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World Rabies Day 2023: क्या रेबीज का इलाज है मुमकिन? जानें इसकी चार स्टेज और लक्षणों के बारे में सबकुछ

रेबीज के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 28 सितंबर को वर्ल्ड रेबीज डे मनाया जाता है। यह जानवरों से फैलने वाली एक वायरल बीमारी है जो समय पर वैक्सीन न लगने पर जानलेवा साबित होती है। जानिए क्या है इस साल रेबीज डे की थीम और क्या-क्या होते हैं इस बीमारी के लक्षण और स्टेजेस।

By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Thu, 28 Sep 2023 06:03 PM (IST)
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जानें क्या हो सकते हैं रेबीज के लक्षण और चरण
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Rabies Day 2023:  वर्ल्ड रेबीज डे हर साल 28 सितंबर को मनाया जाता है। रेबीज जानवरों से फैलने वाली एक जानलेवा बीमारी है, जिससे बचाव ही इसका एक मात्र इलाज है। इस बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए हर साल वर्ल्ड रेबीज डे मनाया जाता है। आइए जानते हैं क्या है इस साल के रेबीज डे की थीम और क्या हैं रेबीज के लक्षण और चरण।

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रेबीज एक जूनोटिक बीमारी है, जो अक्सर कुत्तों, चमगादड़, लोमड़ी आदि से इंसानों में फैलती है। आमतौर पर आवारा कुत्ते या वे कुत्ते जो वैक्सीनेटेड नहीं होते है, वे इस वायरस के कैरियर होते हैं। यह वायरस आपके शरीर में इन्फेक्टेड जानवर (Rabid Animal) की लार से, ज्यादातर काटने से आ सकता है। यह वायरस धीरे-धीरे आपके नर्वस सिस्टम तक पहुंच कर उसे प्रभावित करता है। इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए रेबीज डे मनाया जाता है।

क्या है इस साल की थीम

इस साल की थीम है- ऑल फॉर वन, 1 हेल्थ फॉर ऑल है। इसका उद्देश्य है कि इंसानों और जानवरों दोनों में ही रेबीज की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं। रेबीज एक जानलेवा बीमारी है, जिससे बचाव का एकमात्र उपाय यही है कि यदि कोई जानवर आपको काटता है तो तुरंत ही डॉक्टर से मिलें और वैक्सीन लें। इसके लक्षण दिखने शुरू होने के बाद इसका कोई इलाज नहीं है।

क्या हैं रेबीज के लक्षण

  • बुखार
  • सिर दर्द
  • उल्टी
  • एंग्जायटी
  • बेचैनी
  • निगलने में दिक्कत होना
  • कंफ्यूजन
  • डायरिया
  • पैरालिसिस
  • भ्रमित होना (Hallucination)
  • अधिक लार बनना

रेबीज के कौन- कौन से स्टेज होते हैं

इंक्यूबेशन पीरियड

रेबीज का सबसे पहला चरण इंक्यूबेशन पीरियड होता है। इस स्टेज में इन्फेक्शन की शुरुआत होती है, लेकिन लक्षण दिखने शुरू नहीं होते। इसका समय 10 दिन से कुछ सालों तक हो सकता है। अगर इस स्टेज में इलाज हो जाए तो रेबीज से जान बचाई जा सकती है।

प्रोड्रोमल फेज

इस चरण की शुरुआत तब होती है जब इन्फेक्शन सेंट्रल नरवस सिस्टम तक पहुंत जाता है। इस स्टेज में फ्लू जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। यह स्टेज 2 से 10 दिन तक चल सकता है। इस चरण में पहुंचने के बाद भी कोई इलाज नहीं है।

एक्यूट न्यूरोलॉजिकल स्टेज

इसमें ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड में वायरस इन्फेक्शन फैलाना शुरू हो जाता है। इस स्टेज में पैरालिसिस, दौरे पड़ने जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। मरीज इस स्टेज में कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक रह सकता है।

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कोमा

यह फाइनल स्टेज होती है। इस स्टेज में मरीज कोमा में चला जाता है, जिसके बाद रेस्पीरेटरी फेलियर होता है, जिसके बाद मरीज की मृत्यु हो जाती है।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik