World Health Day 2024: योनि से गंध आना खराब हाइजिन का संकेत होता है! एक्सपर्ट से जानें ऐसे कई मिथकों की सच्चाई
महिलाओं के लिए फेमिनाइन हाइजिन का ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है। इस वजह से सेहत से जुड़ी कई समस्याओं से बचाव करने में मदद मिलती है। इस World Health Day पर हम वजाइनल हाइजिन से जुड़े कुछ मिथकों से जुड़ी सच्चाई आपको बताने वाले हैं। इसके लिए हमने कुछ एक्सपर्ट्स से भी बात की है। जाने उन्होंने हमें क्या बताया।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Health Day 2024: फेमिनाइन हाइजिन का ख्याल रखना हर महिला के लिए जरूरी है। यह रिप्रोडक्टिव और यौन स्वास्ठय के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इतना ही नहीं, इसका प्रभाव प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पूरे स्वास्थय पर पड़ता है। हालांकि, इससे जुड़े कुछ मिथक लोगों में काफी प्रचलित हैं, जिनकी वजह से सेहत को काफी नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए World Health Day के मौके पर हम फेमिनाइन हाइजिन से जुड़े कुछ आम मिथकों को दूर करने के लिए कुछ एक्सपर्ट्स से बात की। आइए जानते हैं इस बारे में उन्होंने क्या बताया।
सी.के. बिरला अस्पताल, दिल्ली, की स्त्री रोग एवं प्रसुति विभाग की कंसल्टेंट, डॉ. प्रियंका सुहाग और प्रिस्टिन केयर की को-फाउंडर और वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. गरिमा साहनी ने फेमिनाइन हाइजिन के बारे में बात करते हुए बताया कि इस बारे में लोगों के बीच कई मिथक फैले हुए हैं, जिनपर वे आसानी से भरोसा कर लेते हैं, लेकिन उनकी वजह से आगे चलकर महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए लोगों को सही फैक्ट्स के बारे में जानकारी होना काफी जरूरी है।
मिथक 1: योनि की सफाई के लिए डूशिंग आवश्यक है।
तथ्य: योनि को पानी या किसी सॉल्यूशन से धोने की आवश्यकता नहीं होती है। यह वजाइनल फ्लोरा, यानी योनि में मौजूद माइक्रोबायोम, को नुकसान पहुंचा सकता है और वहां के नेचुरल संतुलन को भी बिगाड़ सकता है। योनि सेल्फ क्लीनिंग होती है, यानी अपनी सफाई स्वयं ही करती है और संक्रमण को रोकने के लिए अपना पीएच (pH) संतुलन बनाए रखती है। डूशिंग से बैक्टीरियल वेजिनोसिस, यीस्ट संक्रमण और पेल्विक सूजन की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।मिथक 2: फेमिनिन वॉश और स्प्रे के इस्तेमाल से योनि साफ रहती है।
तथ्य: अधिकांश फेमिनाइन वॉश, स्प्रे और डिओडोरेंट में हानिकारक रसायन और सुगंध होते हैं, जो योनि के टिश्यू को इरिटेट कर सकते हैं और नुकसान पहुंचा सकते हैं। योनि के बाहरी हिस्से Vulva की सफाई के लिए सादा पानी ही पर्याप्त है। सुगंधित उत्पादों के उपयोग से योनि का प्राकृतिक पीएच संतुलन बिगड़ सकता है और ये प्रोडक्ट्स जलन व संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
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मिथक 3: रोजाना पैंटी लाइनर पहनना लाभदायक है।
तथ्य: पैंटी लाइनर योनि स्राव (Vaginal Discharge) को सोखकर, ताजगी का एहसास प्रदान कर सकते हैं, लेकिन इन्हें रोजाना पहनने से बैक्टीरियल और यीस्ट संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल, पैंटी लाइनर की वजह से बैक्टीरिया और यीस्ट को पनपने के लिए अनुकूल गर्म और नम वातावरण मिल जाता है, जिस कारण इन्फेक्शन का रिस्क भी बढ़ जाता है। योनि के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सांस लेने योग्य सूती अंडरवियर पहनना और उन्हें नियमित रूप से बदलना सबसे अच्छा विकल्प है।
मिथक 4: योनि की गंध खराब स्वच्छता का संकेत देती है।
तथ्य: हर महिला की योनि से एक अनोखी गंध आती है, जो पूरे मासिक धर्म चक्र (Menstrual Cycle) के दौरान अलग-अलग हो सकती है। हल्की, कस्तूरी गंध सामान्य है। हालांकि, खुजली, जलन या असामान्य स्राव (Vaginal Discharge) के साथ तेज दुर्गंध किसी संक्रमण का संकेत दे सकते हैं, लेकिन इसका परीक्षण किसी डॉक्टर से ही करवाएं, खुद से कोई निष्कर्ष न निकालें। अच्छी और हेल्दी हाइजिन प्रैक्टिस, जैसे- रोज स्नान करना और सांस लेने योग्य अंडरवियर पहनना, गंध को रोकने में मदद कर सकते हैं।मिथक 5: वजाइनल डिसचार्ज से गंध आना STI का संकेत होता है।
तथ्य: मेंसुरल साइकिल के दौरान वजाइनल डिसचार्ज में बदलाव आता है, जो किसी चिंता का विषय नहीं है और न हीं हर बार ये किसी STI का संकेत होता है। आमतौर पर वजाइनल डिसचार्ज के दुर्गंध बैक्टीरियल वैजिनोसिस की वजह से होता है। वहीं यीस्ट इन्फेक्शन के दौरान भी योनि से कोई असामान्य गंध नहीं आती है।मिथक 6: टाइटनिंग उत्पाद योनि की टोन और आनंद में सुधार कर सकते हैं।
तथ्य: योनि कसने वाले जेल, क्रीम या व्यायाम के रूप में बेचे जाने वाले उत्पाद अक्सर अप्रभावी होते हैं और नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। योनि में प्राकृतिक लचीलापन होता है और इसे बदलने का प्रयास असुविधा, जलन और चोट का कारण बन सकता है। कीगल एक्सरसाइज, जो पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत करता है, सही ढंग से किए जाने पर यौन संतुष्टि और मूत्र नियंत्रण को बढ़ा सकता है।मिथक 7: योनि भाप स्नान (Vaginal Steam Baths) योनि को डिटॉक्स करता है।
तथ्य: वजाइनल स्टीम बाथ, जिसे "वी-स्टीमिंग" के रूप में भी जाना जाता है, योनि और गर्भाशय को टॉक्सिक पदार्थों और अशुद्धियों से साफ करने का दावा करता है। हालाँकि, इन दावों का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है और ऐसा करने से जलन, संक्रमण और योनि माइक्रोबायोम बिगड़ सकता है। योनि को डिटॉक्स की जरूरत नहीं होती क्योंकि यह सेल्फ क्लीन करती है।कैसे फेमिनाइन हाइजिन का ख्याल रखें?
इस बारे में बताते हुए डॉ. सुहाग ने बताया कि वजाइनल हेल्थ पूरी सेहत के लिए आवश्यक होती है, लेकिन इसे हेल्दी रखने के लिए तथ्यों और मिथकों में अंतर करना आवश्यक होता है। साथ ही, वजाइनल हाइजिन का ख्याल रखने के लिए जरूरी है कि कुछ बातों को हमेशा ध्यान में रखा जाए।- योनि के बाहरी हिस्से को पानी की मदद से धीरे-धीरे सफाई करनी चाहिए।
- हमेशा सांस लेने सही कपड़े की अंडरवियर पहननी चाहिए, जैसे- कॉटन की अंडरवियर ताकि पसीना, हीट आदि की समस्या न हो।
- नियमित चेकअप करवाने चाहिए।
- बिना डॉक्टर की सलाह के वजाइना में कुछ भी नहीं लगाना चाहिए।
- वजाइना में कोई भी दिक्कत महसूस होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- फेमिनाइन हाइजिन से जुड़ी किसी भी समस्या या प्रश्न की जानकारी लेने के लिए भी अपने डॉक्टर से बातचीत करें।