World Schizophrenia Day 2023: गंभीर मानसिक विकार है सिजोफ्रेनिया, जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव
World Schizophrenia Day 2023 इन दिनों लोग कई तरह की मानसिक समस्याओं का शिकार होते जा रहे हैं। सिजोफ्रेनिया इन्हीं विकारों में से एक है जिसको लेकर जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 24 मई को वर्ल्ड सिज़ोफ्रेनिया डे मनाया जाता है।
By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Tue, 23 May 2023 05:55 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Schizophrenia Day 2023: लगातार बदलती लाइफस्टाइल की वजह से लोग इन दिनों कई समस्याओं का शिकार होते जा रहे हैं। काम के बोझ और जीवनशैली में बदलाव का हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ रहा है। यही वजह है कि इन दिनों लोग कई तरह की मानसिक समस्याओं की चपेट में आ रहे हैं। तनाव और डिप्रेशन आजकल काफी गंभीर समस्या बन चुकी है। आपके आसपास कई लोग विभिन्न मानसिक समस्याओं से पीड़ित होंगे। इन्हीं मानसिक विकारों में से एक सिजोफ्रेनिया भी बेहद गंभीर बीमारी है।
सिजोफ्रेनिया आमतौर बचपन में या फिर किशोरावस्था में होती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को अक्सर भ्रम होने के साथ ही डरावने साए दिखाई देते हैं। इस गंभीर बीमारी की झलक कई बॉलीवुड फिल्मों में भी दिखाई दे चुकी है। फिल्म एक्ट्रेस बिपाशा बसु की फिल्म मदहोश और एक्ट्रेस कोंकणा सेन की फिल्म 15 पार्क एवेन्यू सिजोफ्रेनिया जैसी गंभीर मानसिक बीमारी पर ही आधारित है। इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 24 मई को वर्ल्ड सिज़ोफ्रेनिया डे मनाया जाता है। तो चलिए इस मौके पर जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी सभी जरूरी बातें-
क्या है सिजोफ्रेनिया?
सिजोफ्रेनिया एक तरह का मानसिक विकार है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति अपनी कल्पना को भी हकीकत मान लेता है। वह अक्सर भ्रम की स्थिति में रहता है और अपने मन में कल्पनाओं की दुनिया को ही असलियत मान लेता है। साइंस की भाषा में समझे, तो हमारे दिमाग में डोपामाइन नामक एक न्यूरोट्रांसमीटर होता है, जो दिमाग और शरीर के बीच तालमेल बैठाता है। जब किसी वजह से डोपामाइन की मात्रा बढ़ जाती है, तो इसे सिजोफ्रेनिया कहा जाता है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) के मुताबिक पूरी दुनिया में 2 करोड़ से ज्यादा लोग इस गंभीर बीमारी से पीड़ित है।सिजोफ्रेनिया के लक्षण
- भ्रम की स्थिति में रहना
- अजीब चीजें महसूस करना
- अकेले में रहना पसंद करना
- कई तरह की आवाजें सुनाई देना
- जीवन के प्रति निराशा का भाव रखना
- कई चीजें, व्यक्ति या कोई आकृतियां दिखना
- भीड़ या सार्वजनिक जगहों में कार्यक्षमता खो देना
- शरीरिक सक्रियता प्रभावित होना और सुस्त रहना
- लगातार मूड बदलना और अवसाद के लक्षण दिखना
- ऐसी बातें करना जिनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं
सिजोफ्रेनिया के कारण
कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि सिजोफ्रेनिया की बीमारी पर्यावरणीय कारक और कुछ न्यूरोलाजिकल स्थिति के अलावा आनुवंशिकता की वजह से भी हो सकती है। सिजोफ्रेनिया के अन्य कारणों में निम्न प्रमुख हैं-
- करियर
- बदलती लाइफस्टाइल
- टूटते संयुक्त परिवार
- पैसा कमाने की होड़
- घरेलू ज़िम्मेदारियां
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
सिजोफ्रेनिया के बारे में बात करते हुए मनस्थली की फाउंडर तथा डॉयरेक्टर और सीनियर मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ ज्योति कपूर कहती हैं कि "सिज़ोफ्रेनिया भारत में लोगों को होने वाली कुछ प्रमुख बड़ी मानसिक बीमारियों मे से एक है। सिज़ोफ्रेनिया अंडररिपोर्टिंग, जागरूकता की कमी और कुछ क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी होने से लोगों में ज्यादा फैल रही है। सिज़ोफ्रेनिया एक बहुत ही गंभीर मानसिक बीमारी है। इसके लक्षण व्यक्ति की सोचने की क्षमता, उसकी भावना और व्यवहार से जाहिर होते हैं। सिज़ोफ्रेनिया के लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में काफ़ी अलग हो सकते हैं और समय के साथ ये लक्षण बदल भी सकते हैं।"सिज़ोफ्रेनिया से बचाव
सिज़ोफ्रेनिया के इलाज के बारे में बात करते हुए डॉक्टर से बताया कि प्रोफेशनल डायग्नोसिस और इलाज़ सिज़ोफ्रेनिया की रोकथाम के लिए जरूरी हैं। सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित लोग अक्सर समाज में अलग-थलग पड़ जाते हैं और उनके ऊपर पागल का कलंक लग जाता है, जिससे इन व्यक्तियों को समझना और स्वीकार करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। जब परिवार और समाज सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्तियों के प्रति दया और करुणा दिखाते हैं, तो उनके लिए यह एक सपोर्टिव माहौल बनाता है, जो सकारात्मक रूप से उनकी बेहतरी को अच्छा करता है।Picture Courtesy: Freepik