World Heart Day 2023: सोते समय भी आपकी जान ले सकता है हार्ट अटैक, जानें इसके कारण, लक्षण और बचाव के तरीके
World Heart Day 2023 सेहतमंद रहने के लिए दिल का हेल्दी रहना बेहद जरूरी है। हार्ट हमारे शरीर का एक अहम हिस्सा है जो पूरे शरीर में खून पहुंचाने का काम करता है। ऐसे में जरूरी है कि इसे सेहतमंद रखा जाए। हालांकि इन दिनों कई वजहों से लोग दिल की बीमारियों और हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। एक्सपर्ट से जानते हैं इसकी वजह और बचाव के तरीके-
By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Thu, 28 Sep 2023 06:11 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Heart Day 2023: लोगों की जीवनशैली इन दिनों तेजी से बदल रही है। कामकाज के बढ़ते बोझ और जीवन से जुड़ी अन्य परेशानियों की वजह से लोग अक्सर कई तरह की बीमारियों का शिकार होते जा रहे हैं। हमारी आदतें और लाइफस्टाइल काफी हद तक हमारी सेहत को प्रभावित करती हैं। स्वस्थ आहार और शारीरिक गतिविधियां हमें सेहतमंद बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। शरीर में मौजूद हर एक अंग का अपना अलग महत्व और कार्य होता है। दिल इन्हीं जरूरी अंगों में से एक है, जिससे पूरे शरीर में खून पहुंचता है। ऐसे में जरूरी है कि सेहतमंद रहने के लिए दिल की सेहत का भी खास ख्याल रखा जाए।
अक्सर सही जानकारी और जागरूकता की कमी व्यक्ति को दिल की बीमारी का शिकार बना देती हैं। ऐसे में इसे लेकर जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है। बीते कुछ समय से लोगों में दिल से जुड़ी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोनाकाल के बाद से ही देश के अलग-अलग हिस्सों में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले सामने आ रहे हैं।
युवाओं में बढ़ रही दिल की बीमारी
एक समय था जब दिल से जुड़ी इन बीमारियों को उम्र से जोड़कर देखा जाता था, लेकिन मौजूद समय में बच्चे और युवा भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। सोशल मीडिया पर आए दिन कई ऐसे वीडियो सामने आते रहते हैं, यहां अचानक ही लोग डांस करते, खेलते या जिम करते हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट का शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा कुछ मामले ऐसे भी देखने को मिलते हैं, जहां सोते हुए व्यक्ति की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो जाती है। ऐसे में इसकी वजह जानने के लिए हमने गुड़गांव स्थित मैक्स हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी के प्रमुख सलाहकार डॉ. जगदीप यादव से बातचीत की।सोते समय क्यों आता है हार्ट अटैक?
इस बारे में बात करते हुए डॉक्टर जगदीप ने बताया कि हार्ट अटैक का मुख्य कारण दिल की मुख्य नसों में से किसी एक नस का 100 फीसदी ब्लॉक होना या इसमें किसी तरह की कोई गंभीर रुकावट आना होता है। इस रुकावट के दो मेन कंपोनेंट होते हैं, जिसमें से एक स्टेबल कंपोनेट कोलेस्ट्रॉल का जमना होता है। वहीं, इसका दूसरा कंपोनेंट अस्थायी होता है, जो कि खून का थक्का जमना होता है। आमतौर पर हार्ट अटैक का यह दूसरा अस्थायी कंपोनेट खून का थक्का जमना कभी भी हो सकता है, जिसकी वजह से व्यक्ति को किसी भी समय दिल का दौरा पड़ सकता है।
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हार्ट अटैक के मुख्य कारक
डॉक्टर बताते हैं कि ऐसा जरूरी नहीं है कि व्यक्ति को दिल का दौरा तभी पड़ सकता है, जब कोई कार्य कर रहा हो या एक्टिव हो। सोते समय भी खून का थक्का जमने से व्यक्ति हार्ट अटैक का शिकार हो सकता है। इसके अलावा वह अन्य गतिविधि करते समय भी दिल के दौरे का शिकार हो सकता है। बात करें हार्ट अटैक के मुख्य कारणों की, तो इसके मुख्य कारण निम्न हैं-
- ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना
- शुगर लेवल ज्यादा होना
- शारीरिक गतिविधियों की कमी
- जरूरत से ज्यादा वजन होना
- अक्सर तनाव में रहना
- समय के साथ उम्र का बढ़ना
- लिंग आधारित (पुरुषों में महिलाओं की तुलना में ज्यादा हार्ट अटैक आना)
- अनुवांशिकता
हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ट अटैक के लक्षणों के बारे में बताते हुए डॉक्टर जगदीप कहते हैं कि अक्सर ऐसा माना जाता है कि हार्ट अटैक होने पर सिर्फ सीने में दर्द या सीने में लेफ्ट साइड ही दर्द होता है। हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है। हार्ट अटैक का दर्द जबड़े से लेकर नाभी तक किसी भी जगह हो सकता है। यह दर्द हाथों में भी जा सकता है, कंधों में भी जा सकता है और अपर बैक में भी हो सकता है। आमतौर पर हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षणों में निम्न शामिल हैं-- छाती में दर्द
- घबराहट होना
- सांस का फूलना
- धड़कन एकदम से बढ़ जाना
- बेहोश हो जाना
- पसीने-पसीने हो जाना
हार्ट अटैक से बचाव
हार्ट अटैक से बचाव के बारे में बताते हुए डॉक्टर कहते हैं कि दिल का दौरा पड़ने की मुख्य वजह हमारी खराब आदतें और बदलती लाइफस्टाइल हैं। ऐसे में जीवनशैली में कुछ बदलाव कर हार्ट अटैक से काफी हद तक बचा जा सकता है। इन बदलावों में निम्न शामिल हैं-- हेल्दी वेट बनाए रखना
- 7-8 घंटे की नींद लेना
- नियमित रूप से जांच कराना
- ज्यादा मीठा या तला हुआ न खाना
- धूम्रपान और शराब से परहेज करना
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करना
- बीपी, शुगर और कोलेस्ट्रॉल पर निगरानी रखना