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World Sleep Day 2024: “मोबाइल या टीवी करते हैं माइंड को रिलेक्स”, क्या आप भी करते हैं ऐसे मिथकों पर भरोसा?

अच्छी नींद यानी अच्छी सेहत। नींद से जुड़े डिसऑर्डर और उनसे होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए लोगों को प्रेरित करने और जानकार बनाने के लिए World Sleep Day मनाया जाता है। इस साल यह 15 मार्च को मनाया जाएगा। इस मौके पर हम नींद से जुड़े कुछ मिथकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन पर कई लोग भरोसा करते हैं। जानें क्या हैं वे मिथक।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Fri, 15 Mar 2024 12:05 PM (IST)
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क्या आप जानते हैं नींद से जुड़े इन मिथकों की सच्चाई?
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Sleep Day 2024: अच्छी सेहत के लिए नींद पूरी होना बेहद आवश्यक होता है। सोते समय, हमारा दिमाग और शरीर के अन्य अंग रिजूविनेट होते हैं। नींद से जुड़ी समस्याओं और उनके दुष्परिणामों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल World Sleep Day मनाया जाता है। यह हर साल मार्च में Equinox से पहले आने वाले शुक्रवार को मनाया जाता है। इस साल, यह 15 मार्च को मनाया जाएगा। इसलिए हम आपको अच्छी नींद से जुड़े कुछ मिथकों (Sleep Myths) के बारे में बताने वाले हैं, ताकि आप बेहतर नींद ले सकें और आपकी सेहत को कोई नुकसान न हो।

मिथक-1 शराब पीने से अच्छी नींद आती है

कई लोग ऐसा मानते हैं कि शराब पीकर सोने से उन्हें अच्छी नींद आएगी, लेकिन यह सच नहीं है। शराब पीने से थोड़ी देर के लिए ऐसा लगता है कि आपको नींद आ रही है, लेकिन इसके कारण आपकी नींद में बाद में खलल पड़ सकता है। एल्कोहल की वजह से ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और इस कारण से आपके दिमाग को ठीक तरीके से ब्लड नहीं मिल पाता है।

इसके अलावा, शराब डायूरेटिक नेचर का होता है, जिसके कारण आपको रात को बाथरूम जाने के लिए भी उठना पड़ सकता है। इस कारण REM साइकिल में बाधा आ सकती है और आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती है।

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मिथक-2 खर्राटे लेना कोई चिंता की बात नहीं है

यह बिल्कुल सच नहीं है। खर्राटे लेना किसी स्लीप डिसऑर्डर का संकेत हो सकता है। इसलिए इसे अनदेखा करना हानिकारक साबित हो सकता है। स्लीपिंग डिसऑर्डर स्लीप एपनिया का सबसे आम लक्षण है, खर्राटे लेना। इसलिए इस समस्या का निदान करने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है।

इतना ही नहीं, खर्राटे लेने की वजह से, आपके साथ सोने वाले व्यक्ति को भी परेशानी हो सकती है। नींद पूरी करने में परेशानी होने के कारण वह चिड़चिड़ा हो सकता है और रिश्ते में भी तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है। इसलिए इस समस्या को अनदेखा न करें।

मिथक-3 रात को सोन से पहले सोशल मीडिया चलाना या टीवी देखने से रिलैक्स होते हैं

कई लोग ऐसा मानते हैं कि दिनभर की थकान दूर करने के लिए वे सोने से पहले टीवी या फोन चलाएंगे, तो उनका माइंड रिलैक्स होगा। हालांकि, ऐसा नहीं होता। रात को सोने से पहले टीवी देखना या फोन चलाने से आपका दिमाग बेहतर तरीके से मेलाटोनिन रिलीज नहीं कर पाता है।

इसकी कमी के कारण नींद न आने की समस्या हो सकती है। इसलिए सोने से पहले टीवी देखना या फोन चलाना आपकी नींद के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

World Sleep Day

मिथक-4 नाइट लाइट जलाकर सोने से कोई नुकसान नहीं होता

ऐसा नहीं है। मेलाटोनिन एक हार्मोन होता है, जो अंधेरे में बेहतर तरीके से रिलीज होता है। लाइट के कारण यह हार्मोन कम मात्रा में रिलीज होता है। नाइट लाइट से भी निकलने वाली रोशनी भी मेलाटोनिन के प्रोडक्शन को कई बार बाधा बन सकती है। इसलिए सोने वाले कमरे में सोते समय बिल्कुल अंधेरा करके सोना ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।

मिथक-5 स्लीप डेट (Sleep Debt) पूरा करने के लिए नैप लेना फायदेमंद होता है

ऐसा सच नहीं है। किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी होता है, लेकिन ऐसा न हो पाने पर, आप जितनी देर कम सोए होते हैं, वह स्लीप डेट कहलाता है। इसे पूरा करने के लिए कई लोग सोचते हैं कि दिन में नैप लेना फायदेमंद होता है, लेकिन ऐसा नहीं होता है।

हेल्दी रहने के लिए लगातार बिना किसी रुकावट के 7-8 घंटे की नींद लेनी होती है। इसलिए नैप लेने से आप थोड़ी देर के लिए एनर्जेटिक महसूस करते हैं, लेकिन इसका कोई खास फायदा नहीं होता है।

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Picture Courtesy: Freepik

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