World Sleep Day 2021: हेल्थ ही नहीं सोशल और पर्सनल रिलेशन तक को डिस्टर्ब कर सकती है नींद की कमी
World Sleep Day 2021 एक स्ट़डी के मुताबिक जो लोग अच्छी नींद लेते हैं वे बेहतर तरह से लोगों से बातचीत और विचार-विमर्श कर पाते हैं। नतीजतन अपनों ही नहीं परायों के साथ भी उनके रिश्ते अच्छे होते हैं।
By Priyanka SinghEdited By: Updated: Fri, 19 Mar 2021 11:21 AM (IST)
एक स्टडी के मुताबिक नींद में खलल का सीधा संबंध अकेलेपन और समाज से कट जाने से है, जो लोग अपनी व्यस्तताओं के चलते कम सोते हैं या जिनको नींद न आने की प्रॉब्लम होती है, उनके मन में समाज के प्रति अरुचि ज्यादा होती है। ऐसे लोग समाज में मौजूद दूसरे लोगों के साथ घुल-मिल नहीं पाते हैं। उनको सोशलाइज करने में दिक्कत आती है, इसलिए न सिर्फ सेहत को सहेजने के लिए बल्कि स्नेहमयी रिश्तों और सामाजिक रूप से सक्रिय बने रहने के लिए भी अच्छी नींद लेना बेहद जरूरी है।
दिमाग पर होता है इसका सीधा असरअच्छी नींद के बिना शारीरिक सेहत ही नहीं मानसिक फ्रंट पर भी कई तकलीफों से जूझना पड़ता है। हरदम चिड़चिड़ापन और थकान घेरे रहे तो इंसान को बिना वजह गुस्सा आने लगता है। दिलो-दिमाग का भारीपन कई चीज़ों में उलझनें पैदा करने लगता है। मन में बेचैनी बनी रहती है। ऐसे लोग अपने इमोशंस पर काबू नहीं कर पाते। अपने आस-पास हो रही एक्टिविटीज को लेकर सक्रियता से रिएक्ट नहीं कर पाते। कुछ नया सीखने-जानने की इच्छा भी कम हो जाती है, रात को ठीक से नींद नहीं आने की वजह से मन बीते हुए कल की बातों या आने वाले कल की चिंताओं में उलझा रहता है। ऐसे लोग जाने-अनजाने सोशल लाइफ से दूर हो जाते हैं।
प्रोडक्टिविटी होती है खराबनींद की कमी से बिगड़ी लाइफस्टाइल, प्रोडक्टिविटी पर भी असर डालती है। काम को करने की एकाग्रता और ऊर्जा दोनों ही कम होने लगती है। कुछ भी ठीक से ना संभाल पाने के कारण व्यक्ति बहुत उलझता जाता है, जो काम किया जाए, उसमें भी गलतियां ज्यादा होती हैं। अनिद्रा की समस्या के कारण सुस्ती, आलस्य और कमजोरी जैसी परेशानियां भी घर कर लेती हैं, जिससे कोई भी काम समय पर नहीं हो पाता।
हादसे की रहती है पूरी संभावनाऔर तो और यहां तक कि सड़क दुर्घटनाओं की एक बड़ी वजह नींद की कमी भी है। नींद पूरी न हो तो तन ही नहीं, मन भी थका रहता है। दिनचर्या प्रभावित होती है।बाकी नहीं रह जाती सोशल लाइफ ऐसे लोगों की न मेल-मिलाप में रुचि रहती है और न खुशमिजाजी भरा मूड। एक स्टडी के मुताबिक, जिन्हें नींद न आने की प्रॉब्लम है, उनके मन में समाज के प्रति अरुचि अपने आप पैदा हो जाती है। क्वालिटी स्लीप ना ले पाने वाले लोगों का बिहेवियर शिकायती और नासमझी भरा हो जाता है।
नींद की कमी करती है सेहत पर डायरेक्ट अटैकइतना ही नहीं मोटापा, अवसाद, तनाव, कमरदर्द, एंग्जाइटी और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां नींद की कमी से जुड़ी हैं। स्किन और आंखों के लिए भी नींद न आना बेहद नुकसानदायक होता है। अच्छी नींद ना ले पाने के कारण समय से पहले ही स्किन पर झुर्रियां आने लगती हैं। आंखें भी थकी सी रहती हैं। याददाश्त कमजोर होने लगती है। Pic credit- freepik