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World Prematurity Day 2022: प्रीमैच्योर बेबी की देखभाल करने के लिए अपनाएं ये तरीके

World Prematurity Day 2022 समय से पहले जन्म लेन वाले शिशु को एक्स्ट्रा केयर की जरूरत होती है। प्रीमैच्योर बच्चों को इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। लिहाजा इनकी देखभाल सही तरीके से करनी चाहिए। आइए जानते हैं इस बारे में...

By Saloni UpadhyayEdited By: Updated: Thu, 17 Nov 2022 12:55 PM (IST)
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World Prematurity Day 2022: प्रिमैच्योर बच्चों का ख्याल रखने के लिए अपनाएं ये टिप्स
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्कWorld Prematurity Day 2022: हर साल 17 नवंबर को वर्ल्ड प्रीमैच्योरिटी डे मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य है कि समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों की देखभाल के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा की जा सके।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, विश्व में हर साल लगभग डेढ़ करोड़ बच्चे समय से पहले पैदा हो जाते हैं। जब बच्चे का जन्म प्रेग्नेंसी के 37 हफ्ते पूरे होने से पहले ही हो जाता है, तो ये प्रिमैच्योर बर्थ कहलाता है।

वक्त से पहले जन्मे बच्चों को कुछ समय तक अस्पताल की नर्सरी में ही रखा जाता है। क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कमज़ोर होती है, इसलिए उनमें संक्रमित होने की संभावना भी ज़्यादा होती है। जब ये बच्चे थोड़ी ताकत हासिल कर लेते हैं, तभी मां-बाप को उन्हें घर ले जाने की अनुमति मिलती है। तो आइए जानें कि प्रीमैच्योर बच्चों की घर पर देखभाल करते समय किन बातों का ख्याल रखना ज़रूरी है।

ऐसे रखें प्रीमैच्योर बच्चों का ख्याल

  • प्रीमैच्योर बच्चों को जब आप अस्पताल से घर लाते हैं, तो उनमें इन्फेशन होने का ख़तरा भी कम हो जाता है, जो मां-बाप और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होता है। साथ ही बच्चे खुद से फीड करना सीखते हैं और परिवार लोगों के साथ बॉन्डिंग बढ़ती है।
  • प्रीमैच्योर बेबी के लिए स्तनपान लाभदायक होता है। जैसा कि हम जानते हैं कि स्तनपान कराना मां बनने का सबसे अहम हिस्सा है। इसके कई फायदे भी हैं, इसमें पोषण और विटामिन्स की मात्रा उच्च होती है, जो प्रीमैच्योर बच्चे की ग्रोथ में तेज़ी लाएंगे और उसे जल्द हेल्दी बनाएंगे। 
  • स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट को प्रीमैच्योर बच्चे के लिए एक बेहतरीन एक्सरसाइज़ माना गया है। आप इसके लिए बच्चे को नैपी पहनाकर उसे अपने सीने पर आराम करने दें। इससे बच्चा सुरक्षित महसूस करता है। इसके कई फायदे देखे गए हैं, जिनमें दर्द या तनाव का कम होना जो बच्चा महसूस कर रहा हो। इससे दिल की धड़कने और श्वसन में भी सुधार होता है।  
  • प्रीमैच्योर बेबी के लिए अच्छी नींद लेना बेहद ज़रूरी होता है। नींद उनके विकास और सेहत में मदद करती है। जब बच्चा सो रहा हो, तो सुनिश्चित करें कि पेट के बल न सो रहा हो। साथ ही फ्लैट स्तह पर बिना किसी तकिए के सुलाएं।  
  • जन्म के कुछ बाद तक बच्चे को घर पर रखना ही सही है, इससे वे कई इन्फेक्शन से बचेंगे। हालांकि, डॉक्टर के पास ले जाना एक अलग बात है, रोज़ाना चेकअप ज़रूर करवाएं। शुरुआती महीनों में बच्चे की अच्छी सेहत के लिए उसे एक साफ और सुरक्षित जगह पर ही रखें। बाहर के लोगों से भी मिलना जुलना कम ही रखें।
Disclaimer: लेख में दिए गए सुझाव और टिप्स सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी तरह के सवाल या परेशानी हो तो फौरन अपने डॉक्टर से सलाह करें।

Picture Courtesy: Freepik

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