World Parkinson's Day 2024: रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित कर सकती है पार्किंसंस डिजीज, इन तरीकों से करें बचाव
पार्किंसंस डिजीज एक ब्रेन डिसऑर्डर है जो हमारे नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। इसकी वजह से अकसर चलने-फिरने मानसिक स्वास्थ्य नींद दर्द और अन्य स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 11 अप्रैल को World Parkinsons Day मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस बीमारी से बचाव के तरीके।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पार्किंसंस डिजीज (Parkinson's Disease) एक प्रोग्रेसिव न्यूरोडीजेनेरेटिव डिसऑर्डर है, जो मुख्य रूप से नर्वस सिस्टम को टारगेट कर और नर्व के जरिए नियंत्रित शरीर के हिस्सों को प्रभावित करता है। भूलने की बीमारी, डिमेंशिया, समझने और सोचने में कठिनाई पार्किंसंस डिजीज के कुछ कोग्नेटिव प्रभाव हैं। ऐसे में इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 11 अप्रैल को वर्ल्ड पार्किंसंस डे मनाया जाता है। इस मौके पर जानते हैं इस को रोकने के लिए कुछ प्रभावी तरीकों के बारे में-
यह भी पढ़ें- Hepatitis हर रोज बन रहा 3000 से ज्यादा मौतों का कारण, एक्सपर्ट से जानें इससे बचने का तरीका
पार्किंसंस डिजीज क्या है?
क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक पार्किंसंस डिजीज एक ऐसी स्थिति है, जहां आपके मस्तिष्क का एक हिस्सा खराब हो जाता है, जिससे समय के साथ ज्यादा गंभीर लक्षण नजर आने लगते हैं। वहीं, WHO के अनुसार पार्किंसंस डिजीज (पीडी) एक ब्रेन कंडीशन है, जो चलने-फिरने, मानसिक स्वास्थ्य, नींद, दर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनती है।पार्किंसंस डिजीज के लक्षण
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की मानें तो, पार्किंसंस डिजीज के लक्षण समय के साथ बदतर होते जाते हैं। यह बीमारी खुशहाली और जीवन की गुणवत्ता को काफी हद तक प्रभावित कर सकती है। इसके कुछ मोटर लक्षणों में निम्न शामिल हैं-
- धीमी चाल
- कंपकंपी
- इंवॉलेन्टरी मूवमेंट
- कठोरता
- चलने में परेशानी
- असंतुलन
नॉन-मोटर लक्षण
- कॉग्नेटिव इम्पेयरमेंट
- मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर
- पागलपन
- नींद संबंधी विकार
- दर्द
- सेंसरी डिस्टर्बेंस
पार्किंसंस डिजीज से बचाव
बात करें इस बीमारी के इलाज की, तो पार्किंसंस डिजीज का कोई इलाज नहीं है और न ही इसे पूरी तरह से रोका जा सकता है। हालांकि, अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर इस बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है। आप निम्न तरीकों से पार्किंसंस डिजीज से बचाव कर सकते हैं-- फिजिकल एक्टिविटी आपको मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बनाए रखने और पार्किंसंस डिजीज की संभावना को कम करने में मदद कर सकती है।
- आप इसके लिए व्यक्ति वॉकिंग, रनिंग, स्वीमिंग और डांस जैसी फिजिकल एक्टिविटी कर सकते हैं।
- इसके अलावा कम फैट लेने, अपने ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को नियंत्रण में रखकर इसे रोका जा सकता है।
- औद्योगिक रसायनों, कीटनाशकों और जड़ी-बूटियों के संपर्क में आने से बचें, क्योंकि
- यह पार्किंसंस डिजीज के खतरे से जुड़ा होता है।
- माइंड एक्टिविटीज जैसे पजल सॉल्विंग, गेम खेलकर, पढ़कर और नई चीजें सीखकर अपने दिमाग को तेज रखें।
- इसके अलावा खेलते या अन्य ऐसी एक्टिविटी जिसमें गिरने की संभावना हो, सिर की सुरक्षा के लिए हेलमेट आदि का इस्तेमाल करें।
यह भी पढ़ें- Heart Disease का संकेत हो सकते हैं सीने में होने वाले ये 5 तरह के दर्द, भारी पड़ सकती है इनकी अनदेखी
Picture Courtesy: Freepik