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World Stroke Day 2023: स्ट्रोक से रिकवरी में बेहद मददगार साबित हो सकती हैं ये एक्टिविटीज

World Stroke Day 2023 स्ट्रोक दुनियाभर में होने वाली मौतों की एक प्रमुख वजह है। अनहेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। स्ट्रोक में लोगों को तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता होती है। समय पर इलाज न मिलने पर यह घातक हो सकता है। स्ट्रोक के बाद ब्रेन की कुछ एक्सरसाइजेस से मिल सकती है काफी हद तक मिल सकती है मदद।

By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghPublished: Sat, 28 Oct 2023 10:28 AM (IST)Updated: Sat, 28 Oct 2023 10:28 AM (IST)
World Stroke Day 2023: स्ट्रोक से उबरने में मददगार साबित हो सकती हैं ये एक्टिविटीज

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Stroke Day 2023: ब्रेन एक्सरसाइजेस, स्ट्रोक के बाद लोगों के सोचने, तर्क करने की क्षमता और याद्दाश्त बढ़ाने जैसी कई चीज़ों में मददगार हो सकती हैं, लेकिन इसके अलावा आपको दिमाग को दुरुस्त रखने के लिए हेल्दी डाइट, रोजाना व्यायाम करना और धूम्रपान न करने पर भी ध्यान देना होगा। स्ट्रोक से जल्द से जल्द रिकवरी के लिए डॉक्टर तरह-तरह की थेरेपीज़ सजेस्ट कर सकते हैं, लेकिन ब्रेन को ट्रेन करने के लिए ऐसी एक्सरसाइज पर फोकस करना चाहिए जिसमें आपका ब्रेन इंगेज रहे। क्योंकि स्ट्रोक के बाद लोगों के सोचने-समझने, याद रखने और तर्क करने की क्षमता पर सीधा असर पड़ता है। 

क्या है स्ट्रोक?

स्ट्रोक एक ऐसी स्थिति है, जहां मस्तिष्क में ब्लड का सर्कुलेशन या तो कम हो जाता है या तो अवरुद्ध हो जाता है या फिर ब्लड वेसेल्स फट जाती हैं। स्ट्रोक के दौरान, दिमाग में ऑक्सीजन और न्यूट्रिशन की कमी हो जाती है।

स्ट्रोक के बाद रिकवरी में मददगार हो सकती हैं ये एक्टिविटीज़

विजुअल प्रोसेसिंग गेम्स

अंतर ढूंढों वाले गेम्स बहुत ही अच्छी ब्रेन एक्ससाइज होते हैं खासतौर से उनके लिए जो स्ट्रोक के बाद रिकवरी प्रोसेस में हैं। इस एक्टिविटी में दो समान तस्वीरों में छिपे बहुत ही बारीक से अंतर को ढूंढ़ना होता है। इससे आपकी एकाग्रता बढ़ती है।

ब्रेन टीजर्स

ब्रेन टीजर्स जैसे क्रॉसवर्ड पजल्स और सुडोकू बहुत ही मददगार एक्सरसाइजेस है स्ट्रोक से रिकवरी कर रहे पेशेंट्स के लिए। इन्हें करने से पेशेंट की तार्किक और विश्लेषण क्षमता बढ़ती है।

पैसे गिनना

ये भी एक बहुत अच्छी एक्सरसाइज साबित हो सकती है। पर्स, शर्ट की जेब और इधर-उधर पड़े सिक्कों को बटोर लें। अब एक ही तरह के सिक्कों को एक साथ रखने की कोशिश करें। बाद में इन्हें जोड़ने का काम करें। इसके लिए कैलकुलेटर का इस्तेमाल करने के बजाय खुद के दिमाग का इस्तेमाल करें। इससे याददाश्त बढ़ती है और जोड़-घटाव, गुणा-भाग करने की क्षमता भी सुधरती है।

कोई कला सिखें

हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स आर्ट थेरेपी का इस्तेमाल करते हैं लोगों को कई तरह की बीमारियों से उबारने के लिए। आर्ट थेरेपी से स्ट्रेस दूर होता है और इमोशन्स जाहिर करने का भी ये बेहतरीन जरिया होता है। लेकिन फीलिंग्स जाहिर करने के अलावा पेटिंग, स्केचिंग, क्रॉफ्ट ये सारी चीज़ें हाथ और आंखों के बीच कोऑर्डिनेशन बिठाने का भी काम करती हैं। इससे दिमाग के कार्य क्षमता भी बढ़ती है।

नई चीज़ें ट्राई करें

स्ट्रोक से रिकवरी कर रहे पेशेंट को आप कोई नई चीज़ सीखने के लिए प्रेरित करें। फिर चाहे वो डांसिंग हो, म्यूजिक या फिर कोई स्पोर्ट्स। इससे काफी हद तक मानसिक शांति मिलती है और ब्रेन की फंक्शनिंग भी बेहतर होती है।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें किसी पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Pic credit- freepik


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