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World Menopause Day 2024: मेनोपॉज से जुड़े कुछ ऐसे मिथक, जिनका सच जानना जरूरी है

मेनोपॉज एक ऐसा प्रोसेस है जिससे हर महिला को गुजरना होता है। इन दौरान महिलाओं को पीरियड्स आना हमेशा के लिए बंद हो जाते हैं और यह अक्सर 45 से 55 साल के बीच होता है। इसके प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल World Menopause Day मनाया जाता है। इस मौके पर जानते हैं इससे जुड़े कुछ आम मिथक और उनकी सच्चाई।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Fri, 18 Oct 2024 04:15 PM (IST)
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मेनोपॉज से जुड़े आम मिथक और उनकी सच्चाई (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। एक महिला को अपने पूरे जीवन में कई तरह के पड़ावों से गुजरना पड़ता है। पीडियड्स की शुरुआत से लेकर मेनोपॉज तक, उन्हें कई सारी चीजों का सामना करना पड़ता है। मेनोपॉज एक नेचुरल प्रोसेस है, जिससे एक उम्र के बाद सभी महिलाओं को गुजरना पड़ता है। ऐसे में इसके प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 18 अक्टूबर को World Menopause Day मनाया जाता है।

आज भी कई लोगों के मन में इसके लेकर कई तरह की गलत धारणाएं और अफवाहें फैली हुई हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में गुरुग्राम के सीके बिड़ला अस्पताल में प्रसूति एवं स्त्री रोग निदेशक डॉ. आस्था दयाल से जानेंगे मेनोपॉज से जुड़े कुछ आम मिथक और उनकी सच्चाई-

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मिथक 1- अचानक रातोंरात होता है मेनोपॉज?

सच्चाई- यह पूरी तरह गलत है। मेनोपॉज एक लंबा प्रोसेस है। यह ट्रांजिशन, जिसे पेरिमेनोपॉज के रूप में जाना जाता है, एक महिला के मेनोपॉज में प्रवेश करने से पहले कई साल तक रह सकता है। इसके बाद महिला को मेनोपॉज आता है, जिसमें 12 महीनों तक लगतार पीरियड्स नहीं आते हैं। इसके लक्षण 40 की उम्र में भी शुरू हो सकते हैं।

मिथक 2- 50 साल की उम्र में मेनोपॉज शुरू हो जाता है।

सच्चाई- मेनोपॉज पहले या बाद में हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की उम्र के बीच होती है। कुछ महिलाएं मेडिकल प्रोसेस, जेनेटिक या अन्य वजहों के परिणामस्वरूप 40 वर्ष की उम्र से पहले मेनोपॉज से गुजर सकती हैं।

मिथक 3- मेनोपॉज के दौरान वजन बढ़ना जरूरी है।

सच्चाई- मेनोपॉज के दौरान अक्सर हार्मोनल उतार-चढ़ाव की वजह से वजन बढ़ सकता है। हालांकि, यह हमेशा जरूरी नहीं है। ऐसे में स्ट्रेस मैनेजमेंट लगातार एक्सरसाइज और बैलेंस्ड डाइट से हेल्दी वेट बनाए रखने में मदद मिल सकती है।

मिथक 4- हॉट फ्लैशेज मेनोपॉज का एकमात्र लक्षण है।

सच्चाई- मेनोपॉज कई लक्षणों का कारण बन सकती है, जिनमें हार्मोनल उतार-चढ़ाव के अलावा, वजाइना का सूखापन, मूड में बदलाव, रात को पसीना और यौन इच्छा में बदलाव शामिल हैं। हर महिला को हर लक्षण का सामना नहीं करना पड़ता।

मिथक 5- मेनोपॉज के साथ एक महिला की सेक्सुएलिटी खत्म हो जाती है।

सच्चाई- मेनोपॉज के बाद सेक्सुअल एक्टिविटी बंद नहीं होती है। किसी भी शारीरिक असुविधा को सही तरीके से मैनेज करने के साथ कई महिलाएं एक्टिव सेक्सुअल लाइफ जारी रख सकती हैं।

मिथक 6- मेनोपॉज के बाद आपका प्रजनन स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी नहीं है।

सच्चाई- ऐसा सोचना गलत है, क्योंकि मेनोपॉज के बाद भी रिप्रोडक्टिव हेल्थ का ध्यान रखना जरूरी है। इसके लिए नियमित मेडिकल चेकअप जैसे पैप स्मीयर, ब्रेस्ट एग्जामिनेशन और हड्डियों के स्वास्थ्य की निगरानी करते रहना चाहिए।

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