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World Heart Day 2023: क्या है दिल की बीमारी का सबसे बड़ा कारण? इन तीन तरीकों से हार्ट को रख सकते हैं हेल्दी

हर व्यक्ति में एक जैसा जोखिम नहीं होता इसलिए उनके उपचार का तरीका भी अलग होता है । जीनोम मैपिंग की मदद से न केवल हृदय रोग बल्कि मधुमेह व कैंसर के जोखिम का भी पता चल जाता है। यह पहले महंगा था पर अब 15-20 हजार रुपये खर्च करके पता लगा सकते हैं कि आप कितने खतरे में हैं ।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Wed, 27 Sep 2023 06:59 AM (IST)
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इन तीन तरीकों से दिल को रख सकते हैं हेल्दी (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण डिजिटल डेस्क: दिल से जुड़ी बिमारी के मामले आजकल तेजी से बढ़ रहे हैं। अव्यवस्थित जीवनशैली और खानपान ने हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ा दिया है। ऐसे में दिल को सेहतमंद रखने के लिए हम 29 सितंबर को दुनियाभर विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) मनाया जाता है, जिनमें लोगो को अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए जागरूक किया जाता है।

ऐसे में हमें दिल को सेहतमंद रखने के लिए हमें क्या करना चाहिए, ये बताया मेदांता हृदय संस्थान के चेयरमैन और हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेश त्रेहन ने।

हृदय की बीमारी का सबसे बड़ा कारण

खानपान की खराब आदत और शिथिलतापूर्ण जीवनशैली | इन समस्याओं का निवारण आसानी से किया जा सकता है, पर हर कोई सेहत को लेकर सजग नहीं होता और चिकित्सकों के परामर्श पर ध्यान नहीं देता। यही कारण है कि हृदय से संबंधित समस्याएं बढ़ रही हैं।

सजगता सबसे बेहतर उपाय

यदि परिवार में किसी को हृदय से संबंधित समस्या रही है, तो इसकी आशंका बढ़ जाती है। इसके लिए पहले से सजगता जरूरी है। यदि आनुवंशिक कारण का पता लग गया है, तो समय पर जांच करा लेनी चाहिए।

सही वजन और शारीरिक श्रम

हर बार धमनी में अवरोध ही मृत्यु का कारण नहीं बनता । हृदय की गति अचानक बढ़ या घट जाने से भी दिक्कत हो सकती है। दो बातें महत्वपूर्ण हैं, सही वजन और शारीरिक श्रम । यदि मधुमेह, उच्च रक्तचाप के साथ धूमपान और शराब की आदत है, तो सतर्क रहने की जरूरत है। यदि वजन सही है और कोई रिस्क फैक्टर नहीं है, तो भी नियमित अंतराल पर लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करा लेना चाहिए। यदि एलडीएल बहुत ज्यादा है, तो सतर्क हो जाएं। यह 100 के आसपास ही रहना चाहिए है ।

अपनाएं ये तीन उपाय

नापें दिल की सेहत

  • हृदय से संबंधित परेशानी दिखते ही जांच करा लेना बेहतर होता है ।
  • इसमें ईसीजी, ईको, ट्रेडमिल टेस्ट, सीटी कोरोनरी एंजियो टेस्ट होता है।
  • कई बार एंजियोग्राफी भी करानी पड़ती है । ये टेस्ट आसानी से होते हैं ।
  • इससे साइलेंट ब्लाक का भी पता चल जाता है, जो आमतौर पर तकलीफदेह नहीं होते ।

जीनोम मैपिंग की मदद से उपचार

हर व्यक्ति में एक जैसा जोखिम नहीं होता, इसलिए उनके उपचार का तरीका भी अलग होता है । जीनोम मैपिंग की मदद से न केवल हृदय रोग बल्कि मधुमेह व कैंसर के जोखिम का भी पता चल जाता है। यह पहले महंगा था पर अब 15-20 हजार रुपये खर्च करके पता लगा सकते हैं कि आप कितने खतरे में हैं । खतरा ज्यादा हो तो मरीज की दवा और पूरा कोर्स उसी के अनुसार तय हो जाता है। यह स्वास्थ्य की जन्मपत्री है जिसे देखकर आने वाले खतरे की पहचान हो सकती है।

ब्रिस्क वॉक करें

आजकल कम उम्र में हृदय संबंधी बीमारी सामान्य बात हो गई है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन 40-50 मिनट तक ब्रिस्क वाक यानी तेज तेज टहलें । तेज चलने का यह अभ्यास सप्ताह में तीन-चार दिन कर सकते हैं। पहले से हृदय संबंधी समस्या है तो चिकित्सक से परामर्श जरूर कर लें।

कराएं संपूर्ण जांच

यदि परिवार में किसी को हृदय रोग रहा है तो एक बार अपनी जांच करा लेनी चाहिए। संपूर्ण चेकअप हो जाए तो अच्छा है, ताकि आप खतरे से बच सकें या बाहर होने के उपाय कर सकें। उचित खानपान व कसरत आदि के बारे में सजग हो सकें। कोलेस्ट्राल बढ़ा हुआ है तो खानपान को नियंत्रित करने के उपाय करें। कसरत की अवधि बढ़ाएं आदि।

तनाव प्रबंधन की जरूरत 

छोटी उम्र में हृदयाघात का बड़ा कारण तनावपूर्ण जीवनशैली है। काम से ऊपजे दबाव का प्रबंधन नहीं कर पा रहे हैं तो आपको इस दिशा में ध्यान देना चाहिए। योग व प्राणायाम से आप बेहतर तनाव प्रबंधन कर सकते हैं। यह परखा हुआ तरीका है, जिसकी मदद से हृदय को स्वस्थ रख सकते हैं।

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