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World Mosquito Day 2024: डेंगू, मलेरिया ही नहीं और भी कई जानलेवा बीमारियों की वजह बन सकते हैं छोटे से मच्छर

मच्छर बहुत ही खतरनाक कीट हैं और मानसून के दौरान तो इनका आतंक और भी ज्यादा बढ़ जाता है। डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया येलो फीवर जैसी कई खतरनाक बीमारियों की वजह मच्छर ही होते हैं। इन बीमारियों में किसी भी तरह की लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। लक्षणों की पहचान कर तुरंत इलाज करवाने से काफी हद तक इसे गंभीर होने से रोका जा सकता है।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Tue, 20 Aug 2024 12:20 PM (IST)
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मच्छरों से होने वाली बीमारियां (Pic credit- freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। मानसून के दौरान मच्छरों का आतंक कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है और इनसे होने वाली बीमारियों का खतरा भी। इनमें से कुछ बीमारियां तो ऐसी हैं कि समय पर इलाज न मिलने से व्यक्ति की जान को भी खतरा हो सकता है। छोटे से ये कीट कितने खतरनाक हो सकते हैं, इसी के बारे में लोगों को जागरूक करने के मकसद से हर साल 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस (World Mosquito Day) मनाया जाता है। इस दिन तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को मच्छरों से होने वाले खतरों के बारे में बताया जाता है, साथ ही उनसे कैसे बचा जाए, इसके भी उपाय बताए जाते हैं। मच्छरों से कौन-कौन सी बीमारियां फैल सकती हैं, इसे लेकर हमने डॉ. अजय शाह, प्रबंध निदेशक, न्युबर्ग अजय शाह लैबोरेटोरी से बातचीत की, जिन्होंने बीमारियों से साथ, उसके लक्षणों और रोकथाम के उपायों के बारे में भी बताया है।

मच्छरों से होने वाली बीमारियां

1. डेंगू

डेंगू जानलेवा मच्छरों के संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है। यह बीमारी डेंगू वायरस से फैलती है, जो एडिस मच्छर के काटने से व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है। संक्रमित मच्छर के काटने पर यह वायरस ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश करता है और फिर अपना असर दिखाना शुरू करता है।   

डेंगू के लक्षण

  • तेज बुखार
  • सिरदर्द
  • जी मिचलाना
  • थकान
  • उल्टी
  • मांसपेशियों में गंभीर दर्द

रोकथाम और उपचार

  • मच्छरों से बचने के लिए मच्छरों को भगाने वाले उत्पादों का इस्तेमाल करें और पूरी बांह के कपड़े पहनें।
  • मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए घर या बैलकनी में पानी न इकट्ठा होने दें।
  • लक्षणों के नजर आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, जिससे जरूरी जांच और चिकित्सा शुरू हो सके। 

2. मलेरिया

मलेरिया एक खास तरह के परजीवी से होता है, जो मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से शरीर में प्रवेश कर जाता है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों को मलेरिया का ज्यादा खतरा होता है। 

मलेरिया के लक्षण

  • ठंड लगना
  • शरीर में दर्द
  • बुखार
  • डायरिया
  • तनाव व थकान
  • खून की कमी
  • चक्कर आना

रोकथाम और उपचार

  • मच्छर भागने वाले उत्पादों का उपयोग करें और मच्छरदानी के अंदर सोएं।
  • मलेरिया के लक्षण नजर आएं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें, क्योंकि इसमें शीघ्र निदान और उपचार
  • महत्वपूर्ण है।

3. चिकनगुनिया

चिकनगुनिया फैलाने के लिए एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर जिम्मेदार होते हैं। चिकनगुनिया तब होता है, जब चिकनगुनिया वायरस जिसे अल्फावायरस के रूप में भी जाना जाता है, किसी व्यक्ति को काट लेता है। 

चिकनगुनिया के लक्षण

रोकथाम और उपचार

  • मच्छरों के काटने से बचने के लिए मच्छरों को भगाने वाले उत्पादों और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
  • कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार नहीं है, इसलिए दर्द से राहत सहित समुचित सहायक देखभाल आवश्यक है।

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4. जीका वायरस

जीका वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। मच्छरों के काटने से जीका वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है। यह बहुत ही खतरनाक होता है। अगर कोई गर्भवती महिला इसकी शिकार हो जाए, तो इससे बच्चे का दिमाग छोटा रह सकता है।

जीका वायरस के लक्षण

  • बुखार आना
  • सिरदर्द
  • आंखें लाल होना
  • शरीर पर चकत्ते
  • मसल्स में दर्द

रोकथाम और उपचार

  • मच्छरों के काटने से बचें खासकर गर्भावस्था के दौरान।
  • संक्रमित होने पर सुरक्षित यौन संबंध बनाएं या यौन क्रियाकलापों से दूर रहें।
  • इसका कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, इसलिए सहायक देखभाल और निगरानी बहुत आवश्यक है

5. पीला बुखार

यह एक खास तरह के मच्छर से फैलने वाला इन्फेक्शन है, जो इलाज न मिलने पर जानलेवा हो सकता है।

येलो फीवर के लक्षण

  • रीढ़ की हड्डी में सूजन
  • सिरदर्द
  • जी मिचलाना
  • बुखार और उल्टी

रोकथाम और उपचार

  • टीकाकरण इसके लिए सबसे प्रभावी रोकथाम विधि है।
  • इसके प्रसार वाले क्षेत्रों में जाने से बचें। 
  • इसका कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, लेकिन समुचित सहायक देखभाल से जान बचाई जा सकती है।

मच्छर भले ही महत्वहीन लग सकते हैं, लेकिन वे घातक बीमारियों के वाहक हैं, जो वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करते हैं। तो आवश्यक सावधानी अवश्य बरतें और लक्षण उत्पन्न होने पर जरूरी चिकित्सा पर अवश्य ध्यान दें।

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