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World Glaucoma Day 2024: क्या है ग्लूकोमा, जो छीन लेता है आंखों की रोशनी? जानिए इसके कारण, लक्षण और बचाव

हर साल 12 मार्च को World Glaucoma Day 2024 मनाया जाता है। बता दें ग्लूकोमा आंखों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है जिसमें आंखों की रोशनी ही चली जाती है। इसके लक्षणों को नजरअंदाज करना आपके लिए बड़ी भूल साबित हो सकती है जिसका ठीक हो पाना भी मुमकिन नहीं है। आइए इस आर्टिकल में आपको विस्तार से बताते हैं इस बीमारी के बारे में।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Tue, 12 Mar 2024 03:00 PM (IST)
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आंखों की रोशनी छीन लेता है ये रोग, वक्त रहने अलर्ट हो जाने में है समझदारी
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Glaucoma Day 2024: आंखें शरीर का काफी सेंसिटिव अंग होती हैं। इन्हें लेकर हल्की सी भी लापरवाही बरतने पर आपको बड़ी परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं। आज भी लोगों में आंखों से जुड़ी दिक्कतें और इनकी देखभाल के प्रति जागरुकता की कमी देखने को मिलती है। यही वजह है कि हर साल 12 मार्च को 'वर्ल्ड ग्लूकोमा डे' मनाया जाता है। ये आंखों से जुड़ा ऐसा रोग है, जो उम्रदराज ही नहीं, कई युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। आम बोलचाल की भाषा में इसे काला मोतियाबिंद भी कहा जाता है। आइए इस आर्टिकल में विस्तार से बताते हैं आपको इसके बारे में।

क्या है ग्लूकोमा? (What is Glaucoma)

एक्सपर्ट्स की मानें, तो ग्लूकोमा आंखो से जुड़ी इतनी गंभीर बीमारी है, जिसमें आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली जाती है। आम भाषा में कई लोग इसे काला मोतियाबिंद या आंखों का चोर कहते नजर आते हैं। इस कंडीशन में आपकी पुतलियों को दबाव झेलना पड़ता है, जो ऑप्टिक नर्व को डैमेज करता है।

आसान शब्दों में समझें तो, आपकी आंखों तरल पदार्थ पाया जाता है, जो इन्हें पोषण और आकार देने में मदद करता है। आंखों में इसका प्रोडक्शन लगातार होता रहता है, और अतिरिक्त नमी नेचुरल तरीके से आंखों से बाहर निकल जाती है। वहीं, जब किसी शख्स को ग्लूकोमा होता है, तो आंखों में ये पदार्थ जमा होना शुरू हो जाता है, जिस कारण आंखों की पुतलियों को दवाब का सामना करना पड़ता है।

इससे ऑप्टिक नर्व क्षतिग्रस्त होने के कारण दिमाग को रेटीना से सिग्नल्स मिलने बंद हो जाते हैं, जिस वजह से व्यक्ति आई साइट खो बैठता है। ये बीमारी इतनी भयानक है, कि आंखों की रोशनी वापस आना मुमकिन नहीं हो पाता है।

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किन वजहों से आप ग्लूकोमा की चपेट में आते हैं?

  • उच्च रक्तचाप या डायबिटीज
  • ग्लूकोमा से जुड़ी फैमिली हिस्ट्री
  • आंखों से जुड़ी कोई सर्जरी के कारण
  • आंखों में गहरी चोट
  • मायोपिया के कारण
  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड की दवाएं

कैसे दिखते हैं इसके लक्षण?

वैसे तो इस बीमारी की शुरुआत में कोई लक्षण पहचान में नहीं आते हैं, लेकिन इस रोग में समस्या अचानक बढ़ जाती है, और एक साथ नीचे बताए हुए कई लक्षण नजर आने लगते हैं।

  • धुंधला नजर आना
  • आंखों में तेज दर्द
  • आंखों का लाल रहना
  • रोशनी के साथ इंद्रधनुष जैसा घेरा दिखना
  • जी मचलाना और उल्टी
  • लगातार तेज सिरदर्द

इस समस्या से कैसे बचें?

ग्लूकोमा आंखों के लिए ऐसा दुश्मन साबित होता है, जो धीरे-धीरे इन्हें खराब करता जाता है। अगर समय पर इसकी पहचान हो जाए, तो इसका सफल इलाज भी मुमकिन है। ऐसे में अगर आप इससे बचाव चाहते हैं, तो ये तरीके अपना सकते हैं।

  • समय-समय पर आंखों की जांच।
  • खानपान में पौष्टक तत्वों को शामिल करें, जैसे- गाजर, पालक, कीवी, संतरा, पपीता, अखरोट और बादाम आदि।
  • मेडिटेशन और योग का सहारा लें।
  • स्क्रीन टाइम कम करें। लगातार फोन, लैपटॉप और कम्प्यूटर का इस्तेमाल न करें।
  • स्क्रीन टाइम के वक्त ब्लू लाइट को कम करने वाला चश्मा पहनें।
  • अंधेरें में तेज रोशनी वाली चीजें न देखें।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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