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World Homeopathy Day 2024: बिना किसी साइड इफेक्ट्स के इन 5 बीमारियों को ठीक कर सकती हैं होम्योपैथिक दवाएं

हर साल 10 अप्रैल को World Homeopathy Day मनाया जाता है। पहला होम्योपैथी दिवस 10 अप्रैल 2005 को मनाया गया था। जर्मन फिजिशियन स्कॉलर सैमुअल हैनीमैन को होम्योपैथी का संस्थापक माना जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य होम्योपैथिक दवाओं के उपचार के बारे में लोगों को बताना है। कई सारी बीमारियों में होम्योपैथी दवाएं कारगर हैं। जिनके बारे में आज हम जानेंगे।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Tue, 09 Apr 2024 11:24 AM (IST)
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World Homeopathy Day 2024: इन बीमारियों में असरदार है होम्योपैथी उपचार
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Homeopathy Day 2024: होम्योपैथी दिवस हर साल 10 अप्रैल को मनाया जाता है। इसे मनाने का मकसद होम्योपैथिक उपचार के बारे में जागरूकता फैलाना है। जर्मन फिजिशियन, स्कॉलर सैमुअल हैनीमैन को होम्योपैथी का जनक माना जाता है। 

होम्योपैथी उपचार की ऐसी विधा है जिसमें बिना किसी दर्द के परेशानी दूर की जाती है। साथ ही होम्योपैथी को लेकर एक बात अक्सर कही जाती है कि अगर बीमारी को जड़ से खत्म करना है तो होम्योपैथी का दामन थाम लो, तो आज हम जानेंगे कि किन-किन बीमारियों में यह उपचार असरदार है। 

डॉ. राज बोंद्रे, एमडी होम्योपैथी का कहना है कि, 'अनेक बीमारियां है जिससे लोग पीड़ित हैं। एक ही बीमारी को ठीक करने के लिए उन्हें कई सारी दवाइयां लेनी पड़ती हैं फिर भी उसके ठीक होने की गारंटी नहीं होती। ऑटोइम्यून बीमारियां जैसे सोरायसिस, लाइकेन प्लैनस और एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस जैसी बीमारियों में होम्योपैथी के बहुत अच्छे रिजल्ट्स देखने को मिलते हैं। होम्योपैथी दवाइयां व्यक्ति की बीमारी की गंभीरता, उससे होने वाले स्ट्रेस और उसे व्यक्ति के रिएक्शन का ध्यान रखते हुए दी जाती है। कई बीमारियां इन दवाइयों की मदद से जड़ से ठीक हो जाती हैं।'

इन बीमारियों में भी होम्योपैथी है कारगर

स्किन की बीमारियां

स्किन से जुड़ी बीमारियों के लिए आज से नहीं, बल्कि काफी पहले से होम्योपैथी दवाओं पर लोग भरोसा करते हैं। दाद-खुजली, सोरायसिस, फंगल इन्फेक्शन, रिंगवॉर्म इन सभी के लिए होम्योपैथिक दवाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा यह उपचार कील-मुहांसों से निपटने में भी कारगर है।

सांस-फेफड़ों की दिक्कत

वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर हमारे फेफड़ों पर पड़ता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। इसमें किसी तरह की लापरवाही समस्या को और गंभीर बना सकती है। होम्योपैथी की मदद से इस समस्या का उपचार संभव है। 

पेट की परेशानियां

पेट से जुड़ी कई परेशानियों में भी होम्योपैथी दवाएं असरदार हैं खासतौर से एसिडिटी, कब्ज, पाइल्स और फिशर में। ये परेशानियां लंबी चलती हैं और नजरअंदाज करने पर बढ़ती जाती है और गंभीर हो सकती हैं।

किडनी की समस्या

अनहेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल के चलते किडनी की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। शुगर और बीपी के मरीजों में किडनी से जुड़ी समस्याएं और ज्यादा देखने को मिलती हैं। होम्योपैथी दवाओं की मदद से किडनी इन्फेक्शन, पॉलिसिस्टिक किडनी, यूरिन इन्फेक्शन जैसी समस्याओं का उपचार किया जा सकता है। 

जोड़ों के दर्द में

जोड़ों के दर्द के लिए भी होम्योपैथी में दवाएं मौजूद हैं। दर्द हल्का है या ज्यादा, होम्योपैथिक दवाओं से काफी हद तक इनसे राहत पाया जा सकता है। 

रखें इन बातों का ध्यान

मेडिकल हिस्ट्री जरूरी: इन बीमारियों के इलाज के लिए अगर आप होम्योपैथी इलाज सोच रहे हैं, तो डॉक्टर को बीमारी से जुड़ी अपनी पूरी डिटेल्स बताएं। कौन सी दवाएं आप ले रहे थे, कौन सी जांचें करवाई हैं और क्या रिजल्ट आया, ये सभी डॉक्टर को बताना जरूरी है। 

परहेज: भोजन और दवा लेने के बीच कम से कम 15-20 मिनट का गैप रखें। लहसुन और प्याज जैसी चीजें दवा लेने से 1-2 घंटे पहले न खाएं। 

ये भी पढ़ेंः- क्यों मनाते हैं विश्व होम्योपैथी दिवस और क्या है इसका इतिहास?

Pic credit- freepik