम है और अकसर बाद के जीवन में इसका पता चलता है। भले ही पेट का कैंसर कम आम होता जा रहा है, लेकिन फिर भी दुनियाभर कैंसर से संबंधित मौतों के एक बड़े हिस्से के लिए यह अभी भी जिम्मेदार है।
लिवर कैंसर
जब लिवर कैंसर, विशेष रूप से हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा (HCC) का पता चलता है, तो इसके उपचार के कुछ ही विकल्प उपलब्ध होते हैं। सिरोसिस,नॉन-अल्कोहल फैटी लिवर रोग और हेपेटाइटिस बी या सी सहित पुरानी लिवर की बीमारियों से लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।एसोफैगल कैंसर
एसोफैगल कैंसर, इस गंभीर बीमारी का एक खतरनाक रूप है, जिसका पता अकसर इसके एडवांस स्टेज पर चलता है। स्मोकिंग, बहुत ज्यादा शराब पीने और बैरेट एसोफैगस जैसी बीमारियां एसोफैगल कैंसर के प्रमुख जोखिम कारक हैं।पैंक्रियाटिक कैंसर
पैंक्रियाटिक कैंसर का इलाज चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इसका पता अकसर एडवांस स्टेज में चलता है। पैंक्रियाटिक कैंसर में पांच साल तक जीवित रहने की दर बहुत कम होती है। इसका मुख्य कारण यह है कि कैंसर के बढ़ने तक इसके लक्षण आमतौर पर दिखाई नहीं देते हैं।इन गंभीर कैंसर से बचाव के लिए उपाय-
- नियमित शारीरिक गतिविधि से स्वस्थ वजन बनाए रखा जा सकता है और पेट के कैंसर और अन्य डाइजेस्टिव कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
- फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और कम फैट वाले मांस से भरपूर संतुलित डाइट खाने से इंस्टेस्टाइनल कैंसर को कुछ हद तक रोका जा सकता है। रेड मीट, प्रोसेस्ड मीट और चीनी और सेचुरेटेड फैट से भरपूर आहार को कम करने से भी जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
- बहुत अधिक शराब पीने से पेट, लीवर और एसोफेगल कैंसर सहित अन्य पाचन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में शराब का सेवन कम करने या इससे पूरी तरह परहेज करने से इनका जोखिम कम हो सकता है।
- हेपेटाइटिस बी या सी, GERD और इंफ्लेमेटरी बॉवल डिजीज (IBD) जैसी पुरानी बीमारियों का इलाज और नियंत्रण करके कुछ डाइजेक्टिव कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
- हेपेटाइटिस बी वायरस (HBV) वैक्सीनेशन लंबे समय तक एचबीवी संक्रमण के कारण होने वाले लिवर कैंसर के खतरे को कम कर सकता है। समान रूप से, ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) वैक्सीन एनल कैंसर जैसी कुछ बीमारियों के विकसित होने की संभावना को कम करता है।